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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अमरावती परियोजना

  • 22 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

विश्व बैंक ने आंध्रप्रदेश की राजधानी अमरावती की अवसंरचना एवं संस्थागत सतत् विकास परियोजना के वित्तपोषण (Funding) से इंकार कर दिया है, हालाँकि इससे परियोजना के निर्माण कार्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि इससे पूर्व विश्व बैंक इस परियोजना के लिये आंध्रप्रदेश सरकार को 300 मिलियन डॉलर का ऋण देने पर विचार कर रहा था।
  • विश्व बैंक के अनुसार, निरीक्षण में पाया गया कि आंध्रप्रदेश के पूर्व सत्ताधारी दल ने इस परियोजना से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने वाले लोगों के हितों की रक्षा करने के लिये जो आश्वासन दिये थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है।
  • राज्य की नई सत्ताधारी पार्टी अभी भी इस परियोजना के निर्माण कार्य को आगे बढ़ा सकती है, क्योंकि केंद्र ने भी अमरावती की परियोजना के लिये कई बार धन आवंटित किया है।
  • उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, बीते पाँच वर्षों में केंद्र ने इस परियोजना के लिये कुल 1500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है।
  • हालाँकि अभी यह विकल्प भी मौजूद है कि आंध्रप्रदेश सरकार सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करके विश्व बैंक के पास ऋण के लिये पुनः आवेदन कर सकती है।
  • राज्य सरकार ने एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (Asian Infrastructure Investment Bank-AIIB) से भी 200 मिलियन डॉलर की मांग की थी, परंतु AIIB ने इस संदर्भ में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

अवसंरचना एवं संस्थागत सतत् विकास परियोजना:

  • आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य में कृष्णा नदी के दक्षिणी तट पर 217 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में विश्व स्तरीय राजधानी बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिये सरकार ने लैंड पूलिंग परियोजना के तहत किसानों से 34,000 एकड़ उपजाऊ भूमि खरीदी थी।
  • राजधानी शहर में एक अंतरिम सचिवालय, विधायी परिसर, अंतरिम उच्च न्यायालय भवन और 280 किलोमीटर की छह लेन की सड़कों का निर्माण पहले ही किया जा चुका है।
  • पिछली सरकार का यह अनुमान था कि 10 वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने के लिये 48,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।

विश्व बैंक:

World Bank

  • विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की ऋण प्रदान करने वाली एक विशिष्ट संस्था है, इसका उद्देश्य सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को एक वृहद वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल करना तथा विकासशील देशों में गरीबी उन्मूलन के प्रयास करना है।
  • यह नीति सुधार कार्यक्रमों एवं संबंधित परियोजनाओं के लिये ऋण प्रदान करता है। विश्व बैंक की सबसे विशेष बात यह है कि यह केवल विकासशील देशों को ऋण प्रदान करता है।
  • इसका प्रमुख उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निर्माण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
  • इसके अंतर्गत विश्व को आर्थिक तरक्की के मार्ग पर लाने, विश्व में गरीबी को कम करने, अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देने, जैसे पक्षों पर बल दिया गया है।
  • विश्व बैंक समूह का मुख्यालय वाशिंगटन डी सी (अमेरिका) में स्थित है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

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