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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 18 जनवरी, 2018

  • 18 Jan 2018
  • 10 min read

रक्षा उद्योग विकास समागम

रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा 18 जनवरी, 2018 से चेन्नई में दो दिवसीय ‘रक्षा उद्योग विकास समागम’ का आयोजन किया जा रहा है। 

उद्देश्य

  • समागम का उद्देश्य निजी उद्योग के साथ नई साझेदारी बनाना है, ताकि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की जा सके। 
  • यह आयोजन मंत्रालय द्वारा रक्षा उत्पादन के संबंध में निजी उद्योगों की भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिये उठाए गए कदमों के अनुरूप किया जा रहा है। 
  • इसमें हिस्सा लेने वाली निजी कंपनियों और खासतौर से तमिलनाडु क्षेत्र के विक्रताओं को मौजूदा रक्षा खरीद नीति के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।

समागम की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  • 700 से अधिक विक्रेताओं द्वारा इसमें हिस्सा लिया जाएगा।
  • निजी उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिये सत्र के दौरान प्रेजेन्टेशन दिया जाएगा और डीपीएसयू (Defence Public Sector Undertakings-DPSUs)/रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उन्हें बातचीत करने का अवसर दिया जाएगा।
  • समागम के दौरान एयरोस्पेस, भू-प्रणालियों और नौसेना उपकरणों के संबंध में भी कईं सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
  • रक्षा प्रदर्शनी-डीपीएसयू/ओएफबी (Ordnance Factories Board) आयोजन स्थल पर स्टॉल लगाएंगे और उन उपकरणों का प्रदर्शन करेंगे, जिन्हें निजी उद्योग/एमएसएमई द्वारा देश में बनाया जाना है। 
  • एक विशेष स्टॉल तमिलनाडु के एमएसएमई का लगाया जाएगा, जहाँ उनके उत्पादों/क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
  • एमएसएमई द्वारा घरेलू स्तर पर निर्माण किये जाने संबंधी आवश्यक उपकरणों आदि का प्रदर्शन सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा किया जाएगा। 
  • इस समागम से व्रिकेताओं को एक अनोखा अवसर प्राप्त होगा, जिसके तहत वे डीपीएसयू/ओएफबी के साथ बातचीत करके उनकी आवश्यकताओं और खरीद प्रक्रियाओं को समझ सकेंगे। 
  • इस दो दिवसीय समागम के दौरान न केवल मौजूदा साझेदारी मज़बूत होगी, बल्कि नए सहयोग का रास्ता भी प्रशस्त होगा।

वैश्विक खाद्य और कृषि फोरम

18 से 20 जनवरी, 2018 तक जर्मनी के बर्लिन में खाद्य और कृषि विषय पर 10वें वैश्विक फोरम का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत कृषि मंत्रियों के 10वें बर्लिन सम्‍मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। 

  • कृषि और संबंधित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये जर्मनी, उज्‍़बेकिस्‍तान और अर्जेंटीना के कृषि मंत्रियों/प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा। 
  • यह विश्‍व का सबसे बड़ा कृषि मंत्री सम्‍मेलन है।

थीम

  • इस वर्ष की थीम ‘सतत् पोषकता, जवाबदेही और कुशलता के साथ पशुधन के भविष्‍य को बेहतर बनाना’ है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • वैश्विक खाद्य और कृषि फोरम (Global Forum For Food and Agriculture - GFFA) एक अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन है, जो वैश्विक कृषि-खाद्य क्षेत्र के भविष्‍य के प्रश्‍नों पर विचार करता है।
  • अंतर्राष्‍ट्रीय ग्रीन सप्‍ताह (International Green Week -IGW) के दौरान इसका आयोजन किया गया था और वर्तमान स्‍वरूप में 8वीं बार इसका आयोजन किया जा रहा है।
  • फोरम राजनीति, व्‍यापार, विज्ञान और सिविल सोसायटी आदि क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को भाग लेने का अवसर देता है। इस फोरम के माध्‍यम से वे अपने विचार साझा कर सकते हैं और वर्तमान कृषि नीति के कुछ विषयों पर अपनी समझ को बेहतर बना सकते हैं।
  • जीएफएफए का आयोजन जीएफएफए  बर्लिन, बर्लिन सीनेट और मैसी बर्लिन के सहयोग से खाद्य, कृषि और उपभोक्‍ता संरक्षण के संघीय मंत्रालय (Federal Ministry of Food, Agriculture and Consumer Protection -BMEL) द्वारा किया जाता है।

सोलीगा/शोलगा/शोलागा जनजाति

सोलिगा/शोलगा/शोलागा भारत का एक जातीय समूह है। यह दक्षिणी कर्नाटक की बलिगिरिरंगा पहाड़ी (Biligiriranga Hills) और तमिलनाडु के चामराजनगर (Chamarajanagar) और ईरोड ज़िलों (Erode districts) में निवास करती है।

  • यह एक अनुसूचित जनजाति है।
  • सोलिगा समूह की मातृ भाषा शोलगा है, जो द्रविड़ परिवार से संबंधित है। 
  • सोलिगा समूह के पाँच उप-समूह हैं- 
    ⇒ पुरुष सोलिगा:  कर्नाटक में निवास करने वाला समूह (भाषा-कन्नड़)।
    ⇒ उरली सोलिगा: तमिलनाडु के सीमावर्ती इलाकों में निवास करने वाला समूह (भाषा-कन्नड़)।
    ⇒ पुजारी समूह : माल्या महादेश्वरा पहाड़ियों (Maleya Mahadeshwara Hills) में निवास करने वाला समूह।
    ⇒ काडो सोलिगा (Kadu Soliga): बांदीपुर वन में निवास करने वाला समूह। 
    ⇒ बरुड सोलिगा (Burude Soliga): हेगड़ेदेवनकोट तालुका (Heggadadevanakote Taluk) और कोडागु (Kodagu) में निवास करने वाला समूह। 

साइबर और सूचना सुरक्षा विभाग

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत नवगठित साइबर और सूचना सुरक्षा (Cyber & Information Security -CIS) विभाग के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्‍वय केन्‍द्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre -I4C) तथा साइबर पुलिस बल का गठन किया जाएगा। गृह मंत्रालय के अंतर्गत सीआईएस प्रभाग का गठन 10 नवंबर, 2017 को किया गया था।

  • सीआईएस विभाग के चार प्रभाग होंगे – 
    ⇒ सुरक्षा निकासी (क्‍लियरेंस)।
    ⇒ साइबर अपराध रोकथाम। 
    ⇒ साइबर सुरक्षा।
    ⇒ सूचना सुरक्षा।
  • प्रत्‍येक प्रभाग के प्रमुख अवर सचिव स्‍तर के अधिकारी होंगे। 
  • इसके अंतर्गत मुख्‍य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ) और उप सीआईएसओ की नियुक्ति का भी प्रस्‍ताव दिया गया है।
  • वित्‍तीय धोखाधडी के लिये एक ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाने का भी प्रस्‍ताव प्रस्तुत किया गया है।

विशेषताएँ

  • राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति सभी संबंधित हितधारकों, उपयोक्‍ताओं और जनता के साथ परामर्श के बाद तैयार की गई है। इसकी मुख्‍य विशेषताएँ इस प्रकार हैं- 
  • इस नीति का लक्ष्‍य इलेक्‍ट्रॉनिक लेन-देन का सुरक्षित माहौल तैयार करना, विश्‍वास और भरोसा कायम करना तथा साइबर जगत की सुरक्षा के लिये हितधारकों के कार्यों में मार्गदर्शन करना है।
  • देश में सभी स्‍तरों पर साइबर सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिये व्‍यापक, सहयोगात्‍मक और सामूहिक कार्रवाई हेतु रूपरेखा तैयार करना। इस नीति में ऐसे उद्देश्‍यों और रणनीतियों की आवश्‍यकता को मान्‍यता दी गई है जिन्हें राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनाए जाने की आवश्‍यकता है।
  • इस नीति का विज़न और मिशन नागरिकों, व्‍यवसायियों और सरकार के लिये साइबर जगत को सुरक्षित और लचीला बनाना है।
  • इसका लक्ष्‍य देश के अंदर सभी हितधारकों के बीच सहयोग और समन्‍वय को बढ़ावा देना है। 
  • राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा विज़न और मिशन के समर्थन में उद्देश्‍य एवं रणनीति तय की गई हैं। 
  • इससे साइबर सुरक्षा अनुपालन, साइबर हमलों, साइबर अपराध और साइबर बुनियादी ढाँचा वृद्धि जैसे रुझानों की राष्‍ट्रीय स्‍तर पर निगरानी की जा सकेगी।
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