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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

राष्ट्रीय महत्त्व के रेल मार्गों पर संचालन की भरपाई

  • 07 Aug 2017
  • 3 min read

संदर्भ

भारतीय रेलवे देश के पहाड़ी, समुद्र तटीय और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में भी रेलगाड़ियों का संचालन करता है। यद्दपि ऐसे मार्गों पर रेलगाड़ियों का संचालन करना वाणिज्यिक दृष्टि से लाभदायक नहीं है, परंतु रेलवे को वहाँ भी रेलगाड़ियों का संचालन करना पड़ता है क्योंकि ये क्षेत्र राष्ट्र के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।

इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री कार्यालय ने वित्त मंत्रालय को भारतीय रेलवे को देश के अंदर रणनीतिक महत्त्व की लाइनों और पिछड़े क्षेत्रों में गैर-लाभकारी रेलगाड़ियों के संचालन से हुई हानि की भरपाई  करने का निर्देश दिया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • वित्त मंत्रालय, भारतीय रेलवे को प्रत्येक वर्ष रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण छह रेल मार्गों एवं पहाड़ी, तटीय और पिछड़े क्षेत्रों में रेलगाड़ियों के संचालन के कारण होने वाले  नुकसान की भरपाई करता था। 
  • परंतु केंद्रीय बजट एवं रेलवे के विलय के बाद से वित्त मंत्रालय ने रेलवे को वार्षिक सहायिकी (सब्सिडी) प्रदान करने की प्रथा बंद कर दी थी। 
  • प्रधानमंत्री कार्यालय के इस निर्देश ने अब इस विवाद को समाप्त कर दिया है जो केंद्रीय बजट एवं रेलवे के विलय के बाद उभरा था। रेलवे को प्रधानमंत्री कार्यालय के इस निर्णय से राहत मिली है। 

वित्त पोषण 

  • भारतीय रेलवे यह महसूस करता है कि राष्ट्रीय और सामरिक महत्त्व की परंतु गैर-लाभकारी रेल मार्गों पर रेलगाड़ियों को चलाकर वह जो सामाजिक सेवाएँ प्रदान करता है, उसका वित्त पोषण केंद्र सरकार को करना चाहिये।

छोटा-सा हिस्सा

  • सामरिक महत्त्व के रेल मार्गों पर रेलगाड़ियों के संचालन से होने वाली हानि रेलवे द्वारा सामाजिक सेवा दायित्वों के लिये वहन की जा रही हानि का एक छोटा-सा हिस्सा है।
  • एक आँकलन के अनुसार, भारतीय रेलवे को सामाजिक सेवा दायित्वों के निर्वहन के लिये 34,000 करोड़ रुपये का नुकसान सहना पड़ता है।
  • वर्ष 2017-18 के लिये रेलवे को वित्त मंत्रालय से 1200 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।

सिफारिशें

  • तृणमूल काँगेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की अध्यक्षता वाली रेलवे की स्थायी समिति और भाजपा के अनुभवी नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली प्राक्कलन समिति ने भी अपनी रिपोर्टों में राष्ट्रीय महत्त्व की, परंतु अलाभकारी रेल मार्गों में निवेश से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये रेलवे को धन दिये जाने की सिफारिशें की थीं।
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