इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय बैठक

  • 10 Feb 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क, आधार, श्रीलंका का आर्थिक संकट, ईस्ट कोस्ट टर्मिनल प्रोजेक्ट-।, करेंसी स्वैप, लाइन ऑफ क्रेडिट, नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी।

मेन्स के लिये:

भारत के हित, भारत और उसके पड़ोसी देश, भारत-श्रीलंका संबंध।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक द्विपक्षीय बैठक में भारत ने श्रीलंका को 'एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क' को लागू करने के लिये अनुदान प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है, जो मुख्य तौर पर ‘आधार कार्ड’ प्रणाली पर आधारित है।

  • दोनों पक्षों ने मछुआरों के मुद्दे पर भी चर्चा की और भारत ने श्रीलंका को 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की।
  • इससे पहले दोनों देश श्रीलंका के आर्थिक संकट को कम करने में मदद हेतु खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा करने के लिये चार-आयामी दृष्टिकोण पर सहमत हुए थे।

Srilanka

एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क

  • परिचय:
    • ‘एकात्मक डिजिटल पहचान फ्रेमवर्क’ भारत की ‘आधार’ प्रणाली के समान है और इसके तहत श्रीलंका निम्नलिखित को प्रस्तुत करेगा:
      • बायोमेट्रिक डेटा पर आधारित व्यक्तिगत पहचान सत्यापन उपकरण।
      • डिजिटल उपकरण, जो साइबर स्पेस में व्यक्तियों की पहचान करते हों।
      • ‘व्यक्तिगत पहचान’ प्रणाली, जिसे दो उपकरणों के संयोजन से डिजिटल एवं भौतिक वातावरण में सटीक रूप से सत्यापित किया जा सकता है।
  • पूर्ववर्ती प्रयास:
    • यह पहली बार नहीं है जब श्रीलंका अपने नागरिकों की पहचान को डिजिटाइज़ करने का प्रयास कर रहा है। श्रीलंकाई सरकार ने कुछ ही वर्ष पूर्व 2015-2019 तक एक समान इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय पहचान पत्र या E-NIC का विचार प्रस्तुत किया था। कई सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय डेटाबेस में नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक राज्य की पूर्ण पहुँच होगी।
    • श्रीलंका सरकार ने वर्ष 2011 की शुरुआत में भी इस परियोजना को शुरू करने की कोशिश की थी, हालाँकि यह परियोजना कभी लागू नहीं की गई।

हाल ही में भारत द्वारा श्रीलंका को प्रदान की गई आर्थिक सहायता:

  • जनवरी 2022 से भारत द्वारा एक गंभीर डॉलर के संकट की चपेट में आए द्वीप राष्ट्र को महत्त्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उपजे कई भय एक संप्रभु डिफाॅल्ट और आयात-निर्भर देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी का कारण बन सकते हैं।
  • इस वर्ष की शुरुआत से भारत द्वारा दी गई राहत 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है– 400 अमेरिकी डॉलर मुद्रा विनिमय, 500 अमेरिकी डॉलर ऋण आस्थगन और ईंधन आयात के लिये 500 अमेरिकी डॉलर लाइन ऑफ क्रेडिट
  • श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और इससे निपटने हेतु भारत से मदद के लिये 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता पर बातचीत कर रहा है।

द्विपक्षीय संबंधों पर भारत का रुख क्या है?

  • पारस्परिक रूप से लाभकारी परियोजनाओं को शीघ्रता से आगे बढ़ाना, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • भारत और श्रीलंका के बीच हवाई व  समुद्री संपर्क बढ़ाने का प्रस्ताव।
    • आर्थिक और निवेश पहल।
    • श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिये उठाए गए कदम।
    • पड़ोसियों के "साझा समुद्री क्षेत्र को विभिन्न समकालीन खतरों से सुरक्षित रखना" और कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में सहयोग करना।

भारत-श्रीलंका संबंध और विवाद:

  • मछुआरों की हत्या:
    • श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला इन दोनों देशों के बीच एक पुराना मुद्दा है।
    • वर्ष 2019 और 2020 में कुल 284 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया तथा कुल 53 भारतीय नौकाओं को श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया गया।
      • वर्तमान बैठक में दोनों देशों ने पाक जलडमरू और मत्स्य पालन पर चर्चा की तथा भारतीय मछुआरों द्वारा मशीनीकृत ट्रॉलरों के उपयोग के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों के समाधान के लिये भी बातचीत चल रही है।
  • ईस्ट कोस्ट टर्मिनल परियोजना:
    • इस वर्ष (2021) श्रीलंका ने ईस्ट कोस्ट टर्मिनल परियोजना हेतु भारत और जापान के साथ हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन को रद्द कर दिया है।
    • भारत द्वारा इसका विरोध किया गया, हालाँकि बाद में वह अदानी समूह द्वारा विकसित किये जा रहे वेस्ट कोस्ट टर्मिनल के लिये सहमत हो गया।
  • चीन का प्रभाव:
    • श्रीलंका में तेज़ी से बढ़ते चीन के आर्थिक पदचिह्न और परिणाम के रूप में राजनीतिक दबदबा भारत-श्रीलंका संबंधों को तनावपूर्ण बना रहा है।
      • चीन पहले से ही श्रीलंका में सबसे बड़ा निवेशक है, जो कि वर्ष 2010-2019 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगभग 23.6% था, जबकि भारत का हिस्सा केवल 10.4 फीसदी है।
      • चीन श्रीलंकाई सामानों के लिये सबसे बड़े निर्यात स्थलों में से एक है और श्रीलंका के विदेशी ऋण के 10% हेतु उत्तरदायी है।
  •   श्रीलंका का 13वाँ संविधान संशोधन: 
    • यह एक संयुक्त श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति और सम्मान के लिये तमिल लोगों की उचित मांग को पूरा करने हेतु प्रांतीय परिषदों को आवश्यक शक्तियों के हस्तांतरण की परिकल्पना करता है।

आगे की राह

  • भारत और श्रीलंका के बीच ज़मीनी स्तर पर विश्वास की कमी है, फिर भी दोनों देश आपसी संबंधों को खराब करने के पक्ष में नहीं हैं। 
  • हालाँकि एक बड़े देश के रूप में भारत पर श्रीलंका को साथ ले चलने की ज़िम्मेदारी है। भारत को धैर्य रखने की ज़रूरत है और किसी भी तनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से बचना चाहिये तथा श्रीलंका (विशेष रूप से उच्चतम स्तर पर) को और अधिक नियमित रूप से एवं बारीकी से इस कार्य में संलग्न करना चाहिये।
  • कोलंबो के घरेलू मामलों में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से दूर रहते हुए भारत को अपनी जन-केंद्रित विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। 
  • श्रीलंका के साथ ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति का संपोषण भारत के लिये हिंद महासागर क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों को संरक्षित करने के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है। 

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow