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भारतीय अर्थव्यवस्था

बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट

  • 27 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सूचीबद्ध संस्थाओं द्वारा पेश की जाने वाली ‘बिज़नेस सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग’ के लिये नई आवश्यकताओं को प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है।

  • इस नई रिपोर्ट को ‘बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट’ (BRSR) कहा जाएगा और यह मौजूदा बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी रिपोर्ट (BRS) का स्थान लेगी।

प्रमुख बिंदु:

पृष्ठभूमि:

  • SEBI ने वर्ष 2012 में बाज़ार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 100 सूचीबद्ध संस्थाओं को 'सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक उत्तरदायित्त्व पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशा-निर्देश' (NVGs) में अंतर्निहित आवश्यकताओं के अनुसार व्यावसायिक जवाबदेही रिपोर्ट (BRR) दाखिल करने के लिये बाध्य किया।
    • वर्ष 2019 में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने NVG को संशोधित किया और ‘उत्तरदायी व्यावसायिक आचरण पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देश’ (NGRBC) तैयार किये।
  • दिसंबर 2019 में SEBI ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से बाज़ार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 1000 सूचीबद्ध संस्थाओं के लिये ‘व्यावसायिक जवाबदेही रिपोर्ट’ संबंधी आवश्यकताओं को बढ़ा दिया।
    • सूचीबद्ध संस्थाएँ: एक कंपनी जिसका शेयर किसी आधिकारिक स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा या बेचा जाता है।
    • बाज़ार पूंजीकरण: यह संदर्भित करता है कि स्टॉक मार्केट द्वारा किसी कंपनी की तय की गई कीमत कितनी है। इसे सभी बकाया शेयरों के कुल बाज़ार मूल्य के रूप में परिभाषित किया गया है।
      • किसी कंपनी के मार्केट कैप की गणना करने के लिये बकाया शेयरों की संख्या को एक शेयर के मौजूदा बाज़ार मूल्य से गुणा किया जाता है।

बिज़नेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट (BRSR):

  • BRSR जो कि पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) के दृष्टिकोण पर आधारित एक रिपोर्ट है, का उद्देश्य व्यवसायों को अपने हितधारकों के साथ अधिक सार्थक रूप से संलग्न करने में सक्षम बनाना है।
  • यह व्यवसायों को विनियामक वित्तीय अनुपालन करने और उनके सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों पर रिपोर्ट करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये स्वैच्छिक आधार पर और वित्तीय वर्ष 2022-23 से अनिवार्य आधार पर BRSR शीर्ष 1000 सूचीबद्ध संस्थाओं (बाज़ार पूंजीकरण द्वारा) पर लागू होगा।

सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग:

  • यह पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) आधारित लक्ष्यों से संबंधित है और साथ ही कंपनी की प्रगति का सूचक भी है। 
  • सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग के लाभों में बेहतर कॉर्पोरेट प्रतिष्ठा, उपभोक्ता विश्वास का निर्माण, नवाचार में वृद्धि और यहाँ तक ​​कि जोखिम प्रबंधन में सुधार शामिल है।

 पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन आधारित लक्ष्य:

  • पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) आधारित लक्ष्य कंपनी के संचालन के लिये ज़रूरी मानकों का एक समूह है जो कंपनियों को बेहतर प्रशासन, नैतिक प्रथाओं, पर्यावरण के अनुकूल उपायों और सामाजिक उत्तरदायित्त्व का पालन करने के लिये मज़बूर करते हैं।
  • पर्यावरणीय मापदंड के माध्यम से यह जाँचा जाता है कि एक कंपनी प्रकृति के साथ कैसे सामंजस्य बिठाती है।
  • सामाजिक मानदंड के माध्यम से यह जाँचा जाता है कि यह कर्मचारियों, आपूर्तिकर्त्ताओं, ग्राहकों और उन समुदायों के साथ संबंधों का प्रबंधन कैसे करता है जहाँ यह संचालित है।
  • शासन एक कंपनी के नेतृत्त्व, कार्यकारी वेतन, लेखा परीक्षा, आंतरिक नियंत्रण और शेयरधारक के अधिकारों से संबंधित है।

उत्तरदायी व्यवसाय:

  • उत्तरदायी व्यवसाय का दर्शन व्यापार के उस सिद्धांत पर आधारित है जो वैश्विक विकास के संदर्भ में अपने उन सभी हितधारकों के प्रति जवाबदेह होता है जो व्यवसायों को पर्यावरण और समाज के प्रति उत्तरदायी और सतत् बनाने की मांग कर रहे हैं।
  • जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय जोखिमों, बढ़ती असमानता आदि से संबंधित वैश्विक चुनौतियों के संबंध में व्यवसाय जगत को लगातार जागरूक किया जा रहा है ताकि समाज में व्यवसायों की भूमिका को फिर से परिभाषित किया जा सके और उन्हें केवल धन पैदा करने वाली आर्थिक इकाइयों के रूप में न देखा जाए।
  • किसी कंपनी के प्रदर्शन को न केवल शेयरधारकों की वापसी के आधार पर मापा जाना चाहिये,  बल्कि यह भी देखा जाना चाहिये कि वह अपने पर्यावरणीय, सामाजिक और सुशासन के उद्देश्यों को कैसे प्राप्त करता है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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