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सांसद आदर्श ग्राम योजना

  • 22 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सांसद आदर्श ग्राम योजना 

मेन्स के लिये:

सांसद आदर्श ग्राम योजना 

चर्चा में क्यों?

‘ग्रामीण विकास मंत्रालय’ (Ministry of Rural Development) द्वारा कराए गए एक अध्ययन के अनुसार,  ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ (Sansad Adarsh Gram Yojana- SAGY) सांसदों की पर्याप्त रुचि के अभाव तथा धन की कमी से प्रभावित हो रही है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह अध्ययन पाँचवें 'सामान्य समीक्षा मिशन’ (Common Review Mission- CRM) के एक भाग के रूप में किया गया है।
  • ‘सामान्य समीक्षा मिशन’ ग्रामीण विकास मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों तथा योजनाओं की प्रगति की स्वतंत्र रूप से समीक्षा करने का कार्य करता है।
  • इस अध्ययन टीम में सेवानिवृत्त नौकरशाह, शिक्षाविद, और विभिन्न अनुसंधान संगठनों के सदस्य शामिल होते हैं।

सांसद आदर्श ग्राम योजना

(Saansad Adarsh Gram Yojana- SAGY):

  • वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र-निर्माण के हिस्से के रूप में सांसद आदर्श ग्राम योजना की घोषणा की गई थी। 
  • इस योजना के तहत लोकसभा सांसदों को वर्ष 2016 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक आदर्श ग्राम को विकसित करना है तत्पश्चात वर्ष 2019 तक तीन और वर्ष 2024 तक पाँच आदर्श ग्रामों का निर्माण करना था।

योजना के उद्देश्य:

  • इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक ज़िले में न्यूनतम एक आदर्श ग्राम का विकास करना था ताकि निकटवर्ती ग्राम पंचायतों को उन उपायों को अपनाने के लिये प्रेरित कर सके।
  • इस योजना का उद्देश्य चयनित ग्रामों को कृषि, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, आजीविका, पर्यावरण, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सशक्त बनाना था।

योजना के तहत गतिविधियाँ:

Holistic-development

योजना की प्रगति:

  • इस योजना में शुरुआत के कुछ महीनों के बाद से ही संसद के सदस्यों की भागीदारी में कमी देखी गई है। अब तक योजना के पाँच चरणों के तहत केवल 1,855 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, जिसमें पाँचवें चरणों में केवल सात ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

  • अध्ययन के अनुसार, योजना का वर्तमान प्रारूप वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है तथा ग्रामीण अवसंरचना पर इस योजना का कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव दिखाई नहीं दिया है।
  • अनेक क्षेत्रों में ‘सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ ( Members of Parliament Local Area Development Scheme- MPLADS) योजना के तहत आवंटित निधि का बहुत कम उपयोग किया गया है।
  • अनेक ग्राम पंचायतों में अवसंरचना कार्य धन की कमी से जूझ रहे हैं।
  • यह विडंबना है कि अभी तक अनेक ग्राम जिनका आदर्श ग्राम के रूप में चयन किया गया है, उन्हें अभी तक ‘खुले में शौच मुक्त’ (Open Defication Free- ODF) घोषित नहीं किया गया है।
  • कुछ क्षेत्रों में MPLAD तथा मनरेगा योजना का अभिसरण SAGY योजना के साथ किया गया है जबकि अन्य क्षेत्रों में इस प्रकार का अभिसरण देखने को नहीं मिलता है। 

आगे की राह:

  • योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिये योजना की समीक्षा किये जाने की आवश्यकता है।
  • सांसद आदर्श ग्राम योजना न केवल ग्रामीण विकास के अवसर प्रदान करती है बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है, इसलिये वर्तमान समय में इस बात की बहुत आवश्यकता है कि ग्रामीण विकास की नवीन योजनाओं की परिकल्पना के साथ ही उनके क्रियान्वन पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाए।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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