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क्यों चिंताजनक हैं असुरक्षित बॉयलर?

  • 06 Nov 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

रायबरेली  स्थित एनटीपीसी के ऊँचाहार बिजली संयंत्र में हाल ही में हुए बॉयलर विस्फोट ने खतरनाक औद्योगिक कार्यों के लिये निरीक्षण और प्रोटोकॉल के महत्त्व को एक बार फिर से रेखांकित किया है।

बॉयलरों का विनियमन

  • उच्च दबाव वाले बॉयलर उच्च जोखिम वाले उद्योगों के तहत आते हैं, जिन्हें विशेष कानूनों के ज़रिये सख्त नियंत्रण में रखा जाता है।
  • भारतीय बॉयलर अधिनियम, 1923 (Indian Boilers Act, 1923) का मूल उद्देश्य इन इकाइयों की गुणवत्ता और रखरखाव के मानक तय करना है, ताकि लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

रायबरेली में दुर्घटना के कारण

  • सरकार जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करने में बुरी तरह से विफल रही है। दरअसल इन इकाइयों की गुणवत्ता और रखरखाव के मानकों के संबंध में समुचित प्रयासों का अभाव रहा है।
  • ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन की कवायद में सरकार ने महत्त्वपूर्ण सुरक्षा नियमों में ढील दी है।
  • बॉयलरों के मामले में स्वयं-प्रमाणीकरण और ‘थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन’ (किसी तीसरे पक्ष द्वारा प्रमाणन) को नीति निर्माताओं से भी समर्थन मिला है, जिसके कारण सुरक्षा मानकों के संबंध में जवाबदेही तय करना मुश्किल हो गया है।

आगे की राह

  • मज़बूत विनियामक तंत्र: ऊँचाहार दुर्घटना से पता चलता है कि खतरनाक औद्योगिक गतिविधि के लिये एक पारदर्शी विनियामक तंत्र का अभाव है। अतः हमें मज़बूत विनियामक तंत्र की ज़रूरत है।
  • रिपोर्टिंग: श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण से समझौता नहीं किया जा सकता है। अतः दुर्घटना रिपोर्टिंग के लिये एक सख्त दृष्टिकोण अपनाना होगा, ताकि विनियमन की खामियों को पहचाना जा सके और उनका उन्मूलन किया जा सके।
  • प्रशासनिक सुधार: प्रायः यह देखा जाता है कि इन उद्योगों के निरीक्षण की ज़िम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्तता के कारण पारदर्शी विनियमन सुनिश्चित नहीं करा पाते हैं। अतः प्रशासनिक सुधार भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

  • दरअसल, यह दुर्घटना पूरी तरह से रोकी जा सकती थी, क्योंकि बॉयलरों को ऐसे डिज़ाइन किया जाता है कि जैसे ही दबाव खतरनाक स्तर तक बढ़ता है, स्वतः सुरक्षा चेतावनी जारी हो जाती है।
  • यह सुनिश्चित करने के लिये कि ये सभी सुविधाएँ काम कर रही हैं या नहीं? समय-समय पर उनका निरीक्षण किया जाना चाहिये, ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।
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