लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

महिला प्रौद्योगिकी पार्क

  • 31 Jul 2017
  • 3 min read

संदर्भ
वारंगल में सरकारी एजेंसियों की मदद से एस.आर. इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा स्थापित अपने तरह का पहला महिला प्रौद्योगिकी पार्क ग्रामीण गरीबों के लिये वरदान साबित हो रहा है। यह पार्क महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रमुख बिंदु 

  • कुछ करने और सीखने की इच्छुक महिलाओं को पहचान कर उन्हें एस.आर. इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा स्थापित महिला प्रौद्योगिकी पार्क में लाया जा रहा है, ताकि उनको नवीनतम तकनीक और उद्यमी विचारों के प्रति जागरूक किया जा सके। 
  • महिलाओं को यहाँ निर्माण प्रौद्योगिकी, पीतल की वस्तुओं का निर्माण और केले के फाइबर से धागे की तैयारी के अलावा और भी बहुत कुछ सिखाया जा रहा है। 
  • इस प्रशिक्षण से उत्साहित होकर महिलाएँ अपनी मशीन खरीदना चाहती हैं और स्वयं उत्पादन करना चाहती हैं। 
  • महिला प्रौद्योगिकी पार्क विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत समता, सशक्तीकरण और विकास प्रभाग द्वारा प्रायोजित है। 
  • यह अब बुनाई, धातु कला के बर्तन, केला फाइबर निष्कर्षण, निर्माण और आवास सेवाओं, कृषि और वन-आधारित प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों से संबंधित ग्रामीण प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और प्रसार में लगा हुआ है। 

उद्देश्य

  • महिला प्रौद्योगिकी पार्क का उद्देश्य इस क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण प्रौद्योगिकियों के संपूर्ण और एकीकृत विकास के साथ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर करना था। 
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 43 में यह उपबंध किया गया है कि राज्य, उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को कम, निर्वाह मज़दूरी, शिष्ट जीवन स्तर और अवकाश का सम्पूर्ण उपभोग सुनिश्चित करने वाली काम की दशाएं तथा सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर प्राप्त करने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया ग्रामों में कुटीर उद्योग को व्यक्तिगत या सहकारी आधार पर बढ़ाने का प्रयास करेगा।  
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2