इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

उम्रदराज़ होती जनसंख्या और रोबोटिक्स के अंतर्संबंध

  • 19 Sep 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

  • बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि उम्रदराज़ होती जनसंख्या आर्थिक विकास के लिये एक बड़ा खतरा बन गई है।
  • पश्चिम में अमीर देशों की युवा और कामकाजी आयु की आबादी कम प्रजनन दर के कारण तेजी से कम हुई है, जबकि चीन और भारत जैसे देश अपनी युवा मानव-संसाधन के दम पर बेहतर आर्थिक विकास कर सकते हैं।
  • ऐसे में उम्रदराज़ जनसंख्या वाले देशों कम जीडीपी ग्रोथ होनी चाहिये, लेकिन हाल में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में उसके विपरीत बाते कही गई हैं।

रिसर्च पेपर में क्या?

  • हाल ही में ‘सेकुलर स्टैगनेशन’ (Secular Stagnation) नाम से प्रकाशित अपने पेपर में ‘डोरोन एसेमोल्लू’ (Daron Acemoglu) और ‘पास्कल रिस्ट्रोपो’ (Pascual Restrepo) ने दिखाया है कि उम्रदराज़ जनसंख्या वाले देशों की जीडीपी में तेज़ी से वृद्धि हुई है।

इस वृद्धि के कारण क्या हैं?

  • पश्चिमी देशों ने इन परिस्थितियों में तकनीक और प्रौद्योगिकी को तेज़ी से अपनाया है, उदाहरण के लिये इन देशों में रोबोटिक्स का सर्वाधिक विकास हुआ है।
  • अतः यह प्रवृत्ति समाने आई है कि जब किसी देश की युवा और कामकाजी आबादी में कमी आती है, तो बेहतर तकनीक को अपनाने से नुकसान की भरपाई की जा सकती है।

रोबोटिक्स क्या है?

  • रोबोटिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमे मशीनें मानव को विस्थापित कर उसके अधिकतर कार्य करती हैं। गहरी और खतरनाक खानों मे खुदाई करना, समुद्र की तलहटी मे कार्य करना इत्यादि जैसे कार्यों के लिये रोबोटिक्स वरदान साबित हो सकता है।
  • दरअसल, रोबॉट की अभिकल्पना, निर्माण और अभिप्रयोग के विज्ञान और तकनीकों को रोबॉटिक्स कहते हैं।  रोबोटिक्स तकनीक के क्षेत्र में काफी तेज़ी से विकास हो रहा है।
  • आजकल रोबोट का इस्तेमाल तकरीबन हर क्षेत्र में होने लगा है। एक तरफ रोबोट चाँद पर भेजे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कंपनियों में भी बडे पैमाने पर इनका इस्तेमाल होने लगा है।

निष्कर्ष

  • गौरतलब है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों में ‘रोबोट्स बनाम रोज़गार’ एक व्यापक बहस का मुद्दा है, लेकिन वैश्विक परिप्रेक्ष्य में बात करें तो अर्थव्यवस्था में रोबोट के उपयोग के मामले में भारत अभी बहुत पीछे है।
  • हालाँकि, जिस तेजी से रोबोट बढ़ रहे हैं, यदि यह रुझान और पाँच-दस साल तक जारी रहा तो इससे भारत में रोज़गार पर असर पड़ सकता है और रोबोट की वजह से उद्योग-कारोबार में कुछ नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं।
  • दरअसल, भारत में अधिकांश जनसंख्या युवा है, ऐसे में भारत को रोबोटिक्स को लेकर सावधान रहने की ज़रूरत है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2