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भारत ने लैपटॉप, कंप्यूटर व संबंधित उपकरणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध

  • 08 Aug 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हार्मोनाइज़्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनक्लेचर (HSN), विदेश व्यापार महानिदेशालय, IT हार्डवेयर हेतु उन्नत उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना 

मेन्स के लिये:

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिये भारत की पहल, उन्नत उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने घोषणा की है कि वह 1 नवंबर, 2023 से हार्मोनाइज़्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनक्लेचर (HSN) कोड 8471 के तहत वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लैपटॉप, कंप्यूटर और संबंधित उपकरणों (Components) के आयात को प्रतिबंधित कर देगा। यह प्रतिबंध बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा।

नोट: डेटा प्रोसेसिंग मशीनों को HSN code 8471 के तहत वर्गीकृत किया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर आयात प्रतिबंध लगाने का कारण:

  • इन प्रतिबंधों का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, विदेशी आयात, विशेष रूप से चीन से आयात पर निर्भरता को कम करना एवं भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।
  • यह IT हार्डवेयर के लिये उन्नत उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के माध्यम से घरेलू उत्पादन को सुदृढ़ करने के सरकारी प्रयासों के अनुरूप है।
  • प्रतिबंधों का उद्देश्य संभावित सुरक्षा कमज़ोरियों वाले इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के प्रवेश को रोकना है जो संवेदनशील व्यक्तिगत एवं उद्यम डेटा से समझौता कर सकते हैं।
  • आयात को प्रतिबंधित कर सरकार का लक्ष्य स्वदेशी निर्माताओं के लिये अपने वैश्विक पदचिह्न/ग्लोबल फुटप्रिंट का विस्तार करने की दिशा में अनुकूल वातावरण बनाना है।

प्रतिबंध का बाज़ार और उपभोक्ताओं पर प्रभाव:

  • लैपटॉप तथा संबंधित उपकरणों पर आयात प्रतिबंध से आपूर्ति शृंखला में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, जिससे बाज़ार में कुछ लैपटॉप मॉडलों की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
    • इस नीति से अल्पावधि के लिये आपूर्ति संकट उत्पन्न होने की संभावना है, क्योंकि आयातकों को लाइसेंस के लिये आवेदन करना होगा और अनुमोदन की प्रतीक्षा करनी होगी। इससे बाज़ार में लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर संबंधी कीमतों में वृद्धि होने के साथ-साथ उपलब्धता भी कम हो सकती है।
  • घरेलू निर्माताओं को इन प्रतिबंधों से लाभ हो सकता है, क्योंकि आयात सीमित होने पर उपभोक्ता स्थानीय रूप से निर्मित लैपटॉप की ओर रुख कर सकते हैं।
    • यह प्रतिबंध घरेलू लैपटॉप विनिर्माण क्षमता के विकास को प्रोत्साहित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक उन्नत और प्रतिस्पर्द्धी उत्पाद तैयार हो सकेंगे।
  • यह नीति लैपटॉप बाज़ार में मौजूदा अभिकर्त्ताओं जैसे- डेल, HP, लेनोवो (Lenovo), एसर (Acer), आसुस (Asus) और ऐप्पल (Apple) को भी प्रभावित करेगी, जो अपने अधिकांश उत्पाद चीन, वियतनाम, ताइवान एवं अन्य देशों से आयात करते रहे हैं। उन्हें या तो अपना उत्पादन भारत में करना होगा या उत्पादों को उन स्थानीय निर्माताओं से लेना होगा, जो उनकी गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हों।
  • यह नीति नवागंतुकों और स्थानीय निर्माताओं के लिये भी अवसर प्रदान करेगी, जो PLI योजना का लाभ उठा सकते हैं और किफायती कीमतों पर प्रतिस्पर्द्धी उत्पाद पेश कर सकते हैं।

पहचान प्रणाली:

  • HSN एक ऐसी प्रणाली है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कारोबार किये जाने वाले प्रत्येक उत्पाद के लिये एक अद्वितीय कोड निर्दिष्ट करती है।
  • HSN कोड का उपयोग विश्व के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा आयातित वस्तुओं पर टैरिफ की पहचान एवं आकलन करने के लिये किया जाता है।
    • इसका उपयोग व्यापारियों तथा निर्यातकों द्वारा अपने उत्पाद की घोषणा एवं उत्पत्ति के नियमों का अनुपालन करने के लिये भी किया जाता है.
  • HSN कोड विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) द्वारा वर्ष 1988 में विकसित किया गया था, साथ ही इसे प्रत्येक पाँच वर्ष में अद्यतन किया जाता है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade- DGFT):

  • DGFT वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंर्तगत एक सरकारी निकाय है जो देश की विदेश व्यापार नीति को लागू करता है।
  • DGFT की स्थापना वर्ष 1991 में आयात और निर्यात के मुख्य नियंत्रक (CCI&E) के स्थान पर की गई थी।
  • विदेश व्यापार महानिदेशक DGFT का नेतृत्व करता है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में एवं क्षेत्रीय कार्यालय पूरे देश में हैं।
  • DGFT विभिन्न योजनाओं एवं उपायों के माध्यम से विदेशी व्यापार को विनियमित करने के साथ बढ़ावा देता है, जैसे- लाइसेंस, प्राधिकरण, प्रमाण पत्र, प्रोत्साहन देना आदि।
  • DGFT निर्यातकों तथा आयातकों को मार्गदर्शन और सहायता भी प्रदान करता है, साथ ही व्यापार से संबंधित मुद्दों पर अन्य मंत्रालयों, विभागों, संस्थाओं एवं हितधारकों के साथ समन्वय करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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