लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कश्मीर पर यूके की लेबर पार्टी की टिप्पणी

  • 13 May 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

लेबर पार्टी के घोषणापत्र में भारत

मेन्स के लिये:

लेबर पार्टी एवं भारतीय प्रवासियों के संबंधों का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी के नव-निर्वाचित नेता कीर स्टारमर (Keir Starmer) द्वारा लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (Labour Friends of India-LFI) समूह के साथ अपने पहले संवाद के दौरान कहा गया कि कश्मीर ‘भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे शांतिपूर्वक हल किया जा सकता था’।

प्रमुख बिंदु:

  • स्टारमर द्वारा ‘लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ के समहू के साथ अपने वक्तव्य में भारत के साथ मज़बूत व्यापारिक संबंध बनाने पर ज़ोर दिया गया।
  • कीर स्टारमर द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि उनके नेतृत्त्व की लेबर पार्टी सरकार द्वारा भारत के साथ मज़बूत व्यापारिक संबंध कायम करने के अलावा वैश्विक मंच पर जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग करने के लिये दृढ़ संकल्पित होगी।

लेबर पार्टी का पूर्व रुख:

  • पिछले कुछ समय से भारतीय डायस्पोरा के साथ लेबर पार्टी के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।
  • इन संबंधों में तनाव की स्थिति विशेष रूप से तब ओर बढ़ी जब इसके प्रतिनिधियों द्वारा सितंबर 2019 में एक आपातकालीन नीति प्रस्ताव पारित कर अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भारत के फैसले की आलोचना की। पार्टी द्वारा कहा गया कि कश्मीर के संबंध में वहाँ के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिये।

लेबर पार्टी एवं भारतीय प्रवासियों के संबंधों का महत्त्व:

  • ब्रिटेन में भारतीय सबसे बड़े प्रवासी जातीय समुदाय के रूप में हैं, जिनकी संख्या 1.5 मिलियन से भी अधिक है।
  • ब्रिटेन की कुल आबादी में भारतीय का प्रतिशत 2.3 से भी अधिक है जो किसी भी पार्टी के लिये एक महत्त्वपूर्ण वोट बैंक हो सकता हैं।
  • वर्ष 2017 के आम चुनावों में ब्रिटेन में रहने वाले 50 प्रतिशत भारतीयों ने लेबर को वोट दिया था।

लेबर पार्टी के घोषणापत्र में भारत:

भारत की स्वंत्रता के पहले से ही, ब्रिटेन के कई ‘चुनाव घोषणा पत्रों’ में भारत से संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाता रहा हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण मुद्दे इस प्रकार हैं -

  • वर्ष 1945 में भारत की स्वंत्रता का मुद्दा लेबर पार्टी के ‘चुनावी घोषणापत्र’ में शामिल किया गया था जिसमें भारतीयों के लिये ज़िम्मेदार स्व-सरकार (Self-Government) प्रदान करने की बात शामिल थी।
  • वर्ष 1947 में क्लीमेंट रिचर्ड एटली (Clement Richard Attlee) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने जिनके द्वारा भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम,1947 पारित किया गया था।
  • वर्ष 2019 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए एक औपचारिक माफीनामा।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2