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जैव विविधता और पर्यावरण

ग्लोबल रेज़िलिएंस इंडेक्स इनिशिएटिव

  • 10 Nov 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये

ग्लोबल रेज़िलिएंस इंडेक्स इनिशिएटिव

मेन्स के लिये 

‘ग्लोबल रेज़िलिएंस  इंडेक्स इनिशिएटिव’ का महत्त्व और उद्देश्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दस संगठनों के एक वैश्विक गठबंधन ने ‘ग्लोबल रेज़िलिएंस इंडेक्स इनिशिएटिव’ (GRII) लॉन्च किया है।

प्रमुख बिंदु

  • ग्लोबल रेज़िलिएंस इंडेक्स इनिशिएटिव:
    • इसे ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़-26’ के ‘एडॉप्शन डे’ (8 नवंबर 2021) के अवसर पर लॉन्च किया गया था, यह दुनिया का पहला क्यूरेटेड, ओपन-सोर्स रेफरेंस इंडेक्स होगा।
    • इसे जलवायु जोखिमों के प्रति लचीलापन का आकलन करने हेतु एक सार्वभौमिक मॉडल के रूप में लॉन्च किया गया है।
    • यह उभरते और विकासशील देशों में आबादी को सूचित करने और उनकी रक्षा करने के लिये जलवायु एवं प्राकृतिक खतरों के जोखिमों से संबंधित डेटा प्रदान करेगा, जो जलवायु के प्रति लचीले विकास पर पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक निवेश को जुटाने हेतु एक आधार प्रदान करेगा।
    • इसका उपयोग सभी आर्थिक और भौगोलिक क्षेत्रों में समग्र जोखिम प्रबंधन में किया जा सकता है।
  • उद्देश्य: यह दो तात्कालिक लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है।
    • पहला, बीमा जोखिम मॉडलिंग सिद्धांतों का उपयोग करके वैश्विक जोखिम डेटा प्रदान करना।
    • दूसरा, निम्नलिखित साझा मानकों और उपयोगों के लिये सुविधाएँ प्रदान करना:
  • भागीदार और समर्थक: ‘ग्लोबल रेज़िलिएंस इंडेक्स इनिशिएटिव’ को बीमा क्षेत्र और भागीदार संस्थानों से आंशिक वित्त पोषण के साथ शुरू किया गया है। अन्य भागीदार संस्थानों में शामिल हैं:
  • आवश्यकता:
    • वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं के कारण लगभग 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। वर्ष 1970 के बाद से, जलवायु संबंधी आपदाओं में 2 मिलियन से अधिक लोग मारे गए हैं।
    • लगभग सभी देशों ने हाल के वर्षों में किसी न किसी रूप में जलवायु परिवर्तन के कठोर प्रभाव को महसूस किया है।
      • जलवायु व्यवधान के प्रति रेज़िलिएंस सिस्टम और अर्थव्यवस्थाएँ लाखों लोगों की जान और आजीविका बचा सकती हैं।
  • महत्त्व
    • इस जोखिम विश्लेषण के परिणाम बीमा सुरक्षा अंतराल को पाटने में मदद करेंगे और जहाँ उन्हें इसकी सबसे अधिक ज़रूरत है वहाँ प्रत्यक्ष निवेश और सहायता प्रदान करेंगे।
    • यह वैश्विक आर्थिक क्षेत्रों को जलवायु लचीलेपन के निर्माण के मूल्य और कुछ न करने की लागत को समझने में मदद करेगा, साथ ही यह जलवायु संकट में योगदान देने वाले आपातकाल को संबोधित करेगा।
    • यह परिसंपत्ति मालिकों को खतरों और आपदा की स्थिति में पोर्टफोलियो जोखिमों की तुलना करने में सक्षम करेगा, साथ ही देशों को राष्ट्रीय अनुकूलन निवेश को प्राथमिकता देने में मदद करेगा।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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