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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-चीन अफगानिस्तान को एक समान आधार के रूप में देख रहे हैं

  • 28 Feb 2017
  • 4 min read

गौरतलब है कि एनएसजी (Nuclear Suppliers  Group – NSG) में भारत की सदस्यता, संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अज़हर को आतंकी घोषित किये जाने तथा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे जैसे बहुत से महत्त्वपूर्ण मुद्दों के विषय में आपसी असहमति होने के बावजूद भारत एवं चीन ने विकास की राह को और अधिक सशक्त करने के उद्देश्य से अफगानिस्तान को एक समान आधार के परिप्रेक्ष्य में देखने का निर्णय किया है|

  • हाल ही में भारत तथा चीन के अधिकारियों ने परस्पर आर्थिक प्रतिद्वंद्विता को किनारे करते हुए, दोनों देशों के मध्य साझी विकासात्मक परियोजनाओं के सन्दर्भ में कार्य करने के संबंध में भी विचार-विमर्श किया|
  • वस्तुतः इस बदलते परिदृश्य का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्तासीन होने तथा विदेश एवं व्यापार नीति में किये गए आश्चर्यजनक बदलाव के कारण उभरा नया वैश्विक समीकरण है|

अन्य पक्ष

  • इस संबंध में एक दूसरा संभावित पक्ष यह है कि मई 2017 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) द्वारा बीआरआई (Belt and Road Initiative - B&RI)  के सन्दर्भ में आयोजित की जाने वाली एक वैश्विक कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भी शामिल होने की संभावना है|
  • ध्यातव्य है कि बीआरआई के अंतर्गत पाक अधिकृत कश्मीर तथा गिलगित बाल्टिस्तान में चीन - पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor) का निर्माण किया जा रहा है|  
  • उल्लेखनीय है कि इस सम्बन्ध में भारतीय अधिकारियों ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत इस वैश्विक कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं बनेगा क्योंकि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं कर सकता है|
  • इसके अलावा मसूद अज़हर तथा एनएसजी के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए चीनी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि चीन इस संबंध में समाधान निकालने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है|
  • फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में भारत तथा चीनी अधिकारियों के मध्य हुई वार्ता को पाँच अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है| जिनके अंतर्गत अफगानिस्तान, परमाणु मुद्दों (Nuclear Issues), संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित 1267 प्रयोजन समितियों (Designation Committee), द्विपक्षीय मुद्दों (Bilateral Issues) के मुद्दों के साथ-साथ वीज़ा मामले (Visa Matters) प्रमुख चर्चा का केंद्र रहे हैं|
  • गौरतलब है कि अफगानिस्तान के हेरात (Herat) क्षेत्र में भारत द्वारा सलमा बाँध (Salma Dam) का निर्माण करने के भारत के विकासात्मक कार्य की चीनी सरकार द्वारा काफी प्रशंसा भी की गई है|
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