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ड्रोन के लिये ‘ट्रैफिक मैनेजमेंट फ्रेमवर्क’

  • 27 Oct 2021
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

यातायात प्रबंधन फ्रेमवर्क

मेन्स के लिये:

भारत में ड्रोन के संचालन से संबंधित नियम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन के लिये यातायात प्रबंधन नीति फ्रेमवर्क’को अधिसूचित किया है। इसे ‘बियॉन्ड विज़ुअल लाइन ऑफ साइट’ (बीवीएलओएस) ड्रोन संचालन की अनुमति देने की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है।

प्रमुख बिंदु 

  • यातायात प्रबंधन फ्रेमवर्क: नियमों में सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने हेतु निजी, तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं की परिकल्पना की गई है।
    • फ्रेमवर्क के तहत ‘मानव रहित यातायात प्रबंधन सेवा प्रदाता’ (UTMSP) पारंपरिक वायु यातायात प्रबंधन (ATM) प्रणालियों की तरह ध्वनि संचार के बजाय स्वचालित, एल्गोरिथम-संचालित सॉफ्टवेयर सेवाओं का विस्तार करेंगे।
  • नियमन का दायरा: सभी ड्रोन (ग्रीन ज़ोन में काम कर रहे नैनो ड्रोन को छोड़कर) को नेटवर्क के माध्यम से अपनी वास्तविक समय स्थिति साझा करने की आवश्यकता होगी।
    • कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों की इससे संबंधित जानकारी तक पहुँच होगी।
  • UTMSP का दायित्व: वे मुख्य रूप से देश में 1,000 फीट से नीचे के हवाई क्षेत्र में विभिन्न ड्रोन और मानवयुक्त विमानों से एक-दूसरे को अलग करने तथा सुरक्षित करने हेतु उत्तरदायी होंगे।
    • UTMSP को ‘सप्लीमेंट्री सर्विस प्रोवाइडर्स’ (SSPs) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी, जो क्षेत्र, मौसम, मानवयुक्त विमानों के स्थान के बारे में डेटा एकत्रित करेंगे और बीमा, डेटा एनालिटिक्स तथा ड्रोन फ्लीट मैनेजमेंट जैसी सेवाएँ प्रदान करेंगे।
  • विनियामक प्राधिकरण: डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म सरकारी हितधारकों के लिये ड्रोन ऑपरेटरों को मंज़ूरी और अनुमति प्रदान करने के लिये इंटरफेस बना रहेगा।
    • डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म भारत में ड्रोन से संबंधित गतिविधियों के लिये एंड-टू-एंड गवर्नेंस प्रदान करता है।
  • वित्तीय प्रावधान: यह नीति यूटीएमएसपी को उपयोगकर्त्ताओं पर सेवा शुल्क लगाने की भी अनुमति देती है, जिसका एक छोटा हिस्सा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ भी साझा किया जाएगा।
  • नियमों का महत्त्व: भारत ने मानव रहित विमानों का उपयोग करके माल की डिलीवरी जैसे उन्नत उपयोग के मामलों को सक्षम करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है और मानव रहित विमानों का उपयोग करके यह मानव परिवहन की भी संभावना तलाश रहा है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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