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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

वैकल्पिक कैंसर-रोधी चिकित्सा

  • 23 Jan 2021
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Department of Science & Technology- DST) से जुड़ी ‘इंस्पायर’ (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research- INSPIRE) फैकल्टी द्वारा ट्रांसजेनिक ज़ेब्राफिश (Transgenic Zebrafish) का उपयोग कर एक वैकल्पिक  कैंसर-रोधी चिकित्सा (एंटी-एंजियोजेनिक) पर कार्य किया जा रहा है।

  • INSPIRE एक अभिनव/प्रगतिशील कार्यक्रम है जिसे विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभाओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से DST द्वारा प्रायोजित और प्रबंधित किया जाता है। इसे वर्ष 2008 में शुरू किया गया।
  • NSPIRE का उद्देश्य देश के युवाओं को विज्ञान की रचनात्मक खोज के लिये प्रोत्साहित करना, कम उम्र की प्रतिभा को विज्ञान के अध्ययन हेतु आकर्षित करना तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मज़बूत एवं विस्तारित करने के उद्देश्य से आवश्यक महत्त्वपूर्ण मानव संसाधन पूल का निर्माण कर अनुसंधान एवं विकास तंत्र के आधार का विस्तार करना है।

प्रमुख बिंदु:

एंजियोजेनेसिस:

  • यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जिसमें पहले से मौजूद वाहिकाओं (Vessels) में नई रक्त वाहिकाओं का निर्माण होता है ।
  • कैंसर (Cancer ) की वृद्धि में एंजियोजेनेसिस की अहम भूमिका होती है क्योंकि ट्यूमर (Tumors) को आकार में बड़ा होने के लिये रक्त आपूर्ति की ज़रूरत होती है। ट्यूमर रासायनिक संकेतों (Chemical Signals) को बंद करके उन रक्त कोशिकाओं के विकास को गति प्रदान करता है जो एंजियोजेनेसिस को उत्तेजित करती हैं।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy) के बाद ट्यूमर एंजियोजेनेसिस (Tumor Angiogenesis)  को रोकने में कैंसर-रोधी चिकित्सा एक लोकप्रिय रणनीति बन गई है।
    • एंजियोजेनेसिस अवरोधक (Angiogenesis Inhibitors) कैंसर के विरुद्ध प्रयोग होने वाले अद्वितीय एजेंट हैं क्योंकि ये स्वयं ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोकने के बजाय उन रक्त वाहिकाओं के विकास को ही अवरुद्ध करने का कार्य करते हैं जो ट्यूमर कोशिकाओं को विकसित करती हैं।
  • एंटी-एंजियोजेनिक दवाओं की सीमा:
    • हालांँकि नैदानिक ​​रूप से स्वीकृत एंटी-एंजियोजेनिक दवाएँ (Anti-Angiogenic Drugs) अणुओं के प्रवाह का समावेश करने वाले विभिन्न प्रतिपूरक प्रक्रियाओं, जो कि ट्यूमर एंजियोजेनेसिस को सहायता प्रदान करती हैं, के समानांतर सक्रिय होने के कारण प्रभावहीन साबित होती हैं।

वैकल्पिक कैंसर-रोधी चिकित्सा:

  • वैज्ञानिक एक वैकल्पिक एंटी-कैंसर चिकित्सा की खोज कर रहे हैं, जिसमें नई रक्त वाहिकाएँ जो कि शरीर के ऊतकों के लिये ऑक्सीजन और पोषक तत्त्वों की आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं, में ट्यूमर के कारण उत्पन्न होने वाली गाँठ को लक्षित किया जाना शामिल है।
  • INSPIRE फैकल्टी कैंसर चिकित्सा के प्रमुख लक्ष्य के रूप में एंजियोजेनेसिस का संकेत देने वाले प्रतिपूरक तंत्र संकेतकों (Compensatory Mechanisms  Signaling) की भूमिका के बारे में खोज कर रही है।
  • INSPIRE फैकल्टी द्वारा इस बात का भी पता लगाया गया है कि ट्यूमर माइक्रोएन्वायरनमेंट (Microenvironment) के तहत नाइट्रिक ऑक्साइड (Nitric Oxide- NO) एंजियोजेनेसिस को बंद करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मेलाटोनिन हार्मोन (Melatonin Hormone) ट्यूमर एंजियोजेनेसिस (Tumor Angiogenesis) को दबा/रोक देता है।
  •  प्रतिपूरक प्रक्रियाएंँ प्रभावी कैंसर-रोधी उपचार के विकास में एक संभावित चिकित्सीय लक्ष्य हो सकती हैं।

ट्रांसजेनिक ज़ेब्राफिश प्लेटफॉर्म (TZP):

Zebrafish

  • INSPIRE फैकल्टी ट्यूमर माइक्रोएन्वायरनमेंट में प्रतिपूरक एंजियोजेनेसिस प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के उद्देश्य से सीआरआईएसपीआर/सीएएस 9 जीन-एडिटिंग टूल का उपयोग कर ट्रांसजेनिक ज़ेब्राफिश (जिनके जीनोम में एक्सोजेनस जीन को जोड़ा गया है) को विकसित करने के लिये कार्य कर रही है।
  • ज़ेब्राफिश मॉडल का उपयोग करने का कारण:
    • ट्रांसजेनिक ज़ेब्राफिश मॉडल को इसके तीव्र विकास, पारदर्शी होने, वंशजों में इसकी उच्च वृद्धि एवं फॉरवर्ड एंड रिवर्स जीन मैनीपुलेशन के लिये एक आसान तकनीक होने के कारण इंट्यूससेप्टिव एंजियोजेनेसिस अध्ययन के लिये चुना गया है।

कैंसर

कैंसर के बारे में:

  • यह बीमारियों का एक बड़ा समूह है जिसकी शुरुआत शरीर के किसी भी अंग या ऊतक में हो सकती है। इसमें असामान्य कोशिकाएंँ अनियंत्रित रूप से बढ़कर शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने और/या शरीर के अन्य अंगों में विस्तार के लिये अपनी सामान्य सीमा से परे वृद्धि करती हैं।  इसी प्रक्रिया को बाद में मेटास्टेसिंग कहा जाता है जो कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
  • नियोप्लाज़्मा  (Neoplasm) और मैलिग्नैंट ट्यूमर (Malignant Tumor) कैंसर के अन्य सामान्य नाम हैं।
  • फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर पुरुषों में, जबकि स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, ग्रीवा और थायरॉयड कैंसर महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं।

कैंसर का भार:

  • भारत एवं विश्व में कैंसर पुराने और गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases- NCD) सहित वयस्कों में  बीमारियों और मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण कैंसर है तथा वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर कैंसर से मृत्यु के लगभग 18 मिलियन मामले देखे गए जिनमें अकेले भारत में 1.5 मिलियन मामले शामिल थे।

रोकथाम और निवारण

  • कैंसर के प्रमुख कारकों को नियंत्रित कर 30-50 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है। प्रमुख कैंसर जोखिम कारकों में तंबाकू का उपयोग, शराब का उपयोग, आहार, पराबैंगनी विकिरण के संपर्क और प्रदूषण आदि शामिल हैं।

उपचार:

  • कैंसर के लिये उपलब्ध उपचार में सर्जरी, कैंसर की दवाएँ और/या रेडियोथेरेपी आदि शामिल हैं।
  • उपशामक देखभाल (Palliative Care) जो रोगियों एवं उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है, कैंसर देखभाल का एक अनिवार्य घटक है।

स्रोत: पी.आई.बी. 

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