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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता

  • 04 Apr 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता, मुक्त व्यापार समझौता, सीईपीए, सीईसीए, आपूर्ति शृंखला लचीली पहल, क्वाड, यूएनसीएलओएस, ऑस्ट्रेलिया का स्थान और पड़ोस।

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ और समझौते, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, भारत से जुड़े तथा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते, आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता, मुक्त व्यापार समझौता तथा इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (Ind- Aus ECTA) पर हस्ताक्षर किये।

  • फरवरी 2022 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की कि वे इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए (India-Australia ECTA) वार्ता औपचारिक रूप से सितंबर 2021 में फिर से शुरू की गई जो मार्च, 2022 के अंत तक फास्ट-ट्रैक आधार पर संपन्न हुई।

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आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता:

  • यह पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है जिस पर भारत ने एक दशक से अधिक समय के बाद किसी प्रमुख विकसित देश के साथ हस्ताक्षर किये हैं।
  • फरवरी में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक एफटीए पर हस्ताक्षर किये तथा वर्तमान में इज़रायल, कनाडा, यूके और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए पर कार्य कर रहा है।
  • इस समझौते में दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के क्षेत्र में सहयोग शामिल है तथा इस समझौते में निम्नलिखित क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है:
    • वस्तु व्यापार, उत्पत्ति के नियम।
    • सेवाओं में व्यापार।
    • व्यापार की तकनीकी बाधाएँ (TBT)।
    • स्वच्छता और पादप स्वच्छता (Sanitary and Phytosanitary) उपाय।
    • विवाद निपटान, व्यक्तियों की आवाजाही।
    • दूरसंचार, सीमा शुल्क प्रक्रियाएँ।
    • फार्मास्यूटिकल उत्पाद तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग।
  • ईसीटीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा इसमें सुधार के लिये एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ईसीटीए क्रमशः भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा निपटाए गए लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है।
    • भारत को अपनी 100% टैरिफ लाइनों पर ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान की जाने वाली अधिमान्य बाज़ार पहुँच से लाभ होगा।
    • इसमें भारत के सभी निर्यात श्रम प्रधान क्षेत्र शामिल हैं जैसे- रत्न, आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, फर्नीचर आदि।
    • दूसरी ओर भारत ऑस्ट्रेलिया को अपनी 70% से अधिक टैरिफ लाइनों पर अधिमान्य पहुँच की पेशकश करेगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की निर्यात हेतु ब्याज दरें शामिल हैं जो मुख्य रूप से कच्चे माल जैसे- कोयला, खनिज अयस्क तथा वाइन और और बिचौलिये आदि हैं।
  • समझौते के तहत STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) से संबंधित भारतीय स्नातकों को अध्ययन के बाद विस्तारित कार्य वीज़ा दिया जाएगा।
    • ऑस्ट्रेलिया में कार्य करने के इच्छुक युवा भारतीयों को वीज़ा देने के लिये ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक योजना की शुरुआत की जाएगी।

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समझौते का महत्त्व:

  • यह ऑस्ट्रेलिया को भारत के निर्यात के 96% तक शून्य-शुल्क पहुँच प्रदान करेगा, जिसमें इंजीनियरिंग सामान, रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, परिधान और चमड़े जैसे प्रमुख क्षेत्रों से शिपमेंट शामिल हैं।
  • एक सरकारी अनुमान के अनुसार, यह वस्तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को पाँच वर्षों में लगभग 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 45-50 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर देगा और भारत में दस लाख से अधिक रोज़गार पैदा करेगा।
  • यह भारत को ऑस्ट्रेलिया के निर्यात के 85% तक शून्य-शुल्क पहुँच प्रदान करेगा, जिसमें कोयला, भेड़ का मांस और ऊन आदि शामिल है, साथ ही इसमें ऑस्ट्रेलियाई वाइन, बादाम, दाल और कुछ फलों पर कम शुल्क अधिरोपित करना भी है।

मुक्त व्यापार समझौते क्या हैं?

  • यह दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात बाधाओं को कम करने हेतु किया गया एक समझौता है।
  • एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं।
  • मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।
  • FTAs को तरजीही व्यापार समझौते, व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA), व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंध:

  • भारत-ऑस्‍ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनमें हाल के वर्षों में रूपांतरकारी बदलाव हुए हैं और अब ये एक सकारात्‍मक दिशा में विकसित होकर मित्रतापूर्ण साझेदारी में बदल गए हैं।
  • दोनों देशों के बीच एक विशेष साझेदारी है, जिसमें बहुलवादी, संसदीय लोकतंत्र, राष्‍ट्रकुल परंपराएँ, बढ़ता आर्थिक सहयोग, लोगों-से-लोगों के बीच दीर्घकालिक संबंध तथा बढ़ते हुए उच्‍चस्‍तरीय परस्‍पर संपर्कों के साझा मूल्‍य शामिल हैं।
  • भारत-ऑस्‍ट्रेलिया व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी ‘भारत-आस्‍ट्रेलिया लीडर्स वर्चुअल समिट’ के दौरान आरंभ हुई, जो कि दोनों देशों के बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है।
  • भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच बढ़ते वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच स्थि‍रता एवं विविधता के साथ तीव्रता से प्रगाढ़ होते द्वपक्षीय संबंध की मज़बूती में योगदान देते हैं।
  • भारत और ऑस्‍ट्रेलिया एक-दूसरे के महत्त्वपूर्ण व्‍यापारिक साझेदार बने हुए हैं।
    • ऑस्‍ट्रेलिया भारत का 17वाँ सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है तथा भारत ऑस्‍ट्रेलिया का नौवाँ सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है।
    • वस्‍तु एवं सेवाओं दोनों क्षेत्रों में भारत-ऑस्‍ट्रेलिया द्विपक्षीय व्‍यापार वर्ष 2021 में 27.5 बिलियन डॉलर का आंँका गया है।
    • वर्ष 2019 तथा वर्ष 2021 के बीच ऑस्‍ट्रेलिया को भारत का वस्‍तु निर्यात 135 प्रतिशत बढ़ा। भारत के निर्यातों में मुख्‍य रूप से परिष्‍कृत उत्‍पादों का एक व्‍यापक बास्‍केट शामिल है तथा वर्ष 2021 में यह 6.9 बिलियन डॉलर का था।
    • वर्ष 2021 मेंऑस्ट्रेलिया से भारत द्वारा किया गया माल का आयात 15.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जिसमें बड़े पैमाने पर कच्चा माल, खनिज और मध्यवर्ती सामान शामिल थे।
  • भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ त्रिपक्षीय ‘सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव’ (SCRI) में शामिल है जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति शृंखलाओं में लचीलेपन को बढ़ाने का प्रयास करता है।
  • इसके अलावा भारत एवं ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देश क्वाड ग्रुपिंग (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका तथा जापान भी शामिल हैं, ताकि सहयोग को और बढ़ाया जा सके एवं साझा चिंताओं के कई मुद्दों पर साझेदारी विकसित की जा सके।

आगे की राह

  • साझा मूल्य, साझा हित, साझा भूगोल और साझा उद्देश्य भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को गहरा करने का आधार हैं तथा हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सहयोग एवं समन्वय ने गति पकड़ी है।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देश विवादों के बजाय एकतरफा या सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र तथा समुद्र के सहकारी उपयोग हेतु संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (United Nations Convention on the Law of the Sea- UNCLOS) एवं शांतिपूर्ण समाधान हेतु अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करते हैं।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए ( India-Australia ECTA) दोनों देशों के बीच पहले से ही घनिष्ठ और रणनीतिक संबंधों को और मज़बूती प्रदान करेगा, वस्तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाएगा, रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न करेगा तथा दोनों देशों के लोगों के जीवन स्तर को सुधरने के साथ-साथ लोगों के सामान्य कल्याणको सुनिश्चित करेगा।
  • एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) के छह भागीदार देशों अर्थात् पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, कोरिया गणराज्य, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते हैं।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न.निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)

1. ऑस्ट्रेलिया
2. कनाडा
3. चीन
4. भारत
5. जापान
6. यूएसए

उपर्युक्त में से कौन से देश आसियान के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में शामिल हैं?

(a) 1, 2, 4 और 5
(b) 3, 4, 5 और 6
(c) 1, 3, 4 और 5
(d) 2, 3, 4 और 6

उत्तर: (c)

स्रोत: पी.आई.बी.

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