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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

5G टेलीकॉम और एयरलाइन सुरक्षा

  • 19 Jan 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

5G टेक्नोलॉजी, एयरलाइन सुरक्षा

मेन्स के लिये:

एयरलाइन सुरक्षा और समाधान पर 5G सेवाओं द्वारा उत्पन्न खतरा।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने चेतावनी दी है कि 5G तकनीक संवेदनशील नेविगेशन उपकरण, जैसे- अल्टीमीटर के साथ हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे "विनाशकारी व्यवधान" उत्पन्न हो सकता है।

  • अमेरिकी हवाई अड्डों के पास दूरसंचार कंपनियों द्वारा 5G के रोलआउट के कारण भारत आदि दुनिया भर की एयरलाइंस अपनी निर्धारित उड़ानों को अमेरिका में समायोजित कर रही हैं।

5G तकनीक

  • 5G 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद एक नया वैश्विक वायरलेस मानक है। 5G नेटवर्क एमएम वेव स्पेक्ट्रम में काम करेगा।
  • यह एक नए प्रकार के नेटवर्क को सक्षम बनाता है जिसे मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों सहित लगभग सभी को एक साथ जोड़ने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • 5G के हाई-बैंड स्पेक्ट्रम में इंटरनेट स्पीड को 20 Gbps (गीगाबिट्स प्रति सेकंड) के रूप में परीक्षण किया गया है, जबकि ज्यादातर मामलों में 4G में अधिकतम इंटरनेट डेटा स्पीड 1 Gbps दर्ज की गई है।
  • भारत में सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया (एसआईए) ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में मिलीमीटर वेव (मिमी वेव) बैंड को शामिल करने की सरकार की योजना पर चिंता व्यक्त की है।

प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:
    • स्पेक्ट्रम में आवृत्ति जितनी अधिक होगी सेवाएँ उतनी ही तेज़ गति से मिलेंगी। इसलिये 5G की पूर्ण क्षमता प्राप्त करने के लिये ऑपरेटर उच्च आवृत्तियों पर कार्य करना चाहते हैं।
    • नीलाम किये गए कुछ C बैंड (3.7 और 4.2 गीगाहर्ट्ज़ के बीच एक रेडियो फ़्रीक्वेंसी बैंड) स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल सैटेलाइट रेडियो के लिये किया गया था लेकिन 5जी में संक्रमण बहुत अधिक व्यस्त होगा।
    • नई C बैंड 5जी सेवा बड़ी संख्या में विमानों को अनुपयोगी बना सकती है, जिससे अमेरिकी उड़ानों में अफरातफरी मच सकती है और हज़ारों अमेरिकी विदेशों में फंस सकते हैं।
  • चिंताएँ:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ष 2021 की शुरुआत में C बैंड में लगभग 80 बिलियन अमेरिकी  डॉलर में मोबाइल फोन कंपनियों को मिड-रेंज 5G बैंडविड्थ की नीलामी की है।
    • एफएए ने चेतावनी दी कि 4.2-4.4 गीगाहर्ट्ज़ रेंज में कार्य कर रहे अल्टीमीटर, जो यह मापते हैं कि एक हवाई जहाज़ ज़मीन से कितनी ऊँचाई पर यात्रा कर रहा है, की कार्यप्रणाली में बाधा आ सकती है, जो C रेंज की आवृत्ति के समान है।
      • ऊँचाई के अलावा अल्टीमीटर रीडआउट का उपयोग स्वचालित लैंडिंग की सुविधा के लिये और विंड शीयर नामक खतरनाक धाराओं का पता लगाने में मदद के लिये भी किया जाता है।
    • कंपनियों ने तर्क दिया है कि C बैंड 5G को विमानन हस्तक्षेप के मुद्दों के बिना लगभग 40 अन्य देशों में तैनात किया गया है। वे हस्तक्षेप के जोखिम को कम करने हेतु छह महीने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 50 हवाई अड्डों को बफर ज़ोन के लिये सहमत हुए हैं, जो फ्राँँस में उपयोग किये जाते हैं।
  • उपाय
    • अल्पावधि में कंपनियाँ उड़ानों में एक व्यवधान को रोकने के लिये प्रमुख हवाई अड्डों के पास कुछ वायरलेस टावरों को अस्थायी रूप से बंद करने पर सहमत हुईं हैं।
    • दीर्घावधि में यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के लिये अमेरिकी वाणिज्यिक हवाई जहाज़ बेड़े के बड़ी संख्या को कम करने और कई हवाई अड्डों पर कम दृश्यता लैंडिंग करने की अनुमति देना अनिवार्य है, जहाँ 5G सी-बैंड तैनात किया जाएगा। इसका अर्थ एल्टीमीटर (Altimeters) को 5G बेस स्टेशनों के पास संचालित करने के लिये प्रमाणित करने से है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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