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खगोलविदों द्वारा गर्म हीलियम तारे की खोज

  • 27 Feb 2024
  • 7 min read

स्रोत: द हिंदू 

खगोलविदों ने हाल ही में बाइनरी प्रणाली में पाए जाने वाले गर्म, हीलियम से आबद्ध तारों के एक समूह की पहचान की है, जो संभावित रूप से तारों की गति और विकास के बारे में हमारी समझ को गहरा कर रहा है।

खोज़ के प्रमुख परिणाम क्या हैं?

  • पराबैंगनी प्रकाश का पता लगाने में सक्षम दूरबीन का उपयोग करते हुए, खगोलविदों ने वृहत और लघु मैगेलैनिक बादलों में लगभग 5 लाख तारों का अवलोकन किया।
    • वृहत मैगेलैनिक बादल और लघु मैगेलैनिक बादल दो वामन आकाशगंगाएँ हैं जो आकाशगंगा (Milky Way) की सहचरी हैं।
  • कुछ तारों ने असामान्य गति प्रदर्शित की, जो उनकी गति को प्रभावित करने वाले सहचरियों (द्विआधारी प्रकृति) की उपस्थिति का संकेत देती है।
    • 25 तारों के ऑप्टिकल स्पेक्ट्रा के बाद के विश्लेषण से उनकी मौलिक संरचना का पता चला, जिससे विभिन्न  तारकीय समूहों की पहचान हुई।
  • तारों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया:
    • कक्षा 1 (हीलियम-समृद्ध, हाइड्रोजन-रहित)
    • कक्षा 2 और कक्षा 3 (हीलियम युक्त, हाइड्रोजन सहित)

तारों की बाइनरी प्रणाली क्या है?

  • परिचय: यह उन तारों के युग्म को संदर्भित करता है जो गुरुत्वाकर्षण से एक दूसरे से बंधे होते हैं और साथ ही द्रव्यमान के एक सामान्य केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
    • एक अनुमान के अनुसार 85% या अधिक तारे वास्तव में बाइनरी अथवा बहु-तारा प्रणाली का हिस्सा हैं।
  • वर्गीकरण
    • विज़ुअल बाइनरीज़: इनमें दो तारे शामिल हैं जिन्हें टेलीस्कोप का उपयोग करके अलग किया जा सकता है, जिससे उन्हें पहचानना सबसे आसान हो जाता है।
    • स्पेक्ट्रोस्कोपिक बाइनरीज़: ये तारे इतने समीप होते हैं कि इन्हें शक्तिशाली टेलीस्कोप से भी आसानी से नहीं देखा जा सकता है।
      • हालाँकि उनकी वर्णक्रमीय रेखाओं में आवधिक बदलावों को देखकर उनकी उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है।
    • ग्रहणशील बाइनरीज़: ये बाइनरी सिस्टम इस तरह से संरेखित हैं कि एक तारा समय-समय पर दूसरे के सामने से गुज़रता है।
      • यह घटना संयुक्त प्रणाली की चमक में एक अस्थायी गिरावट उत्पन्न करती है, जिससे खगोलविदों को अदृश्य तारे की उपस्थिति की पुष्टि करने के साथ उसके गुणों का अध्ययन करने की अनुमति प्राप्त होती है।
    • एस्ट्रोमेट्रिक बाइनरीज़: इन बाइनरी प्रणाली का पता अप्रत्यक्ष रूप से किसी एकल तारे की डगमगाती गति को मापकर लगाया जाता है।
      • यह डगमगाहट अदृश्य साथी तारे के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण होती है।
  • बाइनरी प्रणाली की पुष्टि: जब किसी तारे में निहित ऊर्जा /ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण उस पर हावी हो जाता है, जिससे एक सुपरनोवा विस्फोट होता है और उसकी बाह्य परतें हट जाती हैं। 
    • कुछ सुपरनोवा में हाइड्रोजन की कमी होती है, जो विस्फोट-पूर्व बाह्य परत के पृथक् होने का संकेत देती है।
      • यह बाइनरी प्रणाली में ही हो सकता है, जहाँ सहचर तारे की बाह्य हाइड्रोजन परत मूल तारे के गुरुत्वाकर्षण बल से हट जाती है, जिससे हीलियम-समृद्ध तारे का पता चलता है।
    •  खगोलविदों को अब तक केवल एक ही ऐसी बाइनरी प्रणाली मिली है।

तारों का अस्तित्व अरबों वर्षों तक किस प्रकार बना रहता है?

  • तारों का अस्तित्व दो प्रतिरोधी बलों: नाभिकीय संलयन और गुरुत्वाकर्षण के बीच एक सूक्ष्म संतुलन के माध्यम से अरबों वर्षों तक बना रहता है। 
  • उदाहरण के लिये: इस तथ्य के बावजूद कि सूर्य के क्रोड में परमाणु संलयन एक महत्त्वपूर्ण स्थिरीकरण बल के रूप में कार्य करता है, न्यूटन का सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम बताता है कि गुरुत्वाकर्षण के कारण सूर्य का क्षय होता है।
    • परमाणु संलयन में हाइड्रोजन और हीलियम जैसे हल्के तत्त्वों के नाभिकों का विलय होता है, जिससे पर्याप्त ऊष्मा ऊर्जा उत्सर्जित होती है।
    • यह ऊर्जा आंतरिक दाब उत्पन्न करती है और गुरुत्वाकर्षण बल का प्रतिकार करती है जिससे संतुलन बना रहता है। 
  • इसलिये सूर्य जैसे तारे बाह्य संलयन ऊर्जा और आंतरिक गुरुत्वीय खिंचाव के बीच इस संतुलन को बनाए रखते हैं जिससे अनेक वर्षों तक उनकी स्थायी उपस्थिति सुनिश्चित होती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में 'इवेंट होराइज़न', 'सिंग्युलैरिटी', 'स्ट्रिंग थ्योरी' और 'स्टैंडर्ड मॉडल' जैसे शब्द, किस संदर्भ में आते हैं? (2017) 

(a) ब्रह्मांड का प्रेक्षण और बोध
(b) सूर्य और चंद्र ग्रहणों का अध्ययन
(c) पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का स्थापन
(d) पृथ्वी पर जीवित जीवों की उत्पत्ति और क्रमविकास

उत्तर: (a)


मेन्स: 

प्रश्न. ‘नासा’ का जूनो मिशन पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास को समझने में किस प्रकार सहायता करता है? (2017)

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