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शासन व्यवस्था

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन

  • 09 Dec 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन, प्रोविज़न ऑफ अर्बन एमेनिटीज़ इन रूलर एरिया

मेन्स के लिये 

ग्रामीण-शहरी विभाजन, शहरीकरण के कारण उत्पन्न मुद्दे

चर्चा में क्यो?

लोकसभा में प्रस्तुत की गई सूचना के अनुसार, ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन’ (SPMRM) ने पिछले चार वर्षों में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन
    • यह ग्रामीण क्षेत्रों में एकीकृत परियोजना आधारित बुनियादी अवसंरचना को वितरित करने हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है, जिसमें आर्थिक गतिविधियों का विकास और कौशल विकास भी शामिल है।
      • ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन’ के कार्यान्वयन से पूर्व ‘प्रोविज़न ऑफ अर्बन अमेनिटीज़ टू रूरल एरियाज़’ (PURA) को लागू किया गया था, जिसकी घोषणा वर्ष 2003 में की गई थी।
    • इस योजना का मुख्य उद्देश्य विशेष तौर पर आर्थिक, तकनीकी और सुविधाओं एवं सेवाओं के क्षेत्र में ग्रामीण-शहरी विभाजन को कम करना है।
  • पृष्ठभूमि
    • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 6 लाख से अधिक गाँव हैं जबकि लगभग 7,000 कस्बे और शहरी केंद्र मौजूद हैं। कुल जनसंख्या में से ग्रामीण जनसंख्या 69% और शहरी जनसंख्या 31% है।
      • लगभग 70% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कुल श्रम शक्ति का लगभग 50% अभी भी कृषि पर निर्भर है, जो पर्याप्त उत्पादक नहीं है।
      • देश की  सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि का योगदान केवल 14% है जबकि उद्योगों और सेवा क्षेत्र के लिये यह योगदान क्रमशः 26% और 60% है।
    • देश में ग्रामीण क्षेत्रों के बड़े हिस्से केवल अकेली बस्तियाँ नहीं हैं, बल्कि बस्तियों के समूह का एक हिस्सा हैं, जो अपेक्षाकृत एक दूसरे के निकट मौजूद हैं। ये क्लस्टर आमतौर पर विकास की संभावनाओं का प्रतिनिधित्त्व करते हैं और आर्थिक चालक होते हैं तथा स्थानीय प्रतिस्पर्द्धा का लाभ प्रदान कर सकते हैं।
    • एक बार विकसित हो जाने के बाद इन समूहों को ‘रुर्बन’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन’ की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य आर्थिक, सामाजिक और भौतिक बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करके ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करना है।
  • रुर्बन क्लस्टर (गैर-आदिवासी और जनजातीय):
    • इनकी पहचान देश के ग्रामीण क्षेत्रों के रूप में की जाती है, जहाँ जनसंख्या घनत्व में वृद्धि, गैर-कृषि रोज़गार के उच्च स्तर, बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और अन्य सामाजिक आर्थिक मानकों की उपस्थिति आदि शहरीकरण के स्थितियाँ पाई जाती हैं।
    • ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन’ के प्रयोजनों हेतु ‘रुर्बन क्षेत्र’ लगभग 30 से 40 लाख की आबादी वाले 15-20 गाँवों के समूह को संदर्भित करता है।
    • ये क्लस्टर प्रायः भौगोलिक दृष्टि से सटे हुए ग्राम पंचायतें होती हैं, जिनकी आबादी मैदानी एवं तटीय क्षेत्रों में लगभग 25000 से 50000 और रेगिस्तानी, पहाड़ी या आदिवासी क्षेत्रों में 5000 से 15000 होती है।
  • राज्यों की भूमिका
    • राज्य सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई रूपरेखा के अनुसार क्लस्टरों की पहचान करती है।
    •  क्लस्टरों के चयन के लिये, MoRD द्वारा क्लस्टर चयन की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है जिसमें ज़िला, उप-ज़िला और ग्राम स्तर पर जनसांख्यिकी, अर्थव्यवस्था, पर्यटन तथा तीर्थस्थल का महत्त्व एवं परिवहन गलियारे के प्रभाव का एक उद्देश्य विश्लेषण शामिल है।
  • प्रगति: 
    • 300 रूर्बन क्लस्टर्स में से 291 इंटीग्रेटेड क्लस्टर एक्शन प्लान (ICAP) और 282 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 27,788.44 रुपए (क्रिटिकल गैप फंड + कन्वर्जेंस फंड) के प्रस्तावित निवेश के साथ विकसित किये गए हैं।
    • कुल 76,973 अनुमानित कार्यों में से कुल 40,751 (55%) कार्य या तो पूरे हो चुके हैं या पूरा होने के करीब हैं।
  • महत्त्व:
    • SPMRM ग्रोथ क्लस्टर बुनियादी ढाँचा, सुविधाएँ प्रदान करना और औद्योगीकरण को बढ़ावा देना सुनिश्चित करके शहरी प्रवास को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 
    • यह भारत के ग्रामीण विकास क्षेत्र में संक्रमणकालीन/ट्रांज़िशनल विकास के मुकाबले परिवर्तनकारी विकास सुनिश्चित करने के लिये बहुत प्रासंगिक है।

‘प्रोविज़न ऑफ अर्बन एमेनिटीज़ इन रूलर एरिया' (PURA)

  • परिचय:
    • PURA को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा जनवरी 2003 में तीव्र एवं सशक्त ग्रामीण विकास के लिये प्रस्तुत किया गया।
      • PURA 2.0 को एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में वर्ष 2012 में संभावित विकास केंद्रों जैसे-शहरी जनगणना के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुरू किया गया था।
    • ग्रामीण एवं शहरी विभाजन को कम करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों एवं शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसे शुरू किया गया था।
  • मिशन: 
    • ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये आजीविका के अवसर एवं शहरी सुविधाएँ प्रदान करने के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी ( Public Private Partnership- PPP) के माध्यम से एक ग्राम पंचायत (या ग्राम पंचायतों के एक समूह) में एक संभावित विकास केंद्र के आसपास सुगठित क्षेत्रों का समग्र और त्वरित विकास करना।
    • PURA के तहत दी जाने वाली सुविधाओं तथा आर्थिक गतिविधियों में जल एवं सीवरेज, गाँव की सड़कों का निर्माण एवं रखरखाव, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्किल डेवलपमेंट, गाँव की स्ट्रीट लाइटिंग, टेलीकॉम, बिजली उत्पादन, गाँव से जुड़े पर्यटन आदि को शामिल किया जाता है।

स्रोत: पीआईबी

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