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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

महिला उद्यमियों की सहायता के लिये कॉन्सॉर्टियम

  • 09 Jun 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

यूएन-इंडिया बिज़नेस फोरम और नीति आयोग के महिला उद्यमी प्लेटफॉर्म ने महिला उद्यमियों को उनके व्यापार प्रतिष्ठान और उसके उत्थान में मज़बूती प्रदान करने के लिये एक कॉन्सॉर्टियम यानी सहायता-संघ (consortium) का गठन किया है।

कॉन्सॉर्टियम का उद्देश्य 

  • परामर्श और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करके स्टार्ट-अप निवेश में लैंगिक असमानता को कम करना।
  • महिला उद्यमियों के लिये वित्तीय और बाज़ार संयोजन (linkage) में तेज़ी लाना।
  • निवेश के लिये ठोस पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर महिलाओं की उद्यमिता को मज़बूत करना।

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • महिला उद्यमियों की पहचान प्रमुख भागीदारों डब्ल्यूईपी, यूएन वीमेन और यूएनडीपी के माध्यम से की जाएगी।
  • संयुक्त वक्तव्य के अनुसार यह पूंजीपतियों, प्रभावी निवेशकों, अंतर्राष्ट्रीय दाताओं, वित्तपोषक एजेंसियों, निजी क्षेत्र के भागीदारों और राज्य सरकारों सहित महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों को एक साथ लाएगा।
  • कॉन्सॉर्टियम सचिवालय तब संबंधित सदस्यों के साथ उनके अनुरोधों के अनुसार उद्यमियों से जुड़ जाएगा।
  • यदि "पूर्ण क्षमता" के साथ महिलाएँ पुरुषों के समान अर्थव्यवस्था में भाग लेती हैं, तो वे 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2.9 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकती हैं।
  • हालाँकि, भारतीय महिला उद्यमियों को निवेशकों तक पहुँचने और पूंजी जुटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • सतत् विकास में 2030 तक दुनिया भर में 12 ट्रिलियन डॉलर का बाज़ार पैदा करने की क्षमता है।
  • एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को कार्यान्वित करने के लिये एक वर्ष में 5 ट्रिलियन डॉलर की ज़रूरत है।
  • एसडीजी लागू करने पर निवेश पर सालाना लगभग 30 बिलियन डॉलर की वापसी हो सकती है।
  • यूएन-इंडिया बिज़नेस फोरम, वित्तीय संस्थानों और सरकार का लक्ष्य भारत की तीव्र वृद्धि में और तेज़ी लाना तथा एसडीजी को हासिल करना है।
  • वित्त के लिये प्रमुख भागीदारों में एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अंबुजा सीमेंट, टाटा हाउसिंग और लिंक्डइन शामिल हैं, जबकि कैडिला फ़ार्मास्यूटिकल्स, फिलिप्स इंडिया और टाटा केमिकल्स जैसी स्वास्थ्य और पोषण कंपनियाँ वित्तीय भागीदार के रूप में शामिल हैं।
  • इसके साथ-साथ 2017 में कर्नाटक सरकार द्वारा एलिवेट 100 नामक एक कार्यक्रम भी लॉन्च किया गया, जिसमें राज्य उद्यमियों को अनुदान प्रदान किया गया, इसके अंतर्गत महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
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