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कृषि, फसल बीमा और ऋण पर रणनीतिक साझेदारी के लिये समझौता ज्ञापन

  • 14 May 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये :

PMFBY योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना, यूएनडीपी, आधार सीडिंग।

मेन्स के लिये:

PMFBY योजना और इसके लाभ, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फसल बीमा। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य:

 PMFBY योजना:

  • परिचय:  
    • यह योजना किसानों को फसल की विफलता (खराब होने) की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।
    • अधिसूचित फसलों हेतु फसल ऋण/किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खाते में ऋण लेने वाले किसानों के लिये इस योजना को अनिवार्य बनाया गया है, जबकि अन्य किसान स्वेच्छा से इस योजना से जुड़ सकते हैं।
  • दायरा (Scope): वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/ बागवानी फसलें, जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।
  • बीमा किस्त: इस योजना के तहत किसानों द्वारा दी जाने वाली निर्धारित बीमा किस्त/ प्रीमियम- खरीफ की सभी फसलों के लिये 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1.5% है। वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलों के मामले में बीमा किस्त 5% है। 
    • किसानों के हिस्से की प्रीमियम लागत का वहन राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में बराबर साझा किया जाता है।
    • हालाँकि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत बीमा किस्त सब्सिडी का 90% हिस्सा वहन किया जाता है।
  • कवरेज: 
    • इस योजना में प्रतिवर्ष औसतन 5.5 करोड़ से अधिक किसान आवेदन शामिल होते हैं। 
    • आधार सीडिंग (इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से आधार को लिंक करना) ने किसानों के खातों में सीधे दावा निपटान में तेज़ी लाने में मदद की है। 
    • रबी 2019-20 के मौसम में टिड्डी हमले के दौरान राजस्थान राज्य में लगभग 30 करोड़ रुपए का दावा प्रस्तुत किया गया जो एक एक उल्लेखनीय उदाहरण है।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2.0:
  • योजना के अधिक कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 के खरीफ सीज़न में PMFBY में आवश्यक सुधार किया गया था।
  • इस संशोधित PMFBY को प्रायः PMFBY 2.0 भी कहा जाता है, इसकी कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
    • पूर्णतः स्वैच्छिक: इसके तहत वर्ष 2020 की खरीफ फसल से सभी किसानों के लिये नामांकन 100% स्वैच्छिक है।
    • सीमित केंद्रीय सब्सिडी: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना के तहत गैर-सिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिये बीमा किस्त की दरों पर केंद्र सरकार की हिस्सेदारी को 30% और सिंचित क्षेत्रों/फसलों के लिये 25% तक सीमित करने का निर्णय लिया है।
    • राज्यों को अधिक स्वायत्तता: केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को PMFBY को लागू करने के लिये व्यापक छूट प्रदान की है और साथ ही उन्हें इसमें किसी भी अतिरिक्त जोखिम कवर/सुविधाओं का चयन करने का विकल्प भी दिया है।
    • आईसीई गतिविधियों में निवेश: अब इस योजना के तहत बीमा कंपनियों द्वारा एकत्र किये गए कुल प्रीमियम का 0.5% सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों पर खर्च करना होगा।

PMFBY के तहत तकनीकी का प्रयोग:

  • फसल बीमा एप: 
    • यह किसानों को आसान नामांकन की सुविधा प्रदान करता है।
    • किसी भी घटना के घटित होने के 72 घंटों के भीतर फसल के नुकसान की आसान रिपोर्टिंग की सुविधा।
  • नवीनतम तकनीकी उपकरण: फसल के नुकसान का आकलन करने के लिये सैटेलाइट इमेजरी, रिमोट-सेंसिंग तकनीक, ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।
  • PMFBY पोर्टल: भूमि रिकॉर्ड के एकीकरण के लिये PMFBY पोर्टल की शुरुआत की गई है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना:

  • परिचय:
    • इसे वर्ष 1998 में किसानों को उनकी खेती के लिये आसान और सरल प्रक्रियाओं के साथ तथा अन्य ज़रूरतों जैसे कि बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि कृषि आदानों की खरीद, आहरण एवं उनकी उत्पादन ज़रूरतों हेतु बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से पर्याप्त और समय पर नकद ऋण सहायता प्रदान करने हेतु पेश किया गया था।
    • इस योजना को वर्ष 2004 में किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता को संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया था।  
  • उद्देश्य: 
    • किसान क्रेडिट कार्ड निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ प्रदान किया जाता है:
      • फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकताएँ।
      • फसल के बाद का खर्च।
      •  किसान परिवार की खपत आवश्यकताएँ हेतु कृषि-ऋण विपणन।
      • कृषि संपत्ति और कृषि से संबंधित गतिविधियों, जैसे- डेयरी पशु, अंतर्देशीय मत्स्य पालन आदि के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी।
      • कृषि और संबद्ध गतिविधियों जैसे- पंपसेट, स्प्रेयर, डेयरी पशु आदि के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता। 
  • क्रियान्वयन एजेंसी: 
    • किसान क्रेडिट कार्ड योजना वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
    • किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद और परिवार के लिये घर के निर्माण तथा गांव में कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना के लिये अल्पकालिक ऋण सहायता नहीं दी जाती है।

उपलब्धियांँ:

  • आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ रुपए का साख प्रोत्साहन देने की घोषणा की है।

प्रश्न. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)

  1. कृषि संपत्तियों के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी
  2. कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद
  3. खेतिहर परिवारों की उपभोग आवश्यकताएंँ
  4. फसल के बाद का खर्च
  5. पारिवारिक आवास का निर्माण एवं ग्राम कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना

निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

स्रोत: पी.आई.बी.

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