लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

राम मंदिर के निर्माण के लिये ट्रस्ट

  • 06 Feb 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सर्वोच्च न्यायालय, अनुच्छेद 142, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र

मेन्स के लिये:

ट्रस्ट के गठन से संबंधित मुद्दे, अनुच्छेद 142 और सर्वोच्च न्यायालय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राम मंदिर के निर्माण के लिये एक 15 सदस्यीय ट्रस्ट के गठन को मंज़ूरी दे दी है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • राम मंदिर के निर्माण के लिये ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।
  • केंद्र सरकार द्वारा इस ट्रस्ट में 15 सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है जिसमें एक ट्रस्टी अनिवार्य रूप से दलित जाति से होगा।
  • ध्यातव्य है कि 9 नवंबर, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में निर्णय देते हुए सरकार को मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था।

ट्रस्ट से संबंधित मुख्य बातें

  • आधिकारिक सूचना के अनुसार, मंदिर निर्माण के लिये लगभग 67 एकड़ भूमि ट्रस्‍ट को हस्‍तांतरित की जाएगी। साथ ही अयोध्‍या मामले में उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देश के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि दी जाएगी।
  • केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिये ट्रस्ट को 1 रुपए का सांकेतिक अनुदान दिया है।
  • ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण और उसके रखरखाव के लिये धन जुटाने की पूरी छूट प्राप्त होगी तथा इसके गठन के बाद सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।
  • ट्रस्ट को अपने क्रियाकलापों एवं उद्देश्यों में परिवर्तन संबंधी लगभग सभी अधिकार प्राप्त हैं किंतु ट्रस्ट की मौजूदा संरचना में बदलाव का अधिकार नहीं होगा।
  • इसके अतिरिक्त ट्रस्ट को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान की गई है किंतु इसे अचल संपत्ति को बेचने का अधिकार नहीं होगा।

सदस्यों की नियुक्ति

  • ट्रस्ट के 9 सदस्यों के नाम ट्रस्ट के गठन के साथ ही निर्धारित कर दिये गए हैं, जबकि अन्य सदस्यों में एक-एक सदस्य को केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मनोनीत किया जाएगा तथा अन्य दो सदस्यों को ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा।
  • अयोध्या के ज़िला मजिस्ट्रेट इस ट्रस्ट के पदेन सदस्य होंगे जो अन्य दो सदस्यों के चुनाव में भाग नहीं लेंगे।
  • एक अन्य पदेन सदस्य ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर कॉम्प्लेक्स के विकास व प्रशासनिक देखरेख के लिये बनने वाली कमेटी का अध्यक्ष होगा।
  • केंद्र सरकार द्वारा नामित सदस्य एक आईएएस अधिकारी होगा जो जॉइंट सेक्रेटरी से नीचे की रैंक का अधिकारी नहीं होना चाहिये। यह अधिकारी केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत होना चाहिये।
  • राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य भी आईएएस अधिकारी होगा और राज्य सरकार के तहत कार्यरत होगा। इसकी रैंक सेक्रेटरी से नीचे की नहीं होनी चाहिये।
  • इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस ट्रस्ट में एक सदस्य निर्मोही अखाड़ा से अनिवार्य रूप से होना चाहिये।
  • अन्य सदस्यों का चयन ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा ही किया जाएगा।

track-temple

नियुक्ति के लिये अनिवार्य शर्त

  • ट्रस्ट के सभी सदस्यों का हिंदू धर्मावलंबी होना अनिवार्य है।

सदस्यता खत्म करने की शर्तें

  • सदस्यों को ट्रस्ट से केवल निम्नलिखित शर्तों के आधार पर ही बाहर किया जा सकता है:
    • सदस्य की मृत्यु हो जाने पर
    • इस्तीफा देने पर
    • पागल, दिवालिया, अपराधी या अयोग्य घोषित होने पर उसकी सदस्यता खत्म की जा सकती है।
    • किंतु ट्रस्ट में शामिल के परासरन को हटाने का अधिकार अन्य सदस्यों को नहीं होगा वे जीवनपर्यंत इस ट्रस्ट के सदस्य बने रहेंगे।
  • ट्रस्ट के हित में किसी सदस्य को हटाने का फैसला मतदान द्वारा दो-तिहाई बहुमत के आधार पर होगा।

ट्रस्ट के गठन का उद्देश्य

  • ट्रस्ट के गठन का मुख्य उद्देश्य मंदिर निर्माण एवं निर्माण के पश्चात् मंदिर की देखरेख करना है।

इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश

  • सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में केंद्र सरकार को अयोध्या अधिनियम, 1993 के अंतर्गत कुछ क्षेत्रों के अधिग्रहण के तहत मंदिर के निर्माण के अधिकार के साथ ट्रस्टियों के साथ-साथ ट्रस्ट या किसी अन्य उपयुक्त निकाय की स्थापना केलिये निर्देशित किया था।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 में निहित शक्तियों के आधार पर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के एक सदस्य की अनिवार्यता को निर्धारित किया है।
  • न्यायालय ने केंद्र सरकार को ट्रस्ट की संरचना, प्रबंधन, ट्रस्टियों की शक्तियाँ, मंदिर निर्माण एवं अन्य सभी आवश्यक, आकस्मिक और पूरक मामलों के संदर्भ में अनिवार्य प्रावधान करने का निर्देश दिया था।
  • इस ट्रस्ट को अन्य अधिग्रहीत भूमि के साथ-साथ आंतरिक और बाहरी प्रांगणों पर कब्ज़ा मिलेगा जिसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा प्रबंधित और विकसित किया जाएगा।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2