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कवकीय संक्रमण की पहली सूची

  • 31 Oct 2022
  • 4 min read

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कवकीय (कवकीय) संक्रमण (प्राथमिकता रोगजनकों) की पहली सूची जारी की जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये खतरा हो सकते हैं।

WHO की कवकीय प्राथमिकता रोगजनक सूची:

  • परिचय:
    • कवक प्राथमिकता रोगजनक सूची (FPPL) में 19 कवक शामिल हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिये सबसे बड़े खतरे का प्रतिनिधित्व करते हैं।
    • सूची को बैक्टीरियल प्राथमिकता वाले रोगजनकों की सूची से प्राथमिकता दी जाती है, जिसे पहली बार WHO द्वारा वर्ष 2017 में स्थापित किया गया था, जिसमें वैश्विक लक्ष्य और कार्रवाई पर समान ध्यान दिया गया था।
  • लक्ष्य:
    • इसका उद्देश्य कवकीय संक्रमण और एंटीकवकीय प्रतिरोध के लिये वैश्विक प्रतिक्रिया को मज़बूत करने हेतु आगे के अनुसंधान और नीतिगत हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करना एवं बढ़ावा देना है।
  • श्रेणियाँ:
    • वर्गीकरण रोगज़नक के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभाव या उभरते एंटिकवकीय प्रतिरोध जोखिम पर आधारित है।
      • क्रिटिकल प्रायोरिटी ग्रुप: इसमें कैंडिडा ऑरिस शामिल है जो एक अत्यधिक दवा प्रतिरोधी कवक क्रिप्टोकोकस नियोफॉर्मन्स एस्परगिलस फ्यूमिगेटस और कैंडिडा अल्बिकन्स है।
      • उच्च प्राथमिकता समूह: इसमें कैंडिडा परिवार के साथ-साथ अन्य कई कवक शामिल हैं जैसे म्यूकोरालेस, "ब्लैक फंगस" वाला एक समूह, एक संक्रमण जो गंभीर रूप से बीमार लोगों में तेज़ी से बढ़ा, विशेष रूप से भारत में कोविड-19 के दौरान।
      • मध्यम प्राथमिकता समूह: इसमें कई अन्य कवक शामिल हैं, जिनमें Coccidioides spp और Cryptococcus gattii शामिल हैं।
  • FPPL रिपोर्ट द्वारा अनुशंसित कार्रवाई:
    • प्रयोगशाला क्षमता और निगरानी को सुदृढ़ बनाना।
    • अनुसंधान, विकास और नवाचार में सतत् निवेश।
    • रोकथाम और नियंत्रण के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप को बढ़ाना।

कवकीय रोगनकों से संबंधित बढ़ती चिंताएँ:

  • चिंताएँ:
    • कवकीय रोगजनक न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये एक गंभीर खतरा हैं बल्कि यह उपचार के प्रति भी प्रतिरोधी होते जा रहे हैं, वर्तमान में केवल चार वर्ग की एंटिकवकीय दवाएँ उपलब्ध हैं।
    • अधिकांश कवक रोगजनकों में तेज़ी और संवेदनशील निदान की कमी होती है तथा जो निदान/उपचार मौज़ूद हैं वे विश्व स्तर पर व्यापक रूप से उपलब्ध या सस्ते नहीं हैं।
    • उभरते हुए साक्ष्य इंगित करते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा एवं व्यापार में वृद्धि के कारण दुनिया भर में कवकीय रोगों की घटना तथा भौगोलिक सीमा दोनों का विस्तार हो रहा है।
    • के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीज़ो में कवकीय संक्रमण की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।
    • कवक जो आम संक्रमण (जैसे कैंडिडा ओरल और वैजाईनल थ्रश) का कारण बनते हैं, उपचार के प्रति तेज़ी से प्रतिरोधी हो रहे हैं, इसके साथ ही आम लोगों में गंभीर संक्रमण के जोखिम भी बढ़ रहे हैं।
  • लक्षित जनसंख्या:
    • ये कवकीय संक्रमण अक्सर गंभीर रूप से बीमार रोगियों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करते हैं।
    • कैंसर, एचआईवी/एड्स, अंग प्रत्यारोपण, पुरानी साँस की बीमारी और पोस्ट-प्राथमिक तपेदिक संक्रमण वाले लोगों में इस कवकीय संक्रमण का अधिक जोखिम रहता है।

स्रोत: इंडिया टुडे

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