इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 9 जून, 2018

  • 09 Jun 2018
  • 10 min read

बिज़नेस फर्स्ट पोर्टल

पंजाब सरकार द्वारा राज्य में व्यवसाय को सरल बनाने हेतु ‘बिज़नेस फर्स्ट पोर्टल’ लॉन्च किया गया है यह ऑनलाइन पोर्टल उद्योगपतियों को विनियामक निकासी और वित्तीय स्वीकृति के संबंध में एक मंच पर सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा।

  • इस पोर्टल के द्वारा दूसरे विभागों को नियामक मंज़ूरियाँ प्रदान दी जाएंगी। पोर्टल में आवेदक को स्व-मूल्यांकन की सुविधा दी जाएगी जिससे व्यापारी अपने पहले आवेदन और उसके साथ संलग्न किये गए दस्तावेज़ों की जाँच करने में सक्षम हो सकेंगे।
  • इसके अतिरिक्त राज्य सरकार इस वर्ष के अंत तक उद्योगपतियों को शत-प्रतिशत वैट रिफंड सुनिश्चित करने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
  • इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने वैट रिफंड के मामलों का जल्द निपटारा करने के लिये इस पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक दो महीने बाद 300 करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया है। 
  • इसके अलावा वैट रिफंड के सभी लंबित मामलों को दिसंबर 2018 तक निपटाए जाने के संबंध में भी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाना है। बिजनेस फर्स्ट पोर्टल के पहले फेस में पाँच यूज़र काम कर सकेंगे।
  • नए निवेशकों को इससे राहत मिलने की संभावना है। इसे सिंगल विंडो के रूप में काम करने के लिये तैयार किया गया है।
  • इसके तहत न केवल प्रोसेस वर्क में आनी वाली परेशानियों में कमी आएगी बल्कि भ्रष्टाचार के मामलों में भी कमी आने की संभावना है।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्राफी

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद [Maulana Abul Kalam Azad (MAKA) Trophy] ट्राफी प्रदान करने के लिये खेलों में सर्वश्रेष्ठ निष्पादन वाले विश्वविद्यालयों के चयन को सुसंगत तथा सरल बनाने के दृष्टिकोण से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) ने माका ट्राफी के लिये संशोधित मार्गदर्शन अनुमोदित किये हैं।

  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्राफी (Maulana Abul Kalam Azad Trophy) अंतर-विश्वविद्यालयी टूर्नामेंटों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को दी जाती है। इस ट्राफी में अभी तक नकद पुरस्कार 10 लाख रुपए (प्रथम स्थान), पाँच लाख रुपए (दूसरा स्थान) दिया जाता था।
  • संशोधित मार्गदर्शनों के अंतर्गत विश्वविद्यालयों से आवेदन अब युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय/भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आमंत्रित किये जाएंगे जो अभी तक भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) द्वारा आमंत्रित किये जाते थे।
  • आवेदनों की जाँच भी युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय/ भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।
  • माका ट्राफी के लिये विश्वविद्यालयों के चयन हेतु अंकों की गणना का मानदंड भी संशोधित किया गया है जिसमें विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा ओलंपिक खेलों/पैरा-ओलंपिक खेलों, विश्व कप/विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, एशियन कप/एशियन चैंपियनशिपों, कॉमनवेल्थ खेलों, कॉमनवेल्थ चैंपियनशिपों, विश्व विश्वविद्यालयी खेलों, विश्व विश्वविद्यालयी चैंपियनशिपों, राष्ट्रीय विश्वविद्यालयी खेलों, राष्ट्रीय विश्वविद्यालयी चैंपियनशिपों, खेलो भारत विश्वविद्यालय खेल, अंतर क्षेत्रीय चैंपियनशिपों और अंतर क्षेत्रीय विश्वविद्यालय खेलों में किये गए निष्पादनों को शामिल किया गया है।
  • समग्र अखिल विजेता विश्वविद्यालय के लिये पुरस्कार की राशि भी 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी गई है तथा प्रथम और द्वितीय रनर-अप विश्वविद्यालयों के लिये पुरस्कार की राशि बढ़ाकर क्रमशः 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए तथा 3 लाख रुपए से 4.5 लाख रुपए कर दी गई है।

‘भारत के प्रधानमंत्री’ संग्रहालय के लिये तीन समितियों का गठन

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने तीन मूर्ति भवन (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास) में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके ‘भारत के प्रधानमंत्री’ संग्रहालय की स्थापना के लिये तीन उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया है। इस संग्रहालय में देश के अब तक के प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।

समिति के बारे में 

  • केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा गठित की गई तीन समितियों में से एक समिति परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी तथा शेष दो समिति संग्रहालय संग्रहालय की स्थापना से संबंधित प्रणाली पर कार्य करेंगी। 
समिति का नाम विवरण
शक्ति सिन्हा समिति इस समिति की अध्यक्षता नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एवं लाइब्रेरी (NMML) के निदेशक शक्ति सिन्हा द्वारा की जाएगी। इस समिति के अन्य सदस्य लेखक एवं इतिहासकार माखन लाल, प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह होंगे।
स्वपन दासगुप्ता समिति इस समिति की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता द्वारा की जाएगी। इस समिति के सदस्यों में प्रसार भारती के चीफ ए. सूर्य प्रकाश होंगे। यह समिति संग्रहालय के निर्माण के लिये सहायता प्रदान करेगी।
शक्ति सिन्हा समिति इस समिति की अध्यक्षता NMML के निदेशक शक्ति सिन्हा द्वारा की जाएगी। उनकी टीम में CPWD के अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। यह समिति योजना कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करेगी।

रीसाइकिल न हो पाने वाले प्लास्टिक से बन सकेगा ईंधन

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology-IIT) मद्रास के वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसी प्रणाली को विकसित किया गया है जिसका प्रयोग करके रीसाइकिल न हो सकने वाले प्लास्टिक को ईंधन में परिवर्तित किया जा सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • IIT-मद्रास के शोधार्थियों ने इस प्रोजेक्ट को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली में प्रदर्शित किया।
  • इस तकनीक में एक मोबाइल इकाई को शामिल किया गया है जो प्लास्टिक कचरे को एकत्र करके उसकी प्रोसेसिंग करती है।
  • इस तकनीक का इस्तेमाल करके 1 किग्रा. प्लास्टिक कचरे से लगभग 0.7 लीटर ईंधन तेल बनाया जा सकता है।
  • शोधकर्त्ताओं की इस टीम का नेतृत्व दिव्या प्रिया ने किया तथा तकनीकी मार्गदर्शन IIT-मद्रास की प्रोफेसर इंदुमति नाम्बी ने किया।
  • शोधकर्त्ताओं की इस टीम के इंडस्ट्रियल मेंटर चेन्नई के ही गैर-सरकारी संगठन ‘समृद्धि फाउंडेशन’ के श्रीराम नरसिम्हन थे।
  • वैज्ञानिकों द्वारा इस प्रक्रिया को पायरोलिसिस नाम दिया गया है।
  • इस प्रक्रिया में प्लास्टिक कचरे को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में थर्मोकेमिकल ट्रीटमेंट दिया जाता है।
  • इस ट्रीटमेंट में प्लास्टिक कचरे को बहुत अधिक तापमान से गुज़ारा जाता है जिसके कारण इसके भौतिक तथा रासायनिक रूप में परिवर्तन आ जाता है।
  • प्लास्टिक को 350 से 500 डिग्री सेल्सियस पर गर्म करने से पॉलीमर श्रृंखला कम घनत्व वाले ईंधन तेल में विभाजित हो जाती है।
  • इस ईंधन को जेनरेटरों, भट्टियों तथा इंजनों में डीज़ल के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow