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शासन व्यवस्था

ई-शासन पर शिलांग घोषणा पत्र

  • 21 Aug 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

8-9 अगस्‍त, 2019 को शिलांग (मेघालय) में ई-शासन पर 22वें राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के दौरान ई-शासन पर शिलांग घोषणा-पत्र (Shillong Declaration) को अंगीकार किया गया।

ई-शासन पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन

  • ई-शासन पर राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्राद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics & Information Technology- MeitY), भारत सरकार (Government of India) तथा मेघालय सरकार (State Government of Meghalaya) के सहयोग से प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms & Public Grievances-DARPG) ने किया।
  • ई-शासन पर 22वें राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का विषय था– ‘डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्‍कृष्‍टता’ (Digital India: Success to Excellence)

सम्मेलन के दौरान यह संकल्प लिया गया कि-

भारत सरकार और राज्य सरकारें सरकारी सेवाओं के साथ नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिये निम्नलिखित विषयों पर सहयोग करेंगी:

  1. भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा भारत एंटरप्राइज़ आर्किटेक्चर (India Enterprise Architecture-IndEA) का समय पर कार्यान्वयन कर सरकारी सेवाओं के साथ नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाना और देश भर में ई-गवर्नमेंट एप्लीकेशनों के बीच अंतःसक्रियता (Interoperability) और एकीकरण (Integration) के लिये एकल साइन-ऑन को बढ़ावा देकर सरकारी सेवाओं के साथ नागरिकों के अनुभव में सुधार करना।IndEa
  2. उत्तर पूर्वी (पूर्वोत्तर) राज्यों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये कदम उठाते हुए, ज़मीनी स्तर पर दूरसंचार कनेक्टिविटी के मुद्दों को संबोधित करके और व्यापक दूरसंचार विकास योजना तैयार करना और उसे लागू करना।
  3. सफल राज्य स्तरीय ई-गवर्नेंस परियोजनाओं और डोमेन-आधारित परियोजनाओं (Domain-Based Projects) के एकीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें सामान्य एप्लिकेशन सॉफ्वेयर (Common Application Software) के साथ स्थानांतरित करना।
  4. सेवा प्रदाता से सेवा सक्षमता के लिये सरकार की भूमिका में एक बड़ा बदलाव करके जीवन सुगमता (Ease of Living) और कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) सुनिश्चित करना।
  5. पूर्वोत्तर राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल की गतिविधियों को बढ़ाने के लिये कदम उठाना और शिलांग में एक इलेक्ट्रॉनिक्स कौशल केंद्र (Electronics Skill Center) खोलने की संभावना का पता लगाना।
  6. ई-ऑफिस के उपयोग को बढ़ावा देना और पूर्वोत्तर राज्यों के राज्य सचिवालयों और ज़िला स्तर के कार्यालयों में पेपर के कम प्रयोग को बढ़ावा देना।
  7. पूर्वोत्तर भारत में नागरिकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिये ई-सेवाओं के वितरण की गुणवत्ता में सुधार करना।
  8. भारत को वैश्विक क्लाउड हब के रूप में विकसित करना और डिफ़ॉल्ट रूप से क्लाउड पर सरकारी अनुप्रयोगों एवं डेटाबेस के विकास की सुविधा प्रदान करना।
  9. ई-गवर्नेंस का समाधान खोजने के लिये उभरती हुई तकनीकों को अपनाना।
  10. स्टार्टअप और स्मार्ट उद्यमिता (Smart Entrepreneurship) के माध्यम से स्मार्ट गाँवों एवं स्मार्ट शहरों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ डिजिटल इंडिया परियोजनाओं (Digital India Projects) को बढ़ावा देना।

ई-शासन

ई-शासन में ‘ई’ का तात्पर्य इलेक्ट्रॉनिक से लगाया जाता है। सामान्य रूप से ई-शासन का अर्थ है सरकारी क्रियाकलापों एवं परियोजनाओं आदि में सूचना संचार तकनीकी (ICT) का प्रयोग करते हुए लोक-कल्याणकारी राज्य के लक्ष्यों को प्राप्त करना।

ई-शासन के क्षेत्र में भारत सरकार की पहल

  • ई-कार्यालय (e-office)
  • वीज़ा एवं विदेशी रजिस्ट्रेशन एवं ट्रैकिंग (VFRT)
  • UID, पेंशन
  • बैंकिंग, पोस्ट ऑफिस आदि का कंप्यूटरीकरण
  • अपराध एवं अपराधियों से संबंधित नेटवर्क की मॉनीटरिंग
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ICT का प्रयोग
  • प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण योजना (DBT) का प्रयोग
  • ‘डिजिटल इंडिया’ नामक कार्यक्रम से लोग की ई-साक्षरता को बढ़ावा
  • एशिया के देशों के साथ तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार भारत को ई-तकनीक के क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता है।

ई-गवर्नेंस को लागू करने संबंधी तकनीकी अवसंरचना, महत्त्वपूर्ण मुद्दों की पहचान, कुशल मानव संसाधन एवं ई-साक्षर नागरिकों की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिये आवश्यक है कि डिजिटल असमानता को दूर करते हुए सभी को समान सूचना प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाएं।

स्रोत: PIB

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