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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 5 दिसंबर, 2017

  • 05 Dec 2017
  • 5 min read

‘कामोव-226टी’ बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर

  • भारत और रूस के बीच हुए ‘कामोव-226टी’ बहुउद्देशीय सैन्य हेलीकॉप्टर के सौदे में तकनीक हस्तांतरण और उत्पादन की प्रक्रिया चार चरणों में पूरी होगी।
  • ‘कामोव-226टी’  दो इंजन वाला एक बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर है जिसका प्रयोग सैन्य और नागरिक दोनों ही उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है।
  • ‘कामोव-226टी’ भारत के चीता और चेतक के पुराने हेलीकॉप्टर बेड़े की जगह लेगा।
  • हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 250 किमी./घंटा है और यह 3,600 किलो तक के अधिकतम वज़न के साथ उड़ने में सक्षम है।
  • तकनीकी हस्तांतरण और कल-पुर्जों के निर्माण का कार्य चार चरणों में पूरा होगा।

► पहले चरण में रूस में बने हेलीकॉप्टर के हिस्से भारत भेजे जाएंगे, वहाँ से उन्हें जोड़कर उड़ने लायक स्थिति में लाया जाएगा।
► दूसरे चरण में कुछ खास हिस्से रूस से भेजे जाएंगे और बाकी के भारत में दोनों देशों के सहयोग से बनाए जाएंगे।
► तीसरे चरण में भारत में निर्माण होने वाले हिस्सों की संख्या बढ़ाई जाएगी लेकिन उसके लिये कच्चे माल की आपूर्ति रूस से ही की जाएगी।
► चौथे और आखिरी चरण में हेलीकॉप्टर का भारत में ही पूरी तरह से उत्पादन होगा।

‘सीआईटीईएस द्वारा सम्मानित हुआ भारत

  • हाल ही में अवैध वन्यजीव व्यापार से निपटने के अपने क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों के लिये भारत को सीआईटीईएस ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
  • विदित हो कि यह सम्मान वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau) को दिया गया है।
  • जिनेवा में सीआईटीईएस की 69वीं स्थायी समिति की बैठक में भारत यह सम्मान पाने वाला एकमात्र देश है।
  • ‘कंन्वेशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड स्पीशीज़ ऑफ वाइल्ड फाउना एंड (the Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna- and Flora- CITES) एक अंतर्राष्ट्रीय संधि  है।
  • सीआईटीईएस का उदेश्य लुप्त होने वाले वन्यजीवों एवं पादपों को सुरक्षित करना है।

अकालग्रस्त लेसोथो को भारत ने भेजी मदद

हाल ही में भारत ने ‘किंगडम ऑफ लेसोथो’ को 500 मीट्रिक टन चावल की एक खेप भेजी है, जो कि भीषण अकाल के कारण खाद्य संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। 

  •  लिसोथो जिसे लिसूतू और आधिकारिक तौर पर 'लिसूतू किंगडम' भी कहा जाता है, एक लैंडलॉक और ‘दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र’ से चारों तरफ से घिरा हुआ देश है।
  • महज 30,000 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश की अनुमानित जनसंख्या 1,800,000 है।
  • देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर मासेरु है। यह राष्ट्रमंडल का सदस्य है। लेसोथो का अर्थ मोटे तौर पर 'सेसोथो बोलने वाले लोगों का देश" है।
  • देश की 40% जनसंख्या अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम आमदनी में गुजारा करती है।
  • इसके पश्चिम और उत्तर में ऑरेंज फ्री स्टेट, पूर्व में नेटाल तथा पूर्वी ग्रीक्वालैंड तथा दक्षिण में केप प्रॉविंस हैं। यहाँ का औसत तापमान लगभग 15.5 डिग्री सेल्सियस तथा जलवायु शुष्क है।
  • यहाँ बाँटू जाति के बासूतो लोग रहते हैं। इसकी पूर्वी सीमा पर 10 हज़ार फुट ऊँचा 'ड्राकेन्सबर्ग'  नामक पठार है और ऑरेंज यहाँ की प्रमुख नदी है।
  • यहाँ की मुख्य फसलें गेहूँ, मक्का, जौ,  बीन और मटर आदि हैं। हाइलैंड पठार के कारण कठिन मौसमी परिस्थितियों तथा लोलैंड में कृषि हेतु सीमित जगह के कारण यहाँ संसाधनों का अत्यंत ही अभाव है।
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