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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

जापानी इंसेफेलाइटिस

  • 21 Feb 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जापानी इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, यूनिवर्सल इम्यूनाइज़ेशन प्रोग्राम, NPPCJA

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य, मानव संसाधन, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, जापानी इंसेफेलाइटिस, संचरण एवं रोकथाम।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी’ (NIAB), हैदराबाद ने गैर-संरचनात्मक-1 (NS1) स्रावी प्रोटीन का पता लगाने के लिये एक इम्यूनोसेंसर विकसित किया है, जो रक्त में मौजूद जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) के लिये एक उपयुक्त बायोमार्कर है।

  • एंटीबॉडी के बजाय NS1 का पता लगाने से एक अतिरिक्त फायदा होता है, क्योंकि एंटीजन संक्रमण के पहले दिन से ही मौजूद होता है और इसलिये इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है। दूसरी ओर, एंटीबॉडी संक्रमण के 4/5 दिन बाद ही दिखाई देते हैं।
  • ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी’ (NIAB) जैव प्रौद्योगिकी विभाग (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय) का एक भारतीय स्वायत्त अनुसंधान प्रतिष्ठान है।

जापानी इंसेफेलाइटिस क्या है?

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  • परिचय:
    • यह फ्लेविवायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है, जो मस्तिष्क के आसपास की झिल्लियों को प्रभावित करती है।
    • जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) भी भारत में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का एक प्रमुख कारण है।
  • संचरण:
    • यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
    • ये मच्छर मुख्य रूप से चावल के खेतों और जलीय वनस्पतियों से भरपूर बड़े जल निकायों में प्रजनन करते हैं।
    • समुदाय में सुअरों के साथ प्रवासी पक्षी भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस के संचरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • लक्षण:
    • जेई (JE) से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं या केवल हल्के लक्षण होते हैं।
    • हालाँकि संक्रमित लोगों के एक छोटे प्रतिशत में मस्तिष्क की सूजन (Encephalitis) की समस्या देखी जाती है, जिसमें अचानक सिरदर्द, तेज़ बुखार, कोमा में जाना, कंपकंपी और आक्षेप जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • इलाज: 
    • JE के रोगियों के लिये कोई एंटीवायरल उपचार नहीं है। उपलब्ध उपचार केवल लक्षणों को दूर करने और रोगी को स्थिर करने में सहायक हैं।
  • निदान: 
    • रोग से बचाव के लिये सुरक्षित और प्रभावी JE टीके उपलब्ध हैं।
    • भारत में JE वैक्सीन के साथ सामूहिक टीकाकरण वर्ष 2005 में बड़े प्रकोप के बाद चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया था।
    • भारत सरकार के यूनिवर्सल इम्यूनाइज़ेशन प्रोग्राम में  JE टीकाकरण भी शामिल है।

जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) से संबंधित सरकारी पहलें:

  • संबंधित मंत्रालयों के अभिसरण के साथ JE/AES के कारण बच्चों में रुग्णता, मृत्यु दर और विकलांगता को कम करने हेतु जापानी इंसेफेलाइटिस (JE)/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की रोकथाम और नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Japanese Encephalitis(JE)/ Acute Encephalitis Syndrome- NPPCJA) के तहत भारत सरकार ने एक बहुआयामी रणनीति विकसित की है
    • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय: JE टीकाकरण का विस्तार, सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों को मज़बूत करना, JE/AES से संबंधित मामलों का बेहतर नैदानिक प्रबंधन आदि।
    • सुरक्षित जल आपूर्ति के प्रावधान हेतु जल शक्ति मंत्रालय।
    • कमज़ोर बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाला पोषण प्रदान करने के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय।
    • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय: विकलांगता प्रबंधन और पुनर्वास के लिये  ज़िला विकलांगता पुनर्वास केंद्र स्थापित करना।
    • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा झुग्गी-झोपड़ियों और कस्बों में सुरक्षित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
    • शिक्षा मंत्रालय: विकलांग बच्चों को उनकी शिक्षा के लिये विशेष सुविधाएंँ उपलब्ध कराना।

स्रोत: पी.आई.बी. 

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