इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स 12 सितंबर 2018

  • 12 Sep 2018
  • 9 min read
अप्सरा-उन्नत

10 सितंबर, 2018 को ट्रॉम्बे में स्विमिंग पूल के आकार वाले शोध रिएक्टर "अप्सरा-उन्नत" (Apsara-U) का परिचालन शुरू किया गया।

  • उच्च क्षमता वाले इस रिएक्टर को स्थापित करने में पूर्णतः स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो स्वास्थ्य देखभाल, विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सुविधाएँ प्रदान करने वाली जटिल संरचना का निर्माण करने में भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता को रेखांकित करता है।
  • इसमें निम्न परिष्कृत यूरेनियम (Low Enriched Uranium - LEU) से निर्मित प्लेट के आकार वाले प्रकीर्णन ईंधन (dispersion fuel) का इस्तेमाल किया जाता है।
  • उच्च न्यूट्रॉन प्रवाह के कारण यह रिएक्टर स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले रेडियो-आइसोटोप के स्वदेशी उत्पादन में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगा।
  • इसका उपयोग नाभिकीय भौतिकी, भौतिक विज्ञान और रेडियोधर्मी आवरण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
  • एशिया के पहले अनुसंधान रिएक्टर "अप्सरा" का परिचालन अगस्त 1956 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रॉम्बे परिसर में शुरू हुआ था।
  • पाँच दशक से अधिक समय तक समर्पित सेवा प्रदान करने के बाद इस रिएक्टर को 2009 में बंद कर दिया गया था।
आदर्श परिवर्तनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Model- ICTAI)

हाल ही में नीति आयोग, इंटेल और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान ने घोषणा की है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता व अनुप्रयोग आधारित शोध परियोजनाओं के विकास और क्रियान्वयन के लिये परिवर्तनीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदर्श अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Model International Center for Transformative Artificial Intelligence -ICTAI) की स्थापना की जाएगी।

  • यह पहल नीति आयोग के कार्यक्रम ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति’ का एक हिस्सा है। इसका उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित नीतियों तथा मानकों का विकास करना है।
  • बंगलूरू स्थित यह आदर्श ICTAI कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आधारभूत ढाँचे को विकसित करने के साथ ही स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और गतिशीलता के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित समाधान की तलाश करेगा तथा उनका संचालन करेगा।
  • यह आदर्श केंद्र अनुप्रयोग आधारित शोध को प्रोत्साहन देने के लिये AI तकनीकों का विकास करेगा।
  • आदर्श ICTAI उद्योग जगत की हस्तियों, नवाचार उद्यमियों तथा AI सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान देगा।
  • इस आदर्श ICTAI द्वारा विकसित ज्ञान और सर्वोत्तम अभ्यासों का उपयोग नीति आयोग पूरे देश में स्थापित होने वाले ICTAI केन्द्रों के निर्माण में करेगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
  • इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार, यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धिमत्ता है। 
  • यह कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है। 
‘युद्ध अभ्यास-2018’

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध-अभ्यास’ के चौदहवें संस्करण का आयोजन 16 से 29 सितंबर, 2018 के बीच उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के पास चौबटिया में किया जाएगा।

  • इस सैन्य अभ्यास का आयोजन दोनों देशों के बीच बारी-बारी से किया जाता है।
  • ‘युद्ध-अभ्यास-2018’ एक ऐसे परिदृश्य का अनुसरण करेगा जिसमें दोनों देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार पहाड़ी इलाके में विद्रोह और आतंकवाद के माहौल के खिलाफ संघर्ष का अभ्यास करेंगे।
  • दो सप्ताह तक चलने वाले इस सैन्य अभ्यास में दोनों देशों से 350-350 सैनिक भाग लेंगे।
  • युद्ध अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी और इसका आयोजन अमेरिकी सेना के शांति सहभागिता कार्यक्रम के तहत किया जाता है।
भारत का पहला मिसाइल ट्रैकिंग जहाज़

देश की प्रमुख जहाज़ निर्माता कंपनी हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) भारत के पहले मिसाइल ट्रैकिंग जहाज़ का समुद्री परीक्षण करने के लिये तैयार है।

  • इस जहाज़ निर्माण की नींव 30 जून, 2014 को रखी गई थी।
  • इसका निर्माण राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एक तकनीकी खुफिया एजेंसी जो सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की देखरेख में काम करती है) के लिये किया गया है।
  • इस परियोजना की लागत लगभग 750 करोड़ रुपए है।
  • भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद इसका नामकरण किया जाएगा। फिलहाल, इसे केवल VC 11184 नाम दिया गया है।
  • यह अपनी तरह का पहला महासागर निगरानी जहाज़ होगा।
  • इस जहाज़ के सफल परीक्षण के साथ ही भारत ऐसे देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास इस तरह का परिष्कृत महासागर निगरानी जहाज़ है।
  • 300 चालक दल वाले इस जहाज़ में उच्च तकनीकी यंत्र और संचार उपकरण लगे हुए हैं, यह  दो डीज़ल इंजनों द्वारा संचालित होता है तथा हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिये इसमें पर्याप्त स्थान है।
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड
  • आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित HSL देश की प्रमुख जहाज़ निर्माण कंपनी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1941 में भारत में महान उद्योगपति और दूरदर्शी सेठ वालचंद हीराचंद ने ‘सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड’ के नाम से की थी।
  • वर्ष 1952 में भारत  सरकार ने इस कंपनी के दो तिहाई भाग पर अधिग्रहण प्राप्त किया तथा 21 जनवरी, 1952 को इसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के नाम से निगमित किया गया।
  • जुलाई 1961 में सरकार ने कंपनी का शेष एक-तिहाई हिस्सा हासिल किया और शिपिंग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत यह शिपयार्ड पूरी तरह से भारत सरकार के उपक्रम के रूप में स्थापित हुआ।
  • देश की रणनीतिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, यार्ड को 22 फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया गया था।
  • कंपनी का पंजीकृत कार्यालय विशाखापत्तनम में तथा क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2