प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 10 जून से शुरू :   संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

उत्तरी हिन्द महासागर का घटता व बढ़ता जलस्तर

  • 02 May 2017
  • 5 min read

संदर्भ
ग्लोबल वार्मिंग से प्रतिवर्ष सागरों के तापमान में वृद्धि हो रही है परन्तु शोधकर्ताओं द्वारा किये गए एक अध्ययन से भारत के महासागरों के संबंध में एक अलग ही तथ्य उजागर हुआ है|

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 1993 से 2003 तक उत्तरी हिन्द महासागर के समुद्र तल में गिरावट देखी गई| यही वह पहला दशक था जब महासागरों की ऊँचाई ,वैश्विक तापमान की वृद्धि और कमी का पता लगाने के लिये उपग्रह की शुरुआत की गई थी| 
  • उत्तरी हिन्द महासागर में अरब सागर,बंगाल की खाड़ी तथा पाँच डिग्री दक्षिणी अक्षांश तक का हिन्द महासागर का भाग सम्मिलित था| वर्ष 2004 के बाद से वर्ष 2014 तक समुद्री स्तर में त्वरित वृद्धि हुई |
  • पूर्व के अध्ययनों (जिनमें परंपरागत ज्वार के आधार पर महासागरों की ऊँचाई को मापा जाता था) में यह पाया गया था कि उत्तर हिन्द महासागर के तापमान में विश्व के अन्य समुद्रों की भाँति वर्ष 1993 से 2004 के मध्य तीव्र वृद्धि हुई है|
  • जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की रिपोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि वायुमंडल में होने वाले हरित गृह गैसों के अक्षय उत्सर्जन के कारण भविष्य में ऐसे कई वर्ष आएँगे जिस दौरान समुद्र के स्तर में गिरावट देखी जाएगी | 
  • इस अध्ययन से जुड़े हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरी हिन्द महासागर में इस प्रकार का दशकीय उतार-चढ़ाव अद्वितीय था तथा इसे कभी भी प्रशांत अथवा अटलांटिक महासागर में नहीं देखा गया था|
  • अंटार्कटिक और महासागरीय अनुसंधान के राष्ट्रीय केंद्र के निदेशक(National Centre for Antarctic and Ocean Research -NCAOR),  और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक एम.रविचंद्रन के अनुसार, शोधकर्ता यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि उत्तरी हिन्द महासागर वर्ष 2004 के पश्चात अन्य महासागरों की तुलना में अधिक तीव्र गति से गर्म क्यों हुआ था|

बर्फ की चादरों का पिघलना 

  • उत्तरी हिन्द महासागर के स्तर में प्रति वर्ष 0.3 मिलीमीटर की गिरावट आती थी परन्तु वर्ष 2004 से इसमें होने वाली गिरावट 6 मिलीमीटर प्रति वर्ष हो गई| यह वार्षिक वैश्विक औसत(3 मिलीमीटर) की तुलना में दोगुनी थी|
  • जब उत्तरी हिन्द महासागर के तापमान और समुद्री स्तर को गणितीय रूप से अन्य महासागरों से अलग कर दिया गया तो यह गिरावट और भी असाधारण प्रतीत हुई| उनके कार्यों का उल्लेख ‘क्लाइमेट डायनामिक्स’(Climate Dynamics) के अद्यतन प्रकाशन में किया गया है|
  • प्रारंभ में वायुमंडलीय ऊष्मा से होने वाले जल के प्रसार के कारण समुद्री स्तर में वृद्धि हुई बर्फ की चादरों और ग्लेशियरों के पिघलने से अतिरिक्त जल का प्रवाह भी हुआ| रविचंद्रन के अनुसार, इस स्थिति में उत्तरी हिन्द महासागर के 70% उष्णता का वर्णन जल के प्रसार द्वारा किया जा सकता है|

वायु प्रवाह

  • केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान विभाग के पूर्व सचिव और इस अध्ययन के सह लेखक शैलेश नायक के अनुसार, यह अंतरदशकीय रुझान अत्यधिक महत्त्वपूर्ण कारक है | उन्होंने तटीय प्रबन्धन को सुधारने के लिये उपयुक्त योजना बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है|
  • रविचंद्रन के अनुसार, वह वायु का प्रवाह होता है जिससे उत्तरी महासागर की सतह पर गर्म पानी का प्रसार हो जाता है, प्रत्येक दशक में इसकी दिशा बदल जाती है तथा संभवतः यह समुद्री स्तर के विभिन्न स्वरूपों को भी प्रभावित करता है|
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2