इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय राजनीति

सामाजिक लोकतंत्र का नॉर्डिक मॉडल

  • 20 Sep 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सामाजिक लोकतंत्र, नॉर्डिक देशों के नॉर्डिक मॉडल के साथ चुनौतियाँ।

मेन्स के लिये:

सामाजिक लोकतंत्र का नॉर्डिक मॉडल, इसके फायदे और नुकसान।

चर्चा में क्यों?

स्वीडन में नई दक्षिणपंथी सरकार बनने वाली है, जो सामाजिक लोकतंत्र के नॉर्डिक (स्कैंडिनेवियाई) मॉडल के लिये खतरा है।

  • मॉडरेट पार्टी के नेतृत्व में स्वीडन के दक्षिणपंथी गठबंधन ने सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी के नेतृत्व वाले सेंटर लेफ्ट ब्लॉक गठबंधन को हराया, इसके बावजूद सोशल डेमोक्रेट पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही।
  • स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड को सामूहिक रूप से नॉर्डिक देशों के रूप में जाना जाता है।

Sweden

लोकतंत्र का नॉर्डिक मॉडल

  • नॉर्डिक मॉडल स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड में पालन किये जाने वाले मानकों को संदर्भित करता है। ये राष्ट्र उच्च जीवन स्तर और निम्न-आय असमानता के लिये जाने जाते हैं।
  • मॉडल मुक्त-बाज़ार पूंजीवाद और समाज कल्याण का एक अनूठा संयोजन है।
    • आपूर्ति और मांग पर आधारित आर्थिक प्रणाली मुक्त बाज़ार के रूप में जानी जाती है।
    • सामाजिक लाभों को करदाताओं द्वारा वित्तपोषित किया जाता है और सभी नागरिकों के लाभ के लिये सरकार द्वारा प्रशासित किया जाता है।
  • यह एक मिश्रित आर्थिक प्रणाली है जो पूंजीवाद के लाभों को संरक्षित करते हुए पुनर्वितरण कराधान और एक मज़बूत सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यम से अमीर एवं गरीब के बीच की खाई को कम करती है।
  • लैंगिक समानता संस्कृति की एक विशिष्ट विशेषता है जिसके परिणामस्वरूप न केवल महिलाओं द्वारा कार्यस्थल में उच्च स्तर की भागीदारी बल्कि पुरुषों द्वारा उच्च स्तर की पैतृक भागीदारी भी सुनिश्चित होती है।

Nordic-Model

नॉर्डिक मॉडल के कार्य:

  • साझा इतिहास और सामाजिक विकास के संयोजन को इसकी अधिकांश सफलता का श्रेय दिया जाता है।
  • बड़े कॉरपोरेट-स्वामित्व वाले खेतों के गठन के आसपास विकसित क्षेत्रों के विपरीत, दुनिया के इस हिस्से का इतिहास काफी हद तक परिवार संचालित कृषि में से एक है।
  • परिणामतः समान चुनौतियों का सामना कर रहे नागरिकों द्वारा निर्देशित छोटे उद्यमशील उद्यमों का देश है। समाज के एक सदस्य को लाभ पहुँचाने वाले समाधानों से सभी सदस्यों को लाभ होने की संभावना है।
  • इस सामूहिक मानसिकता का परिणाम एक ऐसे नागरिक के रूप में होता है जो अपनी सरकार पर भरोसा करता है क्योंकि सरकार का नेतृत्व नागरिकों द्वारा किया जाता है जो ऐसे कार्यक्रम बनाने की कोशिश करते हैं जो सभी को लाभान्वित करें।
  • नतीजा यह है कि सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित सेवाएँ, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा, इतनी उच्च गुणवत्ता की हैं कि निजी उद्यमों के पास इन सेवाओं या उन्हें बेहतर बनाने के लिये पेशकश करने का कोई कारण नहीं है। पूंजीवादी उद्यमों के विकसित होने के साथ यह मानसिकता बरकरार रही।

फायदे और नुकसान:

  • फायदे:
    • नॉर्डिक मॉडल समानता और सामाजिक गतिशीलता पैदा करता है।
    • दुनिया में कई जगह बेहतरीन शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सहित अच्छी सार्वजनिक सेवाओं तक सभी की मुफ्त पहुँंच है और यह सुनिश्चित करने के लिये कि यह जारी रहे, लोग अपने करों का प्रसन्नतापूर्वक भुगतान करते हैं।
    • इन सामूहिक लाभों को उद्यमिता के साथ मिश्रित कर दिया जाता है, जिससे पूंजीवाद और समाजवाद का एक कुशल मिश्रण बनता है।
  • नुकसान:
    • उच्च करों, उच्च स्तर के सरकारी हस्तक्षेप और अपेक्षाकृत कम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) तथा उत्पादकता के कारण मॉडल की आलोचना की जाती है, जिससे आर्थिक विकास सीमित हो जाता है।
    • नॉर्डिक मॉडल संपत्ति का पुनर्वितरण करता है, व्यक्तिगत खर्च और उपभोग के लिये उपलब्ध धन की मात्रा को सीमित करता है तथा सरकार द्वारा सब्सिडी वाले कार्यक्रमों पर निर्भरता को प्रोत्साहित करता है।

इस मॉडल की चुनौतियाँ:

  • वृद्धों की बढती आबादी:
    • वृद्ध आबादी के संदर्भ में आदर्श परिदृश्य युवा करदाताओं की बड़ी जनसंख्या और सेवा प्राप्त करने वाले वृद्ध निवासियों की छोटी आबादी है। लेकिन जब जनसंख्या संतुलन वृद्ध जनसंख्या की ओर स्थांतरित होता है तो लाभ और सुविधाओं में कटौती की संभावना बढ़ जाती है।
  • अप्रवासन:
    • आप्रवास के संदर्भ में इन देशों में उदार सार्वजनिक लाभों का आनंद लेने के लिये नए लोगों की एक उल्लेखनीय आमद आकर्षित होती है। ये नए आगमन अक्सर उन देशों से होते हैं जिनके पास अच्छे निर्णय लेने का एक लंबा, साझा इतिहास नहीं है।
    • नए आगमन, प्रणाली के लिये एक गंभीर भार पेश कर सकते हैं और अंततः इसके अंत का परिणाम हो सकते हैं।

आगे की राह

  • ऐसी आशंकाएँ हैं कि बढ़ती आबादी, वैश्वीकरण और बढ़ते आप्रवासन नॉर्डिक मॉडल के कुशल कल्याणकारी राज्य को धीरे-धीरे अलग कर देंगे।
  • कराधान एक सीमा तक बढ़ाया जा सकता है और हमेशा जोखिम भरा होता है कि अधिक व्यक्तिवादी संस्कृति उभरेगी।
  • नॉर्डिक मॉडल में कई आलोचकों की अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करता है। यह मानने के कारण हैं कि इसके पीछे के मूल मूल्य इन देशों में इतने अंतर्निहित हैं कि वे हमेशा किसी-न-किसी रूप में मौजूद रहेंगे।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow