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बालोन प्रोटीन

  • 25 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में वैज्ञानिकों ने बैलोन नामक एक प्रोटीन की खोज की है, जो साइक्रोबैक्टर यूरेटिवोरन्स (Psychrobacter Urativorans) नामक जीवाणु को प्रतिकूल जीवन स्थितियों में अपनी कोशिकीय गतिविधियों को बाधित करने तथा ऐसी जीवन स्थितियों में सुधार होने पर उसे पुनः शुरू करने में सक्षम बनाता है।

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि बालोन बैक्टीरिया के राइबोसोम के सक्रिय प्रोटीन संश्लेषण केन्द्रों से बंधा हुआ है, जो राइबोसोम को नए प्रोटीन बनाने से रोकता है।
  • बालोन की कार्यप्रणाली अन्य प्रोटीनों से भिन्न है जो कोशिकाओं को धीमा करने या बंद करने में मदद करते हैं।
  • बालोन के मामले में, जब बैक्टीरिया की बाह्य परिस्थितियाँ बेहतर हुईं, तो कोशिकाओं ने प्रोटीन संश्लेषण पुनः शुरू कर दिया।
  • यह खोज हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि बैक्टीरिया आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट जैसे कठोर वातावरण में कैसे जीवित रहते हैं।
  • इससे यह भी पता चलेगा कि साइक्रोबैक्टर समूह के जीवाणु, जो प्रशीतित भोजन को सड़ा देते हैं, अत्यधिक ठंडे तापमान में जीवित कैसे रहते हैं।

और पढ़ें: आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट

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