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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

छोटे ब्लैक होल डार्क मैटर के मुख्य घटक नहीं

  • 04 Apr 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधानकर्त्ताओं की एक टीम ने इस सैद्धांतिक दावे को खारिज किया है कि ब्लैक होल डार्क मैटर के मुख्य घटक हैं। गौरतलब है कि इस अनुसंधान के निष्कर्ष प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग के सैद्धांतिक दावों को भी खारिज करते हैं।

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA), पुणे के अनुसंधानकर्त्ताओं की टीम ने एंड्रोमेडा आकाशगंगा का अवलोकन किया जिसमें लाखों तारे हैं।
  • इस अवलोकन का उद्देश्य ग्रेविटेशनल लेंसिंग की परिघटना को चिह्नित करना था जिससे डार्क ब्लैक होल्स की उपस्थिति का परीक्षण किया जा सके।
  • गौरतलब है कि ब्लैक होल्स के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव की वज़ह से प्रकाश की किरणें ब्लैक होल्स की तरफ झुक जाती हैं और तारे (जिससे प्रकाश आ रहा हो) की चमक बढ़ जाती है। इस परिघटना को ग्रेविटेशनल लेंसिंग कहा जाता है।

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  • यह दुर्लभ परिघटना केवल तभी घटित होती है जब तारा, ब्लैक होल और पृथ्वी पर उपस्थित प्रेक्षक एक सीधी रेखा में हों।
  • यदि पूरे अंतरिक्ष में छोटे-छोटे ब्लैक होल उपस्थित हैं (जैसा कि स्टीफन हॉकिंग की अवधारणा थी) तो एंड्रोमेडा आकाशगंगा के अवलोकन के दौरान ग्रेविटेशनल लेंसिंग की कम-से-कम हज़ारों परिघटनाएँ होनी चाहिये थीं। किंतु अनुसंधानकर्त्ताओं ने ग्रेविटेशनल लेंसिंग की केवल एक परिघटना का अवलोकन किया।
  • इसका तात्पर्य यह है कि स्टीफन हॉकिंग की अवधारणा (ब्लैक होल डार्क मैटर के मुख्य घटक हैं) गलत है।

डार्क मैटर

  • ऐसी परिकल्पना की गई है कि डार्क मैटर (हालाँकि कभी भी नहीं पाया गया) पूरे ब्रह्मांड के 85% हिस्से में मौजूद है।
  • गुरुत्वाकर्षण की उपस्थिति की वज़ह से इसे मैटर तथा प्रकाश (या विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम) को प्रभावित न करने की वज़ह से इसे डार्क माना जाता है।
  • इसका गुरुत्वाकर्षण बल हमारी आकाशगंगा में तारों को दूर जाने से रोकता है।

ब्लैक होल्स

  • ब्लैक होल्स अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्वबल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता। चूँकि इनसे प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता, अतः हमें ब्लैक होल दिखाई नहीं देते, वे अदृश्य होते हैं।
  • हालाँकि विशेष उपकरणों से युक्त अंतरिक्ष टेलीस्कोप की मदद से ब्लैक होल की पहचान की जा सकती है। ये उपकरण यह बताने में भी सक्षम हैं कि ब्लैक होल के निकट स्थित तारे अन्य प्रकार के तारों से किस प्रकार भिन्न व्यवहार करते हैं।

प्रारंभिक ब्लैक होल्स

  • जब बिग-बैंग की परिकल्पना की गई थी, तब दो सोवियत भौतिकविदों- याकोव बोरिसोविच ज़ेलिदोविच और इगोर दिमित्रिविच नोविकोव ने यह प्रदर्शित किया था कि बिग-बैंग के शुरुआती चरण में कई बिंदुओं पर घनत्व बहुत अधिक रहा होगा, जिसके परिणामस्वरूप छोटे ब्लैक होल्स का निर्माण हुआ होगा।
  • इन्हें प्रारंभिक ब्लैक होल्स (Primordial Black Holes) नाम दिया गया था।
  • स्टीफन हॉकिंग ने 1971 में इनकी जाँच की थी। उन्होंने पाया कि प्रारंभिक ब्लैक होल का द्रव्यमान एक मिलीग्राम के सौवें हिस्से से भी कम और एक हज़ार सूर्यों के द्रव्यमान से भी अधिक हो सकता है।

स्रोत- द हिंदू

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