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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इज़रायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों के लिये स्थायी आयोग

  • 28 May 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इस्लामिक सहयोग संगठन, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद 

मेन्स के लिये:

इज़रायल और फिलिस्तीन के मध्य वर्तमान विवाद

चर्चा में क्यों?

इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से इज़रायल, गाजा और वेस्ट बैंक में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर रिपोर्ट करने के लिये एक स्थायी आयोग स्थापित करने का आह्वान कर रहे हैं।

  • यह कदम इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष में हिंसा में नवीनतम वृद्धि के मद्देनज़र उठाया गया है।

प्रमुख बिंदु:

प्रस्तावित स्थायी आयोग के बारे में:

  • यह UNHRC अध्यक्ष द्वारा इज़रायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार कानून के उल्लंघन की जाँच के लिये नियुक्त एक स्वतंत्र, अंतर्राष्ट्रीय जाँच आयोग होगा।
    • जाँच आयोग (COI) द्वारा की जाने वाली जाँच उच्चतम स्तर की होती है जिसे परिषद अधिकृत कर सकती है।
    • उदाहरण के लिये एक अन्य COI एक दशक पहले सीरिया युद्ध की स्थापना के बाद से नियमित रूप से रिपोर्टिंग कर रहा है। यह आंशिक रूप से सबूत इकट्ठा करते हैं जो एक दिन न्यायालय में प्रयोग किया जा सकते है।
  • आयोग भेदभाव और दमन सहित बार-बार होने उत्पन्न वाले तनाव के कारण अस्थिरता और संघर्ष के सभी अंतर्निहित मूल कारणों की भी जाँच करेगा।
  • इज़रायल, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कई बार समर्थित इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह का आरोप लगाता है और आम तौर पर अपने जाँचकर्ताओं के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है।

इस्लामी सहयोग संगठन:

  • OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद 57 राज्यों की सदस्यता के साथ दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।
    • भारत OIC  का सदस्य नहीं है। हालाँकि वर्ष 2019 में विदेश मंत्री परिषद के 46वें सत्र में भारत को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
  • यह मुस्लिम जगत की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। यह दुनिया के विभिन्न लोगों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम दुनिया के हितों की रक्षा के लिये काम करता है।
  • यह वर्ष 1969 में मोरक्को के रबात में हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के निर्णय के आधार पर स्थापित किया गया था
  • मुख्यालय: जेद्दा, सऊदी अरब।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद:

  • संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मज़बूत करने के लिये ज़िम्मेदार है।
  • यह परिषद वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा बनाई गई थी। इसने मानवाधिकार पर पूर्व संयुक्त राष्ट्र आयोग की जगह ली।
  • मानवाधिकार के लिये उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
    • OHCHR का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
  • यह 47 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों से बना है, जिन्हें समान भौगोलिक वितरण के सिद्धांत के आधार पर UNGA द्वारा चुना जाता है।
    • परिषद के सदस्य तीन साल की अवधि के लिये चुने जाते हैं और लगातार दो कार्यकालों की सेवा के बाद तत्काल पुन: चुनाव हेतु पात्र नहीं हैं।
    • भारत को 1 जनवरी 2019 से तीन साल की अवधि के लिये परिषद हेतु चुना गया था।

  • तंत्र:
    • यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू: UPR संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों में मानवाधिकार स्थितियों का आकलन करने का काम करता है।
    • संयुक्त राष्ट्र विशेष प्रक्रियाएँ: ये विशेष प्रतिवेदक, विशेष प्रतिनिधि, स्वतंत्र विशेषज्ञ और कार्य समूहों से बने होते हैं जो विशिष्ट देशों में विषयगत मुद्दों या मानवाधिकार स्थितियों पर निगरानी, ​​जाँच, सलाह और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करते हैं।
  • नव गतिविधियाँ:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की है कि वह UNHRC में फिर से शामिल होगा जिसे उसने वर्ष 2018 में छोड़ा था।
    • परिषद ने श्रीलंका में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन की जाँच के लिये एक प्रस्ताव अपनाया है।

स्रोत-इंडियन एक्सप्रेस

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