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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (4 March)

  • 04 Mar 2019
  • 11 min read
  • भारत का पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 25 जनवरी, 2019 को IEA बायो-एनर्जी TCP का 25वाँ सदस्य बन गया है। आपको बता दें कि बायो-एनर्जी (IEA बायो-एनर्जी TCP) संबंधी अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी सहयोग कार्यक्रम विभिन्न देशों के बीच सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है। इसका उद्देश्य बायो-एनर्जी अनुसंधान और विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाने वाले देशों के बीच सहयोग तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान में सुधार करना है। ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड्स, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विटज़रलैंड, इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोपीय संघ इसके अन्य सदस्य हैं। IEA बायो-एनर्जी TCP, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के दायरे में काम करता है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा IEA बायो-एनर्जी TCP में शामिल होने का प्रमुख उद्देश्य उन्नत बायो ईंधन के विपणन को बढ़ावा देना है, ताकि उत्सर्जन में कमी लाई जा सके और कच्चे तेल के आयात में कटौती की जा सके।
  • केंद्र सरकार ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (NDIAC) की स्थापना के लिये अध्यादेश लाने को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य संस्थागत मध्यस्थता के लिये एक स्वतंत्र और स्वायत्त व्यवस्था का निर्माण करना है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नानुसार हैं:

♦ अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थता हेतु एक प्रमुख संस्थान के तौर पर खुद को विकसित करने के लिये लक्षित सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना।
♦ समाधान हेतु मध्यस्थता और मध्यस्थता संबंधी कार्यवाहियों के लिये सुविधाएँ और प्रशासकीय सहयोग प्रदान करना।
♦ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त पंचों, मध्यस्थों व सुलहकारों या सर्वेक्षकों और जाँचकर्त्ताओं जैसे विशेषज्ञों के पैनल बनाना।
♦ प्रोफेशनल तरीके से अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थताओं और सुलहों का सुगम संचालन सुनिश्चित करना।
♦ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता और सुलह के संचालन के लिये कम खर्चीली और समयोचित सेवाएँ प्रदान करना।
♦ वैकल्पिक विवाद समाधान और संबंधित मामलों के क्षेत्र में अध्ययन को प्रोत्साहित करना और झगड़ों के निपटारे की व्यवस्था में सुधारों को प्रोत्साहित करना।
♦ वैकल्पिक विवाद समाधान को प्रोत्साहित करने के लिये अन्य राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय समाजों, संस्थानों और संगठनों के साथ सहयोग करना।

  • केंद्र सरकार ने आधार को लेकर एक अध्यादेश जारी किया है। अब बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिये पहचान-पत्र के रूप में आधार का इस्तेमाल स्वैच्छिक हो गया है। संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिये कड़े दंड का प्रावधान है। यह अध्यादेश लाना इसलिये जरूरी था कि 4 जनवरी को लोकसभा में इससे संबंधित संशोधनों को पारित करने के बावजूद इससे जुड़ा विधेयक राज्यसभा में अटक गया था। ऐसे में लोकसभा भंग होने के बाद यह निष्प्रभावी हो जाता। इस अध्यादेश से आधार एक्ट, 2016, Prevention of Money Laundering Act, 2005 तथा इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 में संशोधन किये गए हैं। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 123 में राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी करने का उल्लेख है। इसके अनुसार जब संसद का सत्र न चल रहा हो तो राष्ट्रपति को केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह से अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
  • केंद्र सरकार ने नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने के मास्टर प्लान को सैद्धांतिक रूप से मंज़ूरी दे दी है। इसके तहत अगले 20 वर्षों के लिये पुनर्विकास के जरिए एम्स को पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने और भूमि के इस्तेमाल को पुनर्नियोजित करके संस्थान की आधारभूत संरचना के अधिकतम इस्तेमाल की व्यवस्था की जाएगी। प्रस्तावित परियोजना से रोगियों को विश्व स्तरीय और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। इसके साथ ही उन्हें अन्य सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध हो पाएंगी। इससे रोगियों के लिये परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना आसान हो जाएगा।
  • आतंकवादियों पर लगाम कसने के क्रम में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पर पाँच वर्ष के लिये प्रतिबंध लगा दिया है। जमात-ए-इस्लामी कश्मीर (Jamaat-e-Islami Kashmir) दरअसल जमात-ए-इस्लामी नाम के संगठन का एक धड़ा है, जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद अस्तित्व में आया और कश्मीर घाटी में सक्रिय हुआ। जमात-ए-इस्लामी के तीन धड़े हैं- जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमात-ए-इस्लामी-पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी कश्मीर। जमात-ए-इस्लामी हिंद को छोड़कर अन्य दोनों धड़े आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन अधिनियम, 2012 के तहत इस संगठन पर पाबंदी लगाने की अधिसूचना जारी की। इसके साथ ही सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी-SIMI) पर प्रतिबंध पांच वर्षों के लिए और बढ़ा दिया है।
  • भारत और ब्रिटेन मौसम और जलवायु विज्ञान के क्षेत्र में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में हैं। इसके तहत भारत और UK के बीच मौसम और जलवायु विज्ञान के क्षेत्र में सेवा भागीदारी के लिये एक कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। इसमें ब्रिटेन के मौसम कार्यालय (UKMO) द्वारा हस्ताक्षर किये जाने से भारत को लाभ मिलेगा। भारतीय संदर्भ में जलवायु विज्ञान और सेवाएँ, क्षमता निर्माण, परस्पर सहायोग कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी विकास, विकट मौसम, वायु प्रदूषण अध्ययन, जल विज्ञान जैसी वैज्ञानिक चुनौतियों पर कार्य करने के लिये एक तंत्र बनाया जाएगा। यह समझौता सामाजिक लाभ के लिये उच्च स्तरीय शोध का भी अवसर प्रदान करेगा।
  • केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री अरुण जेटली ने नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में मन की बात–रेडियो पर एक सामाजिक परिवर्तन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया। यह पुस्तक आकाशवाणी द्वारा प्रसारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन संवाद कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 50 कड़ियों पर आधारित है। आपको बता दें कि ‘मन की बात’ का पहला प्रसारण 3 अक्तूबर, 2014 को हुआ था। इस पुस्तक की क्रमवार सामग्री अलाभकारी संगठन ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा एकत्रित की गई है और इसका प्रकाशन रूपा पब्लिकेशन इंडिया द्वारा किया गया है।
  • वेनेज़ुएला कम संकट से निपटने के लिये अमेरिका की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को रूस और चीन ने वीटो कर दिया और यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। अमेरिका के प्रस्ताव में वेनेज़ुएला में नए सिरे से राष्ट्रपति चुनाव कराने और निर्बाध मानवीय मदद मुहैया कराने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव के समर्थन में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में नौ देशों ने मतदान किया। रूस और चीन ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया। परिषद में किसी भी प्रस्ताव को पारित करने के लिये नौ मतों की आवश्यकता होती है। लेकिन प्रस्ताव पारित करने के लिये यह भी ज़रूरी है कि परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका में से कोई वीटो का इस्तेमाल न करे। इसी तरह के रूस के प्रस्ताव को भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया और अमेरिका के विरोध के चलते यह प्रस्ताव भी पारित नहीं हो पाया। रूस के मसौदा प्रस्ताव में शांतिपूर्ण माध्यम से वेनेज़ुएला मामले को सुलझाने की अपील की गई थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और गिनी ने मतदान किया, जबकि अमेरिका सहित यूरोपीय देशों और पेरू ने रूसी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
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