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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-जापान के लिये वेस्ट कंटेनर टर्मिनल का प्रस्ताव: श्रीलंका

  • 05 Mar 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में श्रीलंका ने भारतीय और जापानी कंपनियों को वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (West Container Terminal) देने का फैसला किया है।

  • यह फैसला श्रीलंका सरकार द्वारा वर्ष 2019 के त्रिपक्षीय समझौते से भारत और जापान को बाहर निकालने के एक महीने बाद आया है। इस समझौते के अंतर्गत इन दोनों भागीदारों को संयुक्त रूप से ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (East Container Terminal) को विकसित करना था।

Sri-Lanka

प्रमुख बिंदु

WCT परियोजना के विषय में:

  • श्रीलंका ने भारत के अडानी पोर्ट्स, विशेष आर्थिक क्षेत्र लिमिटेड और इसके स्थानीय प्रतिनिधि को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अंतर्गत 35 वर्षों की अवधि के लिये निर्माण, संचालन और स्थानांतरण (Build, Operate and Transfer) के आधार पर WCT को विकसित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। इस परियोजना में जापान एक निवेशक के रूप में होगा।

हिस्सेदारी: 

  • श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (SLPA) के पास ECT परियोजना में 51% हिस्सेदारी है, लेकिन WCT के प्रस्ताव में भारत और जापान को 85% हिस्सेदारी दी जाएगी।
  • यह कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (CICT) के लिये निर्धारित शर्तों के समान है, जहाँ चाइना मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग्स कंपनी लिमिटेड की 85% हिस्सेदारी है।

महत्त्व: 

  • WCT चीन द्वारा संचालित CICT से सटा हुआ है और चीन संचालित पोर्ट सिटी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है, जो रणनीतिक रूप से इसे भारत के लिये महत्त्वपूर्ण बनाता है।
  • यह परियोजना भारत को हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक दृष्टि (SAGAR), पड़ोस पहले की नीति (Neighbourhood First Policy) और चीन की स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स (String of Pearl) रणनीति का मुकाबला करने में सहायता करेगी।
  • कोलंबो का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब उसे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Right Council) के सत्र में समर्थन की आवश्यकता है, जहाँ देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर एक प्रस्ताव जल्द ही मतदान के लिये रखा जाएगा।

भारत - श्रीलंका संबंध

  • पृष्ठभूमि: भारत, श्रीलंका का निकटतम पड़ोसी है। दोनों देशों के बीच संबंध 2,500 साल से अधिक पुराना है और दोनों पक्षों ने बौद्धिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं भाषायी सहयोग की विरासत का निर्माण किया है।
  • आतंकवाद के खिलाफ समर्थन: श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान भारत ने विद्रोही ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये श्रीलंकाई सरकार का समर्थन किया था।
  • पुनर्वास के लिये समर्थन: भारतीय आवास परियोजना (Indian Housing Project) भारत सरकार द्वारा श्रीलंका को विकासात्मक सहायता देने के लिये प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना के तहत गृहयुद्ध से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों तथा चाय बागान श्रमिकों के लिये 50,000 घरों का निर्माण करना है।
  • कोविड-19 के दौरान सहायता: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कोविड महामारी से बुरी तरह प्रभावित श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा देने और उसकी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये इसे 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। भारत ने श्रीलंका को कोविड-19 टीके भी दिये हैं।
  • संयुक्त अभ्यास: भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य (मित्र शक्ति) तथा नौसेना अभ्यास (SLINEX) का आयोजन करते हैं।
  • समूहों में भागीदारी: श्रीलंका बिम्सटेक (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) और सार्क (SAARC) जैसे ग्रुपों का भी सदस्य है, जिनमें भारत एक अग्रणी भूमिका निभाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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