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जैव विविधता और पर्यावरण

बेहतर आवास के लिये प्रौद्योगिकी

  • 07 Oct 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र द्वारा शहरों एवं नगरों की स्थिति और सभी को पर्याप्त आश्रय के मूल अधिकार को दर्शाने के लिये हर साल अक्तूबर माह के पहले सोमवार को विश्व पर्यावास दिवस (World Habitat Day) के रूप में आयोजित करने हेतु नामित किया गया है। वर्ष 2019 में इसे 7 अक्तूबर को मनाया गया जिसकी थीम थी - “कचरे को धन में बदलने हेतु एक अभिनव उपकरण के रूप में सीमांत प्रौद्योगिकी”(Frontier Technologies as an innovative tool to transform waste to wealth)।

World Habitat Day 2019

पृष्ठभूमि:

  • विश्व पर्यावास दिवस की घोषणा पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1985 में की गई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अक्तूबर महीने के पहले सोमवार को विश्व पर्यावास दिवस के रूप में घोषित किया है।
  • इसे पहली बार वर्ष 1986 में मनाया गया था।

संदर्भ:

  • वैश्विक स्तर पर आवास संकट की स्थिति विद्यमान है।
    • दुनिया भर में लगभग 1.6 बिलियन लोग घटिया आवासों में रह रहे हैं और लगभग 100 मिलियन लोग बेघर हैं।
    • यह इंगित करता है कि कुछ गंभीर कार्रवाइयाँ अत्यावश्यक हैं अन्यथा पूरी दुनिया में झुग्गी निवासियों की संख्या में लगातार वृद्धि होती रहेगी तथा स्थिति और भी अधिक चिंताजनक हो जाएगी।
  • इस आयोजन के पीछे पर्याप्त आश्रय, पानी, स्वच्छता, स्वास्थ्य, अन्य बुनियादी सेवाएँ, अच्छी शिक्षा तक आसान पहुँच, रोजगार की संभावनाएँ आदि उपलब्ध कराना शामिल है।
  • इसके साथ ही बेघर लोगों की परेशानियों, तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के मुद्दों और इसके आसपास के वातावरण तथा मानव पर इसके प्रभावों का आकलन करने के लिये आवास दिवस मनाया जाता है।

उद्देश्य:

  • पूरी दुनिया में बेहतर आवास की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए सहयोग करना।
  • हर जगह सस्ता और पर्याप्त आवास की प्राथमिकता साझा करना।
  • घटिया आवास बनाने वाले व्यक्ति की नीतियों और दृष्टिकोण सहित सिस्टम में सकारात्मक बदलाव लाने की पहल करना।
  • उचित आश्रय हेतु बुनियादी मानव अधिकारों को ध्यान में रखते हुए राज्यों और कस्बों में इसे सार्थक बनाना।
  • भावी पीढ़ी के आवास हेतु साझा जिम्मेदारी के संदर्भ में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना।

विश्व पर्यावास दिवस 2019

  • इस वर्ष के विश्व पर्यावास दिवस का ध्येय सतत विकास लक्ष्य 11: समावेशी, सुरक्षित, लचीला और स्थायी शहर की स्थिति प्राप्त करने हेतु स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन के लिये अभिनव सीमांत प्रौद्योगिकियों (Innovative Frontier Technologies) के योगदान को बढ़ावा देना है।
  • ठोस कचरे से परे जाकर इसमें मानव गतिविधि (ठोस, तरल, घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक) द्वारा उत्पादित सभी अपशिष्ट शामिल हैं, जो जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण पर लगातार विनाशकारी रूप से प्रभावी हैं।
  • इस वर्ष विश्व पर्यावास दिवस का वैश्विक समारोह 7 अक्तूबर को मैक्सिको सिटी में आयोजित किया गया। साथ ही इस समारोह को दुनिया भर में कई स्थानों पर आयोजित किया गया।

प्रौद्योगिकी का महत्त्व:

  • विश्व आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण (World Economic and Social Survey)- 2018 के अनुसार, सीमांत प्रौद्योगिकियाँ लोगों के काम करने और रहने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा जलवायु परिवर्तन के समाधान के प्रयासों में तेज़ी लाने की काफी संभावनाएँ रखती हैं।
  • सीमांत प्रौद्योगिकियाँ, जैसे- स्वचालन (Automation), रोबोटिक्स (Robotics), इलेक्ट्रिक वाहन, अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ, जैव-प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय क्षेत्रों में बेहतर बदलाव कर सकती हैं।
  • ये अपशिष्ट प्रबंधन सहित रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान हेतु बेहतर, सस्ता, तीव्र, और आसान विकल्प साबित हो सकते हैं।

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड

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