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सामाजिक न्याय

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022

  • 18 Oct 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम,

मेन्स के लिये:

भारत में गरीबी की स्थिति और इस संबंध में उठाए गए कदम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव’ (OPHI) द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 जारी किया गया।

सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ:

  • वैश्विक आँकड़ा:
    • 2 बिलियन लोग बहुआयामी गरीबी के दायरे में आते हैं।
      • उनमें से लगभग आधे लोग गंभीर गरीबी की स्थिति में रहते हैं।
      • आधे गरीब लोग (593 मिलियन) 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
      • गरीब लोगों की संख्या उप सहारा अफ्रीका (579 मिलियन) में सबसे अधिक है, इसके बाद दक्षिण एशिया (385 मिलियन) का स्थान है। दोनों क्षेत्रों में कुल मिलाकर 83% गरीब लोग रहते हैं।
  • महामारी का प्रभाव:
    • हालाँकि आँकड़ा महामारी के बाद के बदलावों को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
    • रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन में हुई प्रगति को 3-10 वर्ष पीछे धकेल सकती है।
      • विश्व खाद्य कार्यक्रम के खाद्य सुरक्षा पर नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 में खाद्य संकट या इससे भी बदतर स्थिति में रहने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 193 मिलियन हो गई।

भारत के बारे में प्रमुख निष्कर्ष:

  • आँकड़ा:
    • दुनिया में सबसे ज़्यादा 22.8 करोड़ गरीब भारत में हैं, इसके बाद नाइजीरिया में 9.6 करोड़ लोग गरीब हैं।
    • इनमें से दो-तिहाई लोग ऐसे घरों में रहते हैं जिसमें कम-से-कम एक व्यक्ति पोषण से वंचित है।
  • गरीबी में कमी:
    • देश में गरीबी वर्ष 2005-06 के 55.1% से घटकर वर्ष 2019-21 में 16.4% हो गई।
      • सभी 10 MPI संकेतकों में उल्लेखनीय कमी देखी गई जिसके परिणामस्वरूप MPI मूल्य और गरीबी की घटनाएँ आधी से अधिक कम हो गईं।
    • वर्ष 2005-06 से लेकर 2019-21 के दौरान भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलने में सफल रहे।
      • भारत के लिये बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सुधार ने दक्षिण एशिया में गरीबी में गिरावट में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • गरीबी में सापेक्ष कमी:
    • राष्ट्रीय स्तर पर 2015-2016 से 2019-21 की सापेक्ष कमी 2005-2006 से 2015-2016 तक 8.1% की तुलना में प्रतिवर्ष 11.9% तेज़ थी।
  • राज्यों का प्रदर्शन:
    • वर्ष 2015-16 में सबसे गरीब राज्य बिहार में MPI मूल्य में निरपेक्ष रूप से सबसे तेज़ कमी देखी गई।
      • बिहार में गरीबी का प्रतिशत वर्ष 2005-06 के 77.4% से गिरकर 2015-16 में 52.4% और 2019-21 में 34.7% हो गया।
    • हालाँकि सापेक्ष रूप से सबसे गरीब राज्यों ने काफी प्रगति नहीं की है।
      • वर्ष 2015-2016 में 10 सबसे गरीब राज्यों में से केवल एक (पश्चिम बंगाल) वर्ष 2019-21 में सूची में नहीं था।
      • अन्य सबसे गरीब राज्य- बिहार, झारखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं।
    • भारत में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सापेक्ष रूप से सबसे तेज़ कमी गोवा में हुई, इसके बाद जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का स्थान रहा।
  • बच्चों में गरीबी:
    • बच्चों के मामले में गरीबी में निरपेक्ष रूप से तेज़ी से गिरावट आई, हालाँकि भारत में अभी भी दुनिया में सबसे अधिक गरीब बच्चे हैं।
    • भारत में हर पाँच में एक से अधिक बच्चे गरीब हैं, जबकि सात में से एक वयस्क गरीब है।
  • क्षेत्रवार गरीबी में कमी:
    • रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-2016 में गरीबी का आँकड़ा6% था जो 2019-2021 में ग्रामीण क्षेत्रों में 21.2% और शहरी क्षेत्रों में 9.0% से 5.5% हो गया।

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वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक:

  • परिचय:
    • सूचकांक एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संसाधन है जो 100 से अधिक विकासशील देशों में तीव्र बहुआयामी गरीबी को मापता है।
    • इसे पहली बार वर्ष 2010 में OPHI और UNDP के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया गया था।
    • MPI स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में व्याप्त 10 संकेतकों में अभाव की निगरानी करता है तथा इसमें गरीबी की घटना एवं तीव्रता दोनों शामिल हैं।
  • MPI संकेतक और आयाम:

MPI_index

  • एक व्यक्ति बहुआयामी रूप से गरीब है यदि वह भारित संकेतकों (दस संकेतकों में से) के एक-तिहाई या अधिक (अर्थात् 33% या अधिक) से वंचित है। जो लोग आधे या अधिक भारित संकेतकों से वंचित हैं, उन्हें अत्यधिक बहुआयामी गरीबी में रहने वाला माना जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव द्वारा UNDP के सहयोग से विकसित बहुआयामी गरीबी सूचकांक निम्नलिखित में से किसे शामिल करता है? (2012)

  1. घरेलू स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संपत्ति और सेवाओं का अभाव
  2. राष्ट्रीय स्तर पर क्रय शक्ति समता
  3. राष्ट्रीय स्तर पर बजट घाटे और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर की सीमा

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) उन अभावों को दर्शाता है जिनका सामना एक गरीब व्यक्ति शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर के संबंध में एक साथ करता है, जैसा कि निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है। अत: कथन 1 सही है।

MPI

  • अतः विकल्प (a) सही है।

प्रश्न: उच्च विकास के लगातार अनुभव के बावजूद भारत अभी भी मानव विकास के निम्नतम संकेतकों के साथ है। उन मुद्दों की जाँच कीजिये जो संतुलित और समावेशी विकास के परिहार का कारण बनते हैं। (मुख्य परीक्षा, 2016)

स्रोत: द हिंदू

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