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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति

  • 14 Feb 2023
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौता (EPTA), व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA)।

मेन्स के लिये:

भारत-कनाडा संबंध, भारत-कनाडा संबंधों में बाधाएँ, भारत के हितों पर कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और कनाडा ने मार्च में नई दिल्ली में होने वाली G20 विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की जिसे "भारत-कनाडा सामरिक वार्ता" के रूप में जाना जाता है।

  • भारत ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण को देखते हुए कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति की घोषणा का स्वागत किया।

Canada

प्रमुख बिंदु 

  • इन मंत्रियों ने आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने, प्रवास और गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने के साथ ही लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की।
  • कनाडाई विदेश मंत्री ने भारत को हिंद-प्रशांत में कनाडा हेतु एक महत्त्वपूर्ण भागीदार करार दिया, जिसके बदले में कनाडा महत्त्वपूर्ण खनिजों का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्त्ता, हरित संक्रमण में एक मज़बूत भागीदार और प्रमुख निवेशक हो सकता है।

बैठक का महत्त्व: 

  • वर्ष 2020 और 2022 के बीच ठहराव के बाद कनाडा के विदेश मंत्री की यात्रा से भारत-कनाडा संबंधों में स्थायित्त्व की उम्मीद है।
    • हालाँकि कई मुद्दों के कारण संबंधों में रुकावट आई थी, जिसमें खालिस्तानी समूहों द्वारा कनाडा में भारतीय मूल के लोगों और प्रतिष्ठानों पर हमले, भारत के किसानों के विरोध को लेकर कनाडा की टिप्पणी एवं प्रतिक्रिया के चलते भारत द्वारा राजनयिक वार्ता को रद्द करना शामिल है।
    • भारत ने वर्ष 2022 में कनाडा द्वारा खालिस्तानी अलगाववादी "जनमत संग्रह" की अनुमति देने पर आपत्ति जताई, साथ ही कनाडा में घृणा अपराधों के खिलाफ चेतावनी के साथ आगाह किया।
  • कनाडाई निवेश को प्रोत्साहित करने के अलावा दोनों देश 'व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA)' की दिशा में 'प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (Early Progress Trade Agreement- EPTA)' को पहले कदम के रूप में देख रहे हैं।
  • कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों, जिसने कनाडा और भारत के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बनाया, के मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया
  • जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी, इसका सामरिक महत्त्व भी बढ़ता जाएगा, जिससे कनाडा और भारत को अपने संबंधों को सशक्त करने के अधिक अवसर मिलेंगे।
  • दोनों देश चीन को संदेह की नज़र से देखते हैं और व्यापार संबंधों का विस्तार, आपूर्ति शृंखला सुनम्यता में सुधार करने और अपने देशों में लोगों के अधिक-से-अधिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना चाहते हैं।

कनाडा की हिंद-प्रशांत नीति:

  • परिचय: 
    • कनाडा ने चार क्षेत्रों: चीन, भारत, उत्तरी प्रशांत (जापान एवं कोरिया) और आसियान पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक नई हिंद-प्रशांत रणनीति जारी की है।
      • कनाडा में बड़ी संख्या में प्रवासी हिंद-प्रशांत मूल के हैं। इसमें 5 में से 1 कनाडाई का इस क्षेत्र से पारिवारिक संबंध है और कनाडा में पढ़ने के लिये आए 60% अंतर्राष्ट्रीय छात्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित हैं।
    • लोकतंत्र और बहुलवाद की भारत की साझी विरासत के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए मानवाधिकारों एवं कानूनों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिये चीन के खतरों के संबंध में यह रणनीति महत्त्वपूर्ण है।
    • हालाँकि कनाडा अपने मुख्य निर्यात गंतव्य के रूप में चीन पर निर्भरता को भी स्वीकार करता है और जलवायु परिवर्तन तथा स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चीन के साथ सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार करता है।
  • वित्तपोषण: 
    • कनाडा की रणनीति में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं, सैन्य उपस्थिति में वृद्धि और क्षेत्रीय सैन्य अभ्यासों में विस्तारित भागीदारी सहित पाँच वर्षों में 1.7 बिलियन डॉलर की वित्तपोषण प्रतिबद्धता शामिल है।
  • उद्देश्य: 
    • शांति, सुनम्यता और सुरक्षा को बढ़ावा देना।
    • व्यापार, निवेश और आपूर्ति शृंखला के सुनम्यता का विस्तार करना।
    • लोगों में निवेश करना और उन्हें एकजुट करना।
    • एक स्थायी और हरित भविष्य का निर्माण करना।
    • हिंद-प्रशांत के लिये एक सक्रिय भागीदार बनना।

भारत-कनाडा संबंध: 

  • राजनीतिक: 
    • भारत और कनाडा की संसदीय संरचना और प्रक्रिया कई मामलों में समान है। अक्तूबर 2019 में हुए आम चुनाव के बाद हाउस ऑफ कॉमन के सांसद राज सैनी को कनाडा-भारत संसदीय संघ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
    • भारत में कनाडा का प्रतिनिधित्त्व नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग द्वारा किया जाता है।
    • कनाडा में भारत का प्रतिनिधित्त्व ओटावा में एक उच्चायोग और टोरंटो तथा वैंकूवर में वाणिज्य दूतावासों द्वारा किया जाता है।
  • आर्थिक: 
    • वर्ष 2020 में भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। भारत वर्ष 2021 में कनाडा का 14वाँ सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार और कुल मिलाकर 13वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
    • कनाडा की 400 से अधिक कंपनियों की भारत में उपस्थिति है तथा 1,000 से अधिक कंपनियाँ सक्रिय रूप से भारतीय बाज़ार में कारोबार कर रही हैं।
    • कनाडा में भारतीय कंपनियाँ सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, इस्पात, प्राकृतिक संसाधन और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
    • कनाडा को होने वाले भारत के निर्यात में फार्मा, लौह एवं इस्पात, रसायन, रत्न एवं गहने, परमाणु रिएक्टर तथा बॉयलर शामिल हैं।
    • कनाडा के पास यूरेनियम, प्राकृतिक गैस, तेल, कोयला, खनिज और जल विद्युत, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा में उन्नत प्रौद्योगिकियों के दुनिया के सबसे बड़े संसाधन हैं।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
    • प्राथमिक फोकस औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देने और नए बौद्धिक संपदा (IP) प्रक्रियाओं, प्रोटोटाइप या उत्पादों के विकास पर रहा है।
    • IC-IMPACTS कार्यक्रम के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग स्वास्थ्य देखभाल, कृषि-बायोटेक और अपशिष्ट प्रबंधन में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को लागू करता है।
      • IC-IMPACTS (भारत-कनाडा सेंटर फॉर इनोवेटिव मल्टीडिसिप्लिनरी पार्टनरशिप्स टू एक्सीलरेट कम्युनिटी ट्रांसफॉर्मेशन एंड सस्टेनेबिलिटी) पहला और एकमात्र, कनाडा-इंडिया रिसर्च सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है।
    • पृथ्वी विज्ञान विभाग और ध्रुवीय कनाडा ने शीत जलवायु (आर्कटिक) अध्ययन पर ज्ञान एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के आदान-प्रदान के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया है।
  • अंतरिक्ष: 
    • इसरो (ISRO) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने बाह्य अंतरिक्ष की खोज एवं उपयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
    • ISRO की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स की सहायता से कनाडा के कई नैनो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया है।
    • इसरो ने वर्ष 2018 में लॉन्च किये गए अपने 100वें सैटेलाइट पीएसएलवी में श्रीहरिकोटा से कनाडा का पहला LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) सैटेलाइट भी लॉन्च किया।
  • रक्षा क्षेत्र: 
    • भारत और कनाडा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल और जी-20 के माध्यम से घनिष्ठ सहयोग करते हैं।
    • वर्ष 2015 में डीआरडीओ और कनाडा की रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद के बीच सहयोग पर एक आशय के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये गए।
    • वर्ष 2018 में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिये भारत और कनाडा के बीच सहयोग की रूपरेखा के साथ सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाया गया।
    • विशेष रूप से काउंटर टेररिज़्म पर संयुक्त कार्य समूह (JWG) के माध्यम से आतंकवाद के मुद्दों पर पर्याप्त भागीदारी रही है।

कनाडा के बारे में मुख्य तथ्य:

  • क्षेत्रफल के हिसाब से (रूस के बाद) कनाडा विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसका उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के लगभग 2/5 हिस्से पर नियंत्रण है।
  • कनाडा में संवैधानिक राजतंत्र और संसदीय लोकतंत्र है।
    • संवैधानिक राजतंत्र का अर्थ है कि ब्रिटिश सम्राट राज्य का प्रमुख होता है लेकिन उसकी भूमिका मुख्य रूप से प्रतीकात्मक और औपचारिक होती है, जबकि देश का वास्तविक शासन निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच की सीमा को मुख्य रूप से 49वें पैरेलल नार्थ द्वारा परिभाषित किया गया है।
  • कनाडा में ग्रेट बियर झील, ग्रेट स्लेव झील, विन्निपेग झील और USA सीमा पर 5 महान झीलों सहित कई झीलें हैं: सुपीरियर, मिशिगन, ह्यूरन, एरी और ओंटारियो।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. विश्व में यूरेनियम का सबसे बड़ा भंडार निम्नलिखित में से किस देश के पास है? (2009)

(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) कनाडा
(c) रूसी संघ
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • OECD-NEA (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन- परमाणु ऊर्जा एजेंसी)/IAEA (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के नवीनतम उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, विश्व परमाणु संघ में सम्मिलित देशों के पास यूरेनियम की उपलब्धता इस प्रकार है- ऑस्ट्रेलिया (30%), कज़ाखस्तान (14%), कनाडा ( 8%), रूस (8%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (1%)। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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