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आयरलैंड में गर्भपात कानून में संशोधन संबंधी जनमत संग्रह, चर्च के नियमों को बड़ा झटका

  • 29 May 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

गर्भपात पर लगे 35 वर्ष पुराने संवैधानिक प्रतिबंध को हटाने के लिये आयरलैंड की जनता ने दो तिहाई से अधिक (66.4%) मत दिया है। दरअसल, आयरलैंड, लंबे समय तक कैथोलिक रूढ़िवाद का गढ़ रहा है, लेकिन अब आयरलैंड इन मुद्दों पर आगे बढ़ रहा है और यह फैसला पिछले 10 या 20 वर्षो में शांतिपूर्ण क्रांति का चरमोत्कर्ष है।

आयरलैंड में परिवर्तन की राह 

  • 1992 में समलैंगिकता को समाप्त कर दिया गया था उसके अगले ही वर्ष, गर्भ निरोधकों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध भी हटा दिये गए थे।
  • 1996 में तलाक को विधि अनुकूल घोषित किया गया।
  • 1992 तथा 2002 में माँ की जान को खतरा होने की स्थिति में गर्भपात को मंजूरी दी गई। 
  • 2015 में,  जेंडर आइडेंटिटी कानून पारित किया गया था और जून 2017 में, वरदकर जो खुलेआम समलैंगिक थे, प्रधानमंत्री बने।

आयरलैंड में चर्च का प्रभुत्व और बदलाव 

  • आयरलैंड,  जो ब्रिटेन की दासता से 1922 में मुक्त होने के बाद शुरुआती दशकों में इस गणराज्य के लिये, सबसे प्रभावशाली संस्था चर्च थी, जिसने आयरिश पहचान के साथ कैथोलिक धर्म के सम्मिश्रण के माध्यम से राज्य और वहाँ के लोगों पर अपना अर्द्ध-औपनिवेशिक अधिकार स्थापित किया।
  • चर्च के विश्वदृष्टि और आधुनिक समाज के आदर्शों के बीच विरोधाभास 1960 के दशक के आर्थिक उदारीकरण के साथ प्रकट हुए, जब बड़ी संख्या में महिलाएं कार्यबल में शामिल होने लगीं।
  • अगले कुछ दशकों में, महिलाओं को पुरुषों के बराबर वेतन संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • 1980 के दशक में एक आर्थिक मंदी से प्रवासन की लहर शुरू हुई और यहाँ समुदायों को सामाजिक और यौन स्वतंत्रता की एक श्रृंखला प्रदान की गई।
  • 1983 का आठवाँ संशोधन - जिसे जनमत संग्रह द्वारा निरस्त किया गया है- कुछ प्रारूपों में रूढ़िवादी मत का आखिरी रुख था।

पृष्ठभूमि 

  • गर्भपात न करने के कैथोलिक नियम में बदलाव की माँग 6 साल पहले भारतीय मूल की सविता हलप्पन्वार की मृत्यु के बाद तेज़ हो गई थी।
  • मिसकैरेज होने के बावज़ूद कड़े कैथोलिक क़ानून के चलते सविता को गर्भपात की इजाज़त नहीं दी गई थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी।
  • सविता की मौत के बाद आयरलैंड के गर्भपात क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे।
  • इसके बाद ही माँ की ज़िंदगी को खतरा होने की स्थिति में गर्भपात की मंजूरी के लिये 2013 में इस क़ानून में बदलाव किया गया था।
  • फिलहाल, आयरलैंड की महिलाओं को केवल उस परिस्थिति में ही गर्भपात कराने की अनुमति है जब उनकी ज़िंदगी ख़तरे में हों।
  • वर्तमान क़ानून में बलात्कार, सगे-संबंधियों के साथ यौन संबंध या भ्रूण संबंधी घातक असामान्य स्थिति में गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई है। 
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