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खासी किंगडम

  • 26 Apr 2019
  • 3 min read

संदर्भ

हाल ही में खासी किंगडम के संघ ने 1947 की संधि के पुनरावलोकन का फैसला किया है।

प्रमुख बिंदु

  • 25 खासी किंगडम के महासंघ ने वर्तमान मेघालय को भारत का हिस्सा बनाने वाले 1947 के समझौतों के पुनरावलोकन की योजना तैयार की है।
  • इस पुनरावलोकन का उद्देश्य केंद्रीय कानूनों से आदिवासी रीति-रिवाजों और परंपराओं की रक्षा करना है।

पृष्ठभूमि

  • 15 दिसंबर, 1947 से 19 मार्च, 1948 के बीच खासी किंगडम के महासंघ ने भारत के डोमिनियन के साथ इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन और एनेक्सड (Instrument of Accession and Annexed) समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
  • 17 अगस्त, 1948 को गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने इन राज्यों के साथ सशर्त संधि पर हस्ताक्षर किये।
  • हालाँकि, खासी किंगडम ने भारत के अन्य राज्यों के विपरीत विलय पत्र (Instrument of Merger) पर हस्ताक्षर नहीं किये।
  • ब्रिटिश शासन में खासी क्षेत्र को खासी किंगडम और ब्रिटिश क्षेत्रों में विभाजित किया गया था। उस समय ब्रिटिश सरकार को खासी किंगडम पर कोई क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त नहीं था और अगर उन्हें किसी उद्देश्य के लिये ज़मीन की आवश्यकता होती थी तो उन्हें इन राज्यों के प्रमुखों से संपर्क करना पड़ता था।
  • स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश क्षेत्र भारतीय प्रभुत्व का हिस्सा बन गया लेकिन खासी राज्यों ने स्टैंडस्टिल समझौते के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये, जिसके तहत इन राज्यों को कुछ अतिरिक्त अधिकार प्राप्त थे।

हालाँकि, संविधान ने आदिवासी परिषदों के माध्यम से इन्हें काफी हद तक स्व-शासन का अधिकार प्रदान किया है लेकिन खासी लोग और अधिक अधिकारों की मांग करते रहे हैं।

खासी जनजाति

  • खासी मुख्यत: मेघालय में निवास करने वाली एक जनजाति है। यह जनजाति खासी तथा जयंतिया की पहाड़ियों में रहने वाली एक मातृसत्तात्मक समाज है।
  • मातृसत्तात्मक समाज से अभिप्राय ऐसे समाज से है जिसमें स्त्रियों की केंद्रीय भूमिका होती है।
  • ऐसे समाज का राजनैतिक एवं सामाजिक नेतृत्व एवं संपत्ति का अधिकार आदि स्त्रियों के पास होता है एवं वंशावली भी नारी से चलती है।

स्रोत: द हिंदू

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