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जैव विविधता और पर्यावरण

कुडनकुलम में परमाणु अपशिष्ट सुविधा

  • 11 Mar 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

अवे फ्रॉम रिएक्टर फैसिलिटी (AFR), कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (KKNPP), परमाणु अपशिष्ट, रेडियोधर्मी प्रदूषण (रेडियोधर्मिता का प्रसार), स्वास्थ्य पर रेडियोधर्मी प्रदूषण का प्रभाव।

मेन्स के लिये:

परमाणु आपदा, स्वास्थ्य पर रेडियोधर्मी प्रदूषण का प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कुडनकुलम ग्राम पंचायत ने परमाणु कचरे के भंडारण के लिये कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (KKNPP) साइट पर 'अवे फ्रॉम रिएक्टर फैसिलिटी (Away From Reactor Facility-AFR) के निर्माण के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है।

  • इससे पहले राज्य सरकार (तमिलनाडु) ने भी इस तरह के निर्माण का विरोध किया था।
  • ग्राम पंचायत का विचार है कि एएफआर साइट रेडियोधर्मी प्रदूषण (रेडियोधर्मिता का प्रसार) को बढ़ावा देगी तथा उस भूजल को खराब कर देगी, जिसका उपयोग पीने के पानी और सिंचाई के लिये किया जाता है।

Tamilnadu

एएफआर साइट:

  • परमाणु ऊर्जा संयंत्र में खर्च किये गए ईंधन के भंडारण की योजना दोहरी प्रकृति की है:
    • एक सुविधा रिएक्टर भवन/सेवा भवन के भीतर स्थित है, जिसे आमतौर पर खर्च किये गए ईंधन भंडारण पूल के रूप में जाना जाता है।
    • एक अन्य रिएक्टर से दूर स्थित लेकिन संयंत्र के परिसर के भीतर जिसे अवे फ्रॉम रिएक्टर (AFR) खर्च ईंधन भंडारण सुविधा कहा जाता है, 
  • रिएक्टर भवन के अंदर खर्च किये गए ईंधन भंडारण की एक सीमित क्षमता है और इसका उपयोग ईंधन भरने के दौरान रिएक्टर से निकले ईंधन के तत्काल भंडारण के लिये किया जाता है।
  • सुविधा में स्थानांतरित होने से पहले इसे पर्याप्त रूप से ठंडा करने के लिये ईंधन कुछ वर्षों तक पूल में रखा जाता है।
  • एएफआर खर्च ईंधन भंडारण सुविधा (AFR Spent Fuel Storage Facility) क्षमता के मामले को छोड़कर, रिएक्टर भवन के अंदर ‘प्रयोग किये गए ईंधन' के समान कार्यात्मक है।

केंद्र सरकार के तर्क:

  • केकेएनपीपी (KKNPP) रिएक्टर 1 और 2 में प्रस्तावित AFR सुविधा केवल प्रयोग किये गए ईंधन के भंडारण के लिये है, न कि परमाणु कचरे के भंडारण के लिये जैसा कि कुछ लोगों द्वारा माना गया है।
  • इसका डिज़ाइन यह सुनिश्चित करता है कि कर्मियों, जनता और पर्यावरण पर AFR सुविधा का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। 
  • जनता के लिये AFR के कारण विकिरण की मात्रा नगण्य होगी, भले ही इसकी तुकना प्राकृतिक विकिरण भू- स्रोतों जैसे मिट्टी, सूरज आदि के जोखिम से की जाए।
  • यह तारापुर और रावतभाटा स्थलों पर स्थापित किया गया है, जहांँ AFR कई वर्षों से परिचालन में हैं।

रेडियोधर्मिता:

  • रेडियोधर्मिता कुछ तत्त्वों के अस्थिर नाभिक से कणों या तरंगों के स्वतःस्फूर्त उत्सर्जन की घटना है। रेडियोधर्मी उत्सर्जन तीन प्रकार के होते हैं: अल्फा, बीटा और गामा।
    • अल्फा कण धनावेशित हीलियम (He) परमाणु हैं, बीटा कण ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन हैं और गामा किरणें उदासीन विद्युतचुंबकीय विकिरण हैं।
  • रेडियोधर्मी तत्त्व प्राकृतिक रूप से पृथ्वी की क्रस्ट में पाए जाते हैं। यूरेनियम, थोरियम और एक्टिनियम तीन ‘NORM’ (स्वाभाविक रूप से होने वाली रेडियोधर्मी सामग्री) शृंखला है जो जल संसाधनों को संदूषित करती है।
  • सभी प्रकार के जल में थोड़ी मात्रा में विकिरण पाया जाता है लेकिन विकिरण की विस्तारित मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होती है। पीने के पानी में रेडियोधर्मिता को सकल अल्फा परीक्षण द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
  • रेडियोधर्मिता को बेकुरल (SI इकाई) या क्यूरी में मापा जाता है। यूनिट सीवर्ट मानव ऊतकों द्वारा अवशोषित विकिरण की मात्रा को मापता है।

स्रोत:

  • प्राकृतिक:
    • जलीय प्रणाली में रेडियोटॉक्सिक तत्त्व: रेडियम, NORM शृंखला में पाए जाने वाले समूह का एक तत्त्व है जो जलीय प्रणालियों में पाए जाने वाले रेडियोटॉक्सिक तत्त्वों में से एक है, यह निम्नलिखित माध्यमों से भूजल में प्रवेश कर सकता है-
      (i) एक्वीफर रॉक विघटन (ii) 238U और 232Th के क्षय या (iii) अवशोषण की प्रक्रिया द्वारा।
      • रेडियम एक रेडियोन्यूक्लाइड है जो पर्यावरण में यूरेनियम (U) और थोरियम (Th) के क्षय से निर्मित होता है।
    • मैग्मा (Magma):  कभी-कभी पर्यावरण में मैग्मा से रेडियोधर्मी गैसें भी उत्सर्जित होती हैं।
    • मृदा तलछट: मिट्टी के तलछट से जलभृत तक NORM का रिसाव भूजल संदूषण का कारण बनता है।

विगत वर्षों के प्रश्न 

अपनी तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिये कुछ का मानना है कि भारत को परमाणु ऊर्जा के लिये भविष्य के ईंधन के रूप में थोरियम पर अनुसंधान और विकास करना चाहिये। इस संदर्भ में यूरेनियम पर थोरियम का क्या लाभ है? (2012)

1. यूरेनियम की तुलना में थोरियम प्रकृति में कहीं अधिक प्रचुर मात्रा में विद्यमान है।
2. खनन किये गए खनिज के प्रति इकाई द्रव्यमान के आधार पर थोरियम प्राकृतिक यूरेनियम की तुलना में अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
3. थोरियम यूरेनियम की तुलना में कम हानिकारक अपशिष्ट पैदा करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

मानवजनित:

  • परमाणु रिएक्टर और हथियार:
    • परमाणु रिएक्टर और परमाणु हथियार का प्रयोग मानव प्रेरित रेडियोन्यूक्लाइड निर्वहन के प्रमुख स्रोत हैं। परमाणु रिएक्टर रेडियो आइसोटोप (कोबाल्ट-60, इरिडियम-192 आदि) का उत्पादन करते हैं जो रेडियोथेरेपी तथा कई औद्योगिक उपकरणों में गामा विकिरण के स्रोत के रूप में बाहर निकलते हैं।
    • तटीय क्षेत्रों में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र परमाणु कचरे को छोड़कर समुद्री जल में रेडियोलॉजिकल संदूषक उत्सर्जित करते हैं। इन बिजलीघरों में पानी को शीतलक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, जो दूषित भी हो जाते हैं।
  • रेडियोधर्मी कचरे की डंपिंग:
    • परमाणु हथियारों, एक्स-रे, एमआरआई और अन्य चिकित्सा उपकरणों में रेडियोधर्मी तत्त्वों के प्रयोग से यह मनुष्य के संपर्क में आने का कारण बनता है। इन रेडियोधर्मी कचरे को सतही जल निकायों में डालने से जल प्रदूषण होता है।
    • ट्रोंटियम-90, सीज़ियम-137 आदि कई अनावश्यक रेडियोआइसोटोपिक भी कचरे के साथ-साथ परमाणु रिएक्टरों से बनते हैं।
  • खनन:
    • यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोधर्मी तत्त्वों की खनन गतिविधियाँ भी सतह और भूजल को प्रदूषित करती हैं।
  • परमाणु दुर्घटनाएँ:
    • प्रायः परमाणु पनडुब्बियाँ समुद्री वातावरण में रेडियोधर्मी संदूषण का कारण बनती हैं।
    • पनडुब्बी दुर्घटनाओं के कारण रेडियोधर्मी प्रदूषण होता है।
    • कोलोराडो में रॉकी प्लांट, फुकुशिमा और चेर्नोबिल परमाणु आपदा ऐसी परमाणु दुर्घटनाओं के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

स्वास्थ्य प्रभाव:

  • विकिरण सिंड्रोम:
    • मानव ऊतक प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के माध्यम से विकिरण को अवशोषित करते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। विकिरण की उच्च मात्रा विकिरण सिंड्रोम या त्वचीय विकिरण चोट का कारण बन सकती है।
  • मानव शरीर क्रिया में विकार:
    • विकिरण के संपर्क में आने से मानव शरीर में विभिन्न विकार होते हैं, जिनमें कैंसर, ल्यूकेमिया, आनुवंशिक उत्परिवर्तन, मोतियाबिंद आदि शामिल हैं।
  • उत्परिवर्तन और संरचनात्मक परिवर्तन:
    • आनुवंशिक प्रभाव, आयनकारी विकिरण रोगाणु कोशिकाओं (पुरुष शुक्राणु कोशिकाओं और महिला अंडाणु कोशिकाओं) में उत्परिवर्तन को प्रेरित करता है, जिसके परिणामस्वरूप रोगाणु कोशिकाओं के डीएनए में संरचनात्मक परिवर्तन होता है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है।
    • वंशानुगत विकारों से असामयिक मृत्यु और गंभीर मानसिक बीमारी हो सकती है।

विगत वर्षों के प्रश्न 

निम्नलिखित में से किस देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार है? (2009)

(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) कनाडा
(c) रूसी संघ
(d) USA

उत्तर: (a)

स्रोत: द हिंदू

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