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भारतीय विरासत और संस्कृति

विश्व स्मारक निगरानी सूची

  • 12 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये

कारेज़ प्रणाली, विश्व स्मारक कोष

मेन्स के लिये

सुरंगा बावड़ी

चर्चा में क्यों?

न्यूयार्क स्थित गैर सरकारी संगठन विश्व स्मारक कोष (World Monuments Fund-WMF) ने प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली सुरंगा बावड़ी (Suranga Bawadi) को विश्व स्मारक निगरानी सूची-2020 में शामिल किया है।

मुख्य बिंदु

  • WMF द्वारा इस बावड़ी का चयन WMF द्वारा ‘दक्कन के पठार की प्राचीन जल प्रणाली’ (Ancient Water System of the Deccan Plateau) की श्रेणी के तहत किया गया है।
  • वर्ष 2020 के लिये इस सूची में विश्व के 25 स्थलों का चयन किया गया है।
  • इस सूची में शामिल होने के बाद इस बावड़ी के जीर्णोद्धार के लिये WMF द्वारा अगले 2 वर्षों के लिये जीर्णोद्धार (Restoration) वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी।
  • WMF इसके जीर्णोद्धार के लिये स्थानीय प्रशासन व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India-ASI) सहित अन्य हितधारकों के साथ मिल कर कार्य करेगा।

सुरंगा बावड़ी

(Suranga Bawadi)

  • सुरंगा बावड़ी कर्नाटक के विजयपुरा में स्थित है।
  • सुरंगा बावड़ी प्राचीन कारेज़ प्रणाली पर आधारित है।
  • इस बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में आदिल शाह प्रथम ने करवाया था तथा आदिल शाह प्रथम के उत्तराधिकारी इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय ने इसको मज़बूत करने के लिये इसमें कई संरचनात्मक सुधार किये थे।
  • इस बावड़ी का प्रयोग शहर को जलापूर्ति हेतु किया जाता था।

कारेज़ प्रणाली

(Karez system)

  • कारेज़ प्रणाली में भूमिगत नहरों का जाल होता है तथा इन नहरों के द्वारा शहर को जलापूर्ति की जाती थी।
  • यह प्रणाली भूमिगत जलस्रोतों (कुओं/झरनों) से जल का संग्रहण करती है।
  • इस प्रणाली की उत्पत्ति फारस में पहली शताब्दी ईसा पूर्व में हुई थी।

विश्व स्मारक कोष

(World Monuments Fund-WMF)

  • वर्ष 1965 में स्थापित WMF न्यूयार्क स्थित एक गैर-सरकारी संगठन (Non Governmental Organisations- NGO) है।
  • विश्व स्मारक निगरानी एक वैश्विक कार्यक्रम है जिसे वर्ष 1995 में शुरु किया गया।
  • कोष का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत स्थलों की पहचान करना और उनके संरक्षण के लिये वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना है।

स्रोत: द हिंदू

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