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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (30 April)

  • 30 Apr 2019
  • 8 min read
  • भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक गई थीं। 29 अप्रैल को आयोजित रक्षा मंत्रियों के इस सम्मलेन में भारत ने आतंकवाद तथा उग्रवाद से निपटने में इस प्रभावशाली समूह के समन्वित प्रयासों पर ज़ोर दिया। ज्ञातव्य है कि SCO की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कज़ाखस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन के पूर्ण सदस्य बने थे।
  • अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्था वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट ने हाल ही में जारी अपनी अध्ययन रिपोर्ट में बताया है कि भारत में 2001 से लेकर 2018 तक 17 वर्षों की अवधि में 16 लाख हेक्टेयर से अधिक वन नष्ट हो गए। इस क्षति का आधा हिस्सा पूर्वोत्तर राज्यों- नगालैंड, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मेघालय और मणिपुर से है। इन राज्यों में इस क्षति के पीछे जलवायु परिवर्तन को बड़ा कारण बताया गया है। महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में 2015 से 2017 की अवधि में वनों की संख्या में अधिकतम कमी आई। वर्ष 2000 में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 12% हिस्से में वनावरण था, जो 2010 में घटकर 8.9% रह गया।
  • 25 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया गया। यूनिसेफ ने 25 अप्रैल 2008 को पहली बार इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मलेरिया के प्रति जनता को जागरूक करना है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल लगभग साढ़े 8 लाख लोग मलेरिया की वज़ह से मारे जाते हैं। इनमें से 90% अफ्रीका के सहारा क्षेत्र में मारे जाते हैं। भारत में राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन रूपरेखा (2016-2030) के तहत भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के समूल उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस की थीम Zero Malaria Starts With Me रखी गई है।
  • अर्जुन पुरस्कार विजेता और भारत के गोल्फर गगनजीत भुल्लर को दिल्ली गोल्फ क्लब स्थित इंडिया गोल्फ इंडस्ट्री एसोसिएशन के चौथे पुरस्कार सत्र में एक खिलाड़ी के तौर पर आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट एज ए प्लेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गगनजीत भुल्लर ने 2018 में फिजी इंटरनेशनल यूरोपियन टूर खिताब जीता था। नटाडोला बे में फिजी इंटरनेशल खिताब उनका यूरोपीय टूर पर पहला खिताब था। फिजी इंटरनेशनल को एशिया, ऑस्ट्रेलेशिया और यूरोपीय टूर से मान्यता मिली हुई है। इसके अलावा वह एशियन टूर में नौ करियर खिताब जीतने वाले सबसे युवा गोल्फर हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसेक ने पुरुष एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनने का गौरव हासिल किया है। यह 31 वर्षीय अंपायर 27 अप्रैल को नामीबिया और ओमान के बीच विश्व क्रिकेट लीग डिवीज़न-2 के मैच में अंपायरिंग करने के लिये उतरी थीं। पोलोसेक इससे पहले महिलाओं के 15 एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग कर चुकी हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच 2016 में खेले गए एकदिवसीय मैच से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग की शुरुआत की थी। भारत और इंग्लैंड के बीच 2018 में महिला विश्व T-20 के सेमीफाइनल में भी वह अंपायर थीं और उन्होंने विश्व कप 2017 के चार मैचों में भी अंपायरिंग की थी।
  • चीन के शियान में 28 अप्रैल को संपन्न हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने कुल 16 पदक जीते। इनमें 8 पदक पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवानों (एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य) ने, चार कांस्य महिला फ्रीस्टाइल पहलवानों ने, जबकि ग्रीको रोमन पहलवानों ने तीन रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया। चैंपियनशिप के पहली दिन एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और अपने भारवर्ग (65 किग्रा.) में दुनिया के नंबर-1 पहलवान बजरंग पुनिया ने स्वर्ण पदक जीता था। बजरंग का एशियाई चैंपियनशिप में यह दूसरा स्वर्ण और कुल पाँचवां पदक है। उन्होंने 2017 में भी स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2013 और 2018 में कांस्य तथा 2014 में रजत पदक जीता था।
  • 28 अप्रैल को बीजिंग में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) विश्व कप में भारत ने चीन को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया। भारत रायफल/पिस्टल स्पर्धाओं में तीन स्वर्ण और एक रजत के साथ इस प्रतियोगिता में लगातार दूसरी बार शीर्ष पर रहा। चीन को दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। ध्यातव्य है कि दिल्ली में हुए पिछले विश्व कप में भारत संयुक्त रूप से हंगरी के साथ शीर्ष पर था।
  • अमेरिका के प्रख्यात कंप्यूटर वैज्ञानिक निल्स जॉन निल्सन का 28 अप्रैल को ओरेगन में निधन हो गया। दुनिया का पहला रोबोट और मशीन को दिमाग देने की तकनीक यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) विकसित करने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। इसके अलावा उन्होंने रोबोटिक्स और न्यूरल नेटवर्क के क्षेत्र में भी अहम शोध किये थे। उन्होंने स्टैंडफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के कंप्यूटर वैज्ञानिकों व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की टीम के साथ मिलकर 1966-72 के बीच शेकी नाम का पहला स्वचालित रोबोट विकसित किया था। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर AI के एल्गोरिदम पर भी काम किया। उनके द्वारा विकसित AI तकनीकों का आधुनिक स्वरूप वर्तमान के GPS सॉफ्टवेयर और एलेक्सा व सिरी जैसे डिज़िटल असिस्टेंट में इस्तेमाल होता है।
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