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ई.टी.एफ. से आप क्या समझते हैं?

  • 15 Nov 2017
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

कुछ समय पहले सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी विनिर्दिष्ट करते हुए एक्सचेंज़ ट्रेडेड फंड्स (Exchange Traded Funds - ETFs) को बेचने की बजाय इन्हें अपने अधिकार में ही रखने का निर्णय किया गया है। इसी क्रम में हाल ही में एक नवीनतम पहल भारत 22 ई.टी.एफ. शुरू की गई हैं। यह एक ऐसा फंड है जिसमें 22 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ शामिल हैं।

ई.टी.एफ. क्या है?

  • एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध म्यूचुअल फंड होते हैं। इनकी खरीद-फरोख्त भी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध शेयरों की भाँति ही की जाती हैं। 
  • इंडेक्स ई.टी.एफ. को संस्थागत निवेशकों द्वारा एक इंडेक्स टोकरी में शेयरों की स्वैपिंग करके तैयार किया जाता है। 
  • ई.टी.एफ. केवल एक सूचकांक की प्रतिलिपि बनाता है और इसके प्रदर्शन को सही रूप से प्रतिबिंबित करने की कोशिश करता है। 
  • ई.टी.एफ. में बाज़ार के समय के दौरान वास्तविक समय के आधार पर मौजूदा बाज़ार मूल्यों पर इन्हें खरीदा भी जा सकता है और बेच भी जा सकता है।
  • ई.टी.एफ. के अंतर्गत मूल रूप से केवल बाज़ार पर नज़र रखी जाती थी, परंतु हाल के वर्षों से इनके द्वारा विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों को भी ट्रैक करने का काम किया जा रहा है। 
  • आजकल बहुत से लोकप्रिय ई.टी.एफ. द्वारा कस्टम-निर्मित इंडेक्सों को भी ट्रैक किया जाता है। 
  • ई.टी.एफ. की प्रभावशीलता को रिटर्न के अलावा, ट्रैकिंग में होने वाली त्रुटि के माध्यम से भी मापा जाता है। ट्रैकिंग में होने वाली त्रुटि के तहत इस बात पर भी ज़ोर दिया जाता है कि ई.टी.एफ. द्वारा चुने हुए सूचकांक को कितनी बारीकी से ट्रैक किया गया है।

भारत 22 ई.टी.एफ.

  • हाल ही में पेश किये गए भारत 22 ई.टी.एफ. के अंतर्गत सरकार को चयनित पी.एस.यू. में अपनी हिस्सेदारी को ई.टी.एफ. के रूप में सुरक्षित रखने की अनुमति दी गई है। इसके तहत सरकार विनिवेश के माध्यम से निवेशकों से पैसे जुटा सकती है। 
  • यह विशेष रूप से निर्मित एस.एंड.पी. बी.एस.ई. भारत 22 इंडेक्स को ट्रैक करने के लिये निर्मित किया गया है, जिसे एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रबंधित किया जाता है। 
  • यह सूचकांक 22 पी.एस.यू. शेयरों सहित कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियों से निर्मित है।
  • ई.टी.एफ. का लक्ष्य 8000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि प्राप्त करना है। 
  • योजना की 25 प्रतिशत यूनिट प्रत्येक श्रेणी के निवेशकों को आवंटित की जाएगी। 
  • इस ई.टी.एफ. में रिटायरमेंट फंड निवेशकों को अलग श्रेणी में रख गया है। विस्तार के मामले में खुदरा और रिटायरमेंट फंडों को प्राथमिकता देते हुए इन्हें अतिरिक्त भाग का आवंटन किया जाएगा। 
  • सभी निवेशकों के लिये 3 प्रतिशत का डिस्काउंट होगा। 
  • सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के 6 क्षेत्रों – वित्त, उद्योग, ऊर्जा, उपयोगिता, उपभोक्ता सामान तथा बुनियादी सामग्रियों - में शेयर लिये गए हैं। यह सामंजस्य सूचकांक को व्यापक और विविध बनाता है। 
  • सूचकांक घटकों में महारत्न और नौरत्न कंपनियाँ शामिल हैं जैसे – कोल इंडिया, गेल, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कारपोरेशन, तेल और प्राकृतिक गैस (ओएनजीसी), भारत पेट्रोलियम तथा राष्ट्रीय एलुमिनियम कंपनी (नालको), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक – भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और उपरोक्त तीन निजी क्षेत्र की कंपनियाँ।

यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • ई.टी.एफ. लागत प्रभावी होते हैं। चूँकि ये कोई स्टॉक (या सुरक्षा विकल्प) नहीं बनाते हैं, इसलिये ये स्टार फंड मैनेजर्स (star fund managers) की सेवाओं का उपयोग भी नहीं करते हैं। 
  • भारत में निफ्टी 50 और सेंसेक्स 30 ई.टी.एफ. अपने नेट एसेट वैल्यू (एन.ए.वी.) के 0.05 से 1% तक का वार्षिक खर्च शुल्क लगाते हैं, जबकि सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड एक साल में 2.5-3.25% का शुल्क लगाते हैं। 
  • लागतों के अलावा वर्तमान में वैश्विक निवेशकों के बीच ई.टी.एफ. के संबंध में उत्साह की तीन वज़हें और भी हैं। 
  • सर्वप्रथम, ई.टी.एफ. निवेशकों को एक विविध निवेश पोर्टफोलियो की पेशकश करते हुए फंड मैनेजर द्वारा खराब सुरक्षा के चयन के ज़ोखिम से बचने की अनुमति देता है। 
  • दूसरा कारण यह है कि इंडेक्स प्रदाताओं द्वारा न केवल सूचकांक के शेयरों का ध्यान से चयन किया जाता है बल्कि समय-समय पर पुनर्संतुलित भी किया जाता है। 
  • तथा तीसरा कारण यह है कि ई.टी.एफ. एक्सचेंजों के माध्यम से किसी भी समय तरलता की पेशकश करते हैं।

चिंता का कारण क्या है? 

  • विश्व स्तर पर ई.टी.एफ. की लोकप्रियता में काफी तेज़ी आई है। इसका प्रमुख कारण एक तो इनका शुल्क कम होना है और दूसरा इनकी सरल संरचना है। 
  • वस्तुतः पिछले कुछ समय से भारतीय ई.टी.एफ. का विस्तार हो रहा है। वर्तमान में चार प्रकार के ई.टी.एफ. पहले से ही उपलब्ध हैं - इक्विटी ई.टी.एफ., डेब्ट ई.टी.एफ., कमोडिटी ई.टी.एफ. और ओवरसीज़ इक्विटी ई.टी.एफ.। 
  • भारतीय इक्विटी ई.टी.एफ. द्वारा निफ्टी 50, निफ्टी नेक्स्ट 50, सेंसेक्स 30, निफ्टी 100 और बी.एस.ई. 100 को ट्रैक किया जाता है।
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