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स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड

  • 20 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ (Stop TB Partnership Board) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

  • वह जुलाई 2021 से आगामी तीन वर्ष के कार्यकाल तक ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।

प्रमुख बिंदु:

स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड के विषय में:

  • इसकी स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में तपेदिक को समाप्त करने हेतु आज्ञापित है।
  • मार्च 1998 में लंदन में आयोजित ‘तपेदिक महामारी पर तदर्थ समिति’ (Ad Hoc Committee on the Tuberculosis Epidemic) के प्रथम सत्र की बैठक के बाद इस संगठन की परिकल्पना की गई थी।
  • अपनी स्थापना के प्रथम वर्ष में ही एम्स्टर्डम घोषणा (Amsterdam Declaration) के माध्यम से स्टॉप टीबी पार्टनरशिप ने टीबी से सर्वाधिक प्रभावित 20 देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों से सहयोगात्मक कार्रवाई का आह्वान किया।
  • वर्ष 2019 में इसने टीबी समाप्ति के लिये अद्यतन वैश्विक योजना “Global Plan to End TB 2018-2022” लॉन्च की।
  • ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ द्वारा प्रतिवर्ष ऐसे व्यक्तियों और/या संगठनों को कोचोन पुरस्कार (Kochon Prize) प्रदान किया जाता है, जिन्होंने टीबी का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
    • कोरिया गणराज्य में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी फाउंडेशन, कोचोन फाउंडेशन द्वारा दिये जाने वाले इस पुरस्कार के तहत 65,000 अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।
  • इसका सचिवालय स्विट्ज़रलैंड, जिनेवा में स्थित है

टीबी से अत्यधिक प्रभावित देश:

  • वर्ष 2019 में टीबी के कुल नए मामलों में से 87% मामले उन 30 देशों से थे जो टीबी से उच्च रूप से प्रभावित हैं।
  • टीबी के कुल नए मामलों में से दो-तिहाई मामलों के लिये केवल आठ देश उत्तरदायी हैं। WHO की वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट (Global Tuberculosis Report) के अनुसार,  टीबी के सर्वाधिक मामले भारत में पाए गए हैं, इसके बाद क्रमशः इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका का स्थान है।

भारतीय परिदृश्य:

  • अनुमानित 2.64 मिलियन टीबी रोगियों के साथ भारत विश्व स्तर पर टीबी से सर्वाधिक प्रभावित देश है।
  • हाल ही में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप और मेडिसिन सेंस फ्रंटियर्स/डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) की ‘स्टेप अप फॉर टीबी’ रिपोर्ट ने दवा प्रतिरोधी टीबी के उपचार हेतु नई दवाओं के बारे में भारत के रूढ़िवादी दृष्टिकोण को उजागर किया है, जो रोगियों (जिसमें बच्चे भी शामिल हैं) के जीवन को खतरे में डालते हैं।

भारत द्वारा उठाए गए कदम:

  • भारत ने वर्ष 2025 तक देश में टीबी के उन्मूलन हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
    • जो कि वैश्विक समय-सीमा वर्ष 2030 से पाँच वर्ष पूर्व है।
  • टीबी उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय रणनीति योजना 2017-2025:
    • यह योजना वर्ष 2025 तक भारत में टीबी के नियंत्रण और उन्मूलन के लिये शुरू की गई है, जो चार रणनीतिक स्तंभों (DTPB) पर आधारित है। ये चार स्तंभ हैं:
      • पता लगाना (Detect), 
      • उपचार करना (Treat), 
      • रोकथाम (Prevent) और 
      • निर्माण (Build)
    • टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान, निक्षय पोषण योजना इत्यादि।

वैश्विक प्रयास:

  • WHO की एंड टीबी स्ट्रेटेजी। 
  • प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस/विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है  जिसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था टीबी के प्रभाव को रेखांकित करना है।

क्षय रोग/तपेदिक

  • टीबी या क्षय रोग बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होता है जो फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है।
  • संचार: टीबी एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाँसी, छींकने या थूकने के दौरान हवा के माध्यम से या फिर संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। 
  • लक्षण: इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में बलगम और खून के साथ खाँसी, सीने में दर्द, कमज़ोरी, वज़न कम होना तथा बुखार इत्यादि लक्षण देखे जाते हैं। 

स्रोत: पी.आई.बी.

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