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वॉटर स्ट्रेस इंडेक्स: विकट होती जा रही जल संकट की समस्या

  • 31 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी वॉटर स्ट्रेस इंडेक्स (Water Stress Index) के अनुसार, देश के 20 बड़े शहरों में से 11 जल संकट की खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं।

भारत में जल संकट की वर्तमान स्थिति

  • वर्तमान में चेन्नई जिस प्रकार के गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि निकट भविष्य में देश के अन्य राज्यों में भी भयावह जल संकट दस्तक देने वाला है।
  • भारत के अधिकतर राज्य पहले से ही अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि, जल संसाधनों की कमी और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों का सामना कर रहे हैं।
  • हालाँकि, चेन्नई ने संसाधनों के संरक्षण के लिये जून से ही पानी में कटौती शुरू कर दी थी, परन्तु लंबे समय तक सूखा बने रहने के कारण वहाँ के सभी प्रमुख जलाशय सूख चुके हैं।
  • अब चेन्नई में पानी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये पास के वेल्लोर से ट्रेन के द्वारा पानी पहुँचाया जा रहा है।

क्या कहता है इंडेक्स?

  • इस इंडेक्स में भारत को विश्व के 46वें सबसे अधिक जोखिमपूर्ण देश (जल संकट के संदर्भ में) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • इससे भी अधिक चिंता का विषय यह है कि भारत के 20 बड़े शहरों में से 11 ‘अत्यधिक जोखिम’ (Extreme Risk) वाली श्रेणी में और 7 शहर ‘उच्च जोखिम’ (High Risk) वाली श्रेणी में शामिल हैं।
  • इंडेक्स के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली सहित चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, नासिक, जयपुर, अहमदाबाद और इंदौर जैसे देश के अन्य बड़े शहर ‘अत्यधिक जोखिम’ वाली श्रेणी में शामिल हैं।

यह इंडेक्स घरों, उद्योगों और कृषि क्षेत्रों की जल खपत दर तथा नदियों और झीलों में उपलब्ध जल को मापता है।

    • इंडेक्स के मुताबिक, बेंगलुरु और सूरत में पानी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इन शहरों में जल्द ही जल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके अतिरिक्त चेन्नई और दिल्ली भी इस संदर्भ में काफी संवेदनशील क्षेत्र हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2035 में दिल्ली की आबादी 28 मिलियन से बढ़कर 43 मिलियन हो जाएगी अर्थात् 52 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, और इसी अवधि में चेन्नई की आबादी में भी 47 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।
  • रिपोर्ट के अनुसार, देश के अत्यधिक जोखिम वाले 11 शहरों में वर्ष 2035 तक औसत जनसंख्या वृद्धि दर लगभग 49 प्रतिशत होगी अर्थात् वर्ष 2035 तक इन 11 शहरों में 127 मिलियन लोग और रहने आ जाएंगे।

क्या किया जा सकता है?

  • कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पानी की खपत कम कम करने वाली फसलों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। हाल ही के वर्षों में तमिलनाडु सरकार द्वारा ऐसे प्रयास किये गए हैं।
  • जल उपभोग दक्षता को बढ़ाया जाना चाहिये, क्योंकि अभी तक सर्वश्रेष्ठ मामलों में भी यह 30% से भी कम है।
  • जल संरक्षण हेतु जन जागरूकता अतिआवश्यक है, क्योंकि भारत जैसे देशों की अपेक्षा कम जल उपलब्धता वाले अमेरिका के कुछ क्षेत्रों में अभी तक जल संकट की कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है।

स्रोत: द हिंदू

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