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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 मई, 2020

  • 06 May 2020
  • 9 min read

‘निगाह’ कार्यक्रम 

हिमाचल प्रदेश सरकार ‘निगाह’ (Nigah) नामक एक नया कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रही है, जिसमें उन लोगों के परिवार के सदस्यों को जागरुक किया जाएगा, जो देश के अन्य हिस्सों से राज्य में आ रहे हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसे मानकों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इस संदर्भ में सूचना देते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि चूँकि हिमाचल प्रदेश के हज़ारों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं, इसलिये यह आवश्यक हो गया है कि घर पहुँचने वाले किसी भी व्यक्ति की पूर्णतः जाँच की जाए और उससे संबंधित सूचना को रिकॉर्ड किया जाए। ‘निगाह’ कार्यक्रम के तहत सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये आशा, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को नियुक्त किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता राज्य के बाहर से आने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को COVID-19 से संबंधित विभिन्न उपायों का पालन करने हेतु संवेदनशील और जागरूक बनाया जाएगा। ध्यातव्य है कि भारत सरकार ने हाल ही में विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को उनके घर तक पहुँचने में मदद करने के लिये ट्रेन व बस सुविधा शुरू की थी। हालाँकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे विभिन्न उपायों का पालन किया जा रहा है, किंतु इसके बावजूद यात्रा के दौरान संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ गया है, क्योंकि ऐसे लोगों का COVID-19 परीक्षण नहीं किया जा रहा है, ऐसे में ‘निगाह' जैसे विशेष कार्यक्रमों का महत्त्व भी काफी अधिक बढ़ गया है।

कार्ल मार्क्स

05 मई, 2020 को जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार और वैज्ञानिक समाजवाद के जनक कार्ल मार्क्स की 201वीं जयंती मनाई गई। कार्ल मार्क्स का जन्म 05 मई, 1818 को जर्मनी में हुआ था और उनका नाम कार्ल हेनरिख मार्क्स था। मात्र 17 वर्ष की उम्र में कार्ल मार्क्स ने विधि (Law) का अध्ययन करने के लिये बॉन विश्वविद्यालय (University of Bonn), जर्मनी में प्रवेश लिया। तत्पश्चात्‌ उन्होंने बर्लिन और जेना विश्वविद्यालयों में साहित्य, इतिहास तथा दर्शन का अध्ययन किया। इसी काल में वह हीगल के दर्शन से काफी अधिक प्रभावित हुए। कार्ल मार्क्स ने 19वीं शताब्दी में काफी कुछ लिखा, किंतु उनकी दो कृतियां 'कम्युनिस्ट घोषणापत्र' (Communist Manifesto) और 'दास कैपिटल' (Das Kapital) काफी प्रसिद्ध हैं और इन पुस्तकों ने एक समय दुनिया के कई देशों और करोड़ों लोगों पर राजनीतिक और आर्थिक रूप से काफी प्रभाव डाला। 'कम्युनिस्ट घोषणापत्र' और अपने अन्य लेखों में कार्ल मार्क्स ने पूंजीवादी समाज में 'वर्ग संघर्ष' की बात की और स्पष्ट किया कि किस प्रकार अंततः संघर्ष में सर्वहारा वर्ग पूरी दुनिया में बुर्जुआ वर्ग को हटाकर सत्ता प्राप्त कर लेगा। कार्ल मार्क्स उस समय बच्चों को स्कूल भेजने की वकालत कर रहे थे, जब लगभग पूरी दुनिया में बालश्रम अपनी चरम पर था। कार्ल मार्क्स बच्चों को स्कूल भेजना चाहते थे, न कि काम पर। कार्ल मार्क्स का मत था कि यदि समाज में कोई व्यक्ति गलत है अथवा अगर आप महसूस कर रहे हैं कि किसी के साथ अन्याय या भेदभाव हो रहा है, तो हमें अन्याय करने वाले व्यक्ति का विरोध करना चाहिये। दरअसल मार्क्स की सफलता उस पूरे विचार को बदलने की है जो शोषण को दुनिया का समय नियम मानता है। हालाँकि विचारकों और चिंतकों का एक वर्ग ऐसा भी है जो मार्क्स के विचारों का घोर विरोध करता है और उन्हें अप्रासंगिक करार देता है। आलोचक मानते हैं कि मार्क्स के अनुयायी उनके विचारों के गुण-दोष को मापे बिना उनका अंधानुकरण करते हैं, आलोचकों का मत है कि मार्क्स के विचारों में पर्यावरण को बिल्कुल भी महत्त्व नहीं दिया गया है। वर्ष 1864 में लंदन में अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर संघ' की स्थापना में मार्क्स ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 14 मार्च, 1883 को उनका निधन हो गया।

‘गरुड़’ पोर्टल

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के तहत कार्यरत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation-DGCA) ने ‘गरुड़’ (GARUD) नामक एक पोर्टल लॉन्च किया है। ‘गरुड़’ (GARUD) का पूर्ण स्वरुप ‘गवर्मेंट ऑथोराईज़ेशन फॉर रिलीफ यूज़िंग ड्रोन्स’ (Government Authorisation for Relief Using Drones) है। ‘गरुड़’ पोर्टल COVID-19 महामारी से मुकाबले के लिये ड्रोन संचालित करने हेतु केंद्र सरकार से छूट प्राप्त करने के लिये राज्य संस्थाओं की सहायता करेगा। ध्यातव्य है कि कई राज्य संस्थाएँ सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिये ड्रोन का प्रयोग कर रही हैं, ऐसे में यह पोर्टल काफी महत्त्वपूर्ण हो जाता है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) नागरिक उड्डयन (Civil Aviation) के क्षेत्र में एक नियामक संस्था है, जो हवाई सुरक्षा, दुर्घटना आदि मामलों की जाँच करती है। यह भारत के लिये/से/भारत के भीतर, विमान परिवहन सेवाओं के विनियमन और सिविल विमान विनियमन, विमान सुरक्षा तथा अन्य योग्यता मानकों के प्रवर्तन के लिये भी उत्तरदायी है।

ज्ञानी जैल सिंह 

05 मई, 2020 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की 104वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। ज्ञानी जैल सिंह का जन्म 5 मई, 1916 को पंजाब के फरीदकोट ज़िले के एक छोटे से गांव में हुआ था। ध्यातव्य है कि ज्ञानी जैल सिंह भारतीय राष्ट्रपति के पद पर पहुँचने वाले पहले सिख राजनेता थे। स्वतंत्रता से पूर्व ज्ञानी जैल सिंह विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा बने रहे थे। स्वतंत्रता से पूर्व ही वे कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए और स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वे 1956 से लेकर वर्ष 1962 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे। वर्ष 1972 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए। 25 जुलाई, 1982 को उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिये शपथ ली और इसी के साथ वे इस पद तक पहुँचने वाले पहले सिख बन गए। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 'ब्लूस्टार आपरेशन' एवं इंदिरा गांधी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियाँ देखीं। 25 जुलाई, 1987 को ज्ञानी जैल सिंह का राष्ट्रपति कार्यकाल समाप्त हो गया, जिसके पश्चात् 25 दिसंबर, 1994 को एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

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