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भारतीय अर्थव्यवस्था

ओडिशा एकीकृत सिंचाई परियोजना

  • 26 Oct 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ओडिशा एकीकृत सिंचाई परियोजना, विश्व बैंक समूह, IBRD

मेन्स के लिये:

कृषि सिंचाई हेतु सरकार के प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार और ओडिशा सरकार ने छोटे किसानों की उत्पादन प्रणालियों को सुदृढ़ करने हेतु विश्व बैंक के साथ 165 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने, कृषि उपज में विविधता लाने तथा बेहतर ढंग से विपणन (Marketing) में उनकी मदद करने हेतु चलाई गई है।
  • ओडिशा एकीकृत सिंचाई परियोजना को उन ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहाँ बार-बार सूखा पड़ने का खतरा रहता है और जो काफी हद तक वर्षा आधारित कृषि पर ही निर्भर रहते हैं।
  • यह समझौता भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs), ओडिशा सरकार के जल संसाधन विभाग (Water Resources Department of Orisha) तथा विश्व बैंक समूह (World Bank Group) के अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) के मध्य हुआ है।

विश्व बैंक

विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक अहम संस्था है और यह कई संस्थाओं का समूह है। इसीलिये इसे विश्व बैंक समूह (World Bank Group) भी कहा जाता है।

विश्व बैंक समूह में शामिल संस्थाएँ

  • पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD)
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC)
  • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association-IDA)
  • निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes-ICSID)
  • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA)

Agriculture

परियोजना के लाभ:

  • इससे ओडिशा के 15 ज़िलों के लगभग 1,25,000 वे छोटे किसान परिवार लाभान्वित होंगे जो 1,28,000 हेक्टेयर कृषि भूमि का प्रबंधन करते हैं।
  • यह परियोजना जलवायु परिवर्तन रोधी बीजों की विभिन्न किस्मों तथा उत्पादन तकनीकों तक छोटे किसानों की पहुँच बढ़ाकर प्रतिकूल जलवायु से निपटने में उन्हें सक्षम बनाएगी।
  • इससे किसान जलवायु परिवर्तन रोधी फसलों की ओर उन्मुख होंगे तथा बेहतर जल प्रबंधन एवं सिंचाई परियोजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
  • यह परियोजना सरकार की जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan on Climate Change -NAPCC) ) के तहत है ताकि वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals-SDG) के स्थायी कृषि संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

परियोजना की आवश्यकता क्यों?

  • हाल के वर्षों में जलवायु में व्यापक परिवर्तन ने ओडिशा में कृषि को बुरी तरह प्रभावित किया है।
    • वर्ष 2009 से ओडिशा में गंभीर सूखे की स्थिति हो गई है।
    • पहले जहां हर पांच वर्षों में सूखा पड़ता था, वहीं अब हर दो वर्षों में ही सूखा पड़ जाता है।
  • ओडिशा में ज़्यादातर किसान ऐसे हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि है।
  • वर्ष 1970 के दशक के 40% की तुलना में कुल खेती क्षेत्र का लगभग 70% सूखे की ओर अग्रसर है।
  • ओडिशा में कृषि ग्रीनहाउस गैस (Green House Gas-GHG) उत्सर्जन का एक प्रमुख कारण भी है और लगभग 25% GHG उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार है।

स्रोत: PIB

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