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जी.एस.टी. नेटवर्क की संरचना योजना

  • 19 Sep 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

जी.एस.टी. नेटवर्क (GST Network - GSTN) द्वारा छोटे करदाताओं को संरचना योजना (Composition Scheme) का विकल्प चुनने के लिये 75 लाख रुपए तक के टर्नओवर की सुविधा दी गई है। इस तरह के छोटे करदाताओं को 30 सितंबर तक इस योजना के विकल्प को चुनने का समय दिया गया है। इसके तहत व्यापार को और अधिक  आसान बनाते हुए केवल त्रैमासिक आधार पर रिटर्न भरे जाने का प्रावधान किया गया है। 

संरचना योजना क्या है?

  • संरचना योजना को छोटे करदाताओं के लिये कर की अदायगी के एक वैकल्पिक तरीके के रूप में डिज़ाइन किया गया है। 
  • इस योजना के अंतर्गत केवल उन करदाताओं को शामिल किया जाएगा, जिनका कारोबार देश के -आठ उत्तर-पूर्वी राज्यों और पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 50 लाख रुपए एवं शेष भारत में 75 लाख रुपए तक का है। 
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर उगाही में सरलता लाना और छोटे करदाताओं के लिये इसकी अनुपालन लागत को कम करना है।
  • यह योजना कर उगाही का वैकल्पिक रूप है, जिसके तहत आइसक्रीम, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के अलावा अन्य निर्माताओं को अपने वार्षिक कारोबार के 2% का कर के रूप में भुगतान करना पड़ता है। 
  • केंद्रीय जी.एस.टी. अधिनियम के अनुसार, ऐसे व्यवसाय भी संरचना योजना का विकल्प चुन सकते हैं, जो किसी भी प्रकार से अंतर्राज्यीय स्तर पर वस्तुओं की आपूर्ति में जुड़े हुए नहीं हैं। साथ ही किसी इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा माल की आपूर्ति भी नहीं कर रहे हैं, जिसके तहत वस्तु के स्रोत से कर एकत्रित किया जाता है। 
  • हालाँकि, एक नियमित करदाता को मासिक आधार पर करों का भुगतान करना पड़ता है, पंरतु  एक संरचना आपूर्तिकर्त्ता को केवल एक रिटर्न दाखिल करना होगा और तिमाही आधार पर करों का भुगतान करना होगा। 
  • इसके अलावा, एक संरचना करदाता को एक सामान्य करदाता की तरह अपने कर भुगतान से संबंधित विस्तृत रिकॉर्ड रखने की भी ज़रूरत नहीं है।

जी.एस.टी. क्या है?

  • जी.एस.टी. पूरे देश के लिये एक अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली है जो भारत को एकीकृत साझा बाज़ार का रूप प्रदान करती है। जी.एस.टी. विनिर्माताओं से लेकर उपभोक्‍ताओं तक वस्‍तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगने वाला एक एकल कर है।
  • प्रत्‍येक चरण पर भुगतान किये गए इनपुट करों का लाभ मूल्‍य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्‍ध होता है, जो प्रत्‍येक चरण में मूल्‍य - संवर्धन पर जी.एस.टी. को आवश्‍यक रूप से एक कर के रुप में परिवर्तित कर देता है। 
  • अंतिम उपभोक्‍ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाए गए जी.एस.टी. को ही वहन करना होता है। 

जी.एस.टी. नेटवर्क क्या है?

  • वस्तु और सेवा कर नेटवर्क (जी.एस.टी.एन.) नए कंपनी अधिनियम की धारा - 8 (इस धारा के तहत गैर-लाभकरी कंपनियों को शासित किया जाता है) के तहत एक गैर-सरकारी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है।
  • जी.एस.टी.एन. के अंतर्गत भारत सरकार की इक्विटी 24.5% तथा भारत के सभी राज्यों सहित दिल्ली और पुडुचेरी संघ-शासित प्रदेशों तथा राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकारिता समिति की संयुक्त भागीदारी 24.5% है, जबकि 51% इक्विटी गैर सरकारी वित्तीय संस्थानों के पास है।

  • इस कंपनी को मुख्य रूप से वस्तु और सेवा कर (जी.एस.टी.) के कार्यान्वयन हेतु केंद्र और राज्य सरकारों, करदाताओं और अन्य हितधारकों को आई.टी. अवसंरचना और सेवाएँ प्रदान करने के लिये स्थापित किया गया है।
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