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घटती संवृद्धि एवं जमाकर्त्ताओं को आकर्षित करने हेतु बैंक की रणनीतियाँ

  • 20 Aug 2024
  • 12 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

जमा वृद्धि में मंदी और पूंजी बाज़ारों से बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के बीच भारत में बैंकिंक क्षेत्र द्वारा जमाकर्त्ताओं को आकर्षित करने तथा ऋण मांगों को पूरा करने के लिये विशेष रणनीतियाँ बनाई गई हैं। 

  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे प्रमुख बैंकों ने जमाराशि में गिरावट दर्ज़ की है, SBI के चालू खाता और बचत खाता (CASA) जमाराशि 19.14 लाख करोड़ रुपए से घटकर 19.41 लाख करोड़ रुपए हो गई तथा कुल जमाराशि 49.16 लाख करोड़ रुपए से घटकर 49.01 लाख करोड़ रुपए हो गई।
    • ऋण वृद्धि में 15.1% की वृद्धि हुई, जबकि जमा वृद्धि घटकर 10.6% रह गई, जो एक महत्त्वपूर्ण अंतर को उजागर करता है।
  • ग्राहक बेहतर रिटर्न के लिये बैंक जमा की तुलना में पूंजी बाज़ार का विकल्प चुन रहे हैं, जिसके कारण पारंपरिक जमा वृद्धि में गिरावट आ रही है।
  • घटती जमाराशि को नियंत्रित करने के लिये SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंकों ने प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों (जैसे, 444 दिनों के लिये 7.25%) की पेशकश करते हुए विशेष जमा योजनाएँ शुरू कीं।
    • ये योजनाएँ ऐसे जमाकर्त्ताओं को आकर्षित करने के लिये  तैयार की गई हैं जो कम ब्याज दर पर अधिक रिटर्न चाहते हैं।
  • बैंक वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं जैसे विशिष्ट वर्गों को लक्षित कर रहे हैं तथा जमाराशि को प्रभावी ढंग से जुटाने के लिये आकर्षक दरें व अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान कर रहे हैं। 
  • वित्त मंत्री ने केवल बड़ी रकम पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय छोटी जमाराशियों को जुटाने के महत्त्व पर ज़ोर दिया।

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